अस्पताल से डॉक्टर को जबरन ले गई पुलिस, दो सिपाही लाइन हाजिर
Police Forcibly took the Doctor from the Hospital
Police Forcibly took the Doctor from the Hospital: उत्तर प्रदेश के इटावा में डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में बुधवार देर रात पुलिस और डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया. आरोप है कि पुलिस अधिकारी की मां की तबीयत बिगड़ने पर सिविल लाइन थाने के दरोगा अपने साथियों के साथ इमरजेंसी पहुंचे और वहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. राहुल बाबू तथा फार्मासिस्ट शरद यादव को अपने साथ ले गए. इस दौरान फार्मासिस्ट के साथ अभद्रता भी की गई. घटना से नाराज चिकित्सकों और कर्मचारियों ने गुरुवार सुबह हंगामा किया और करीब दो घंटे तक ओपीडी व दवा वितरण कक्ष बंद रखा.
डॉ. राहुल बाबू का आरोप है कि रात करीब 12 बजे पुलिसकर्मी इमरजेंसी में पहुंचे और एसएसपी की मां की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए उन्हें चलने को कहा. विरोध करने पर अभद्रता करते हुए जबरन अस्पताल से उठाकर ले जाया गया और उनका मोबाइल भी छीन लिया गया. बाद में एसएसपी चौराहे पर एसएसपी ने पुलिसकर्मियों को उन्हें छोड़ने का निर्देश दिया.
क्या था मामला?
जानकारी के मुताबिक, एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव की 88 वर्षीय मां का बीपी बढ़ गया था. इस पर उन्होंने सीएमएस से डॉक्टर का नंबर मांगा लेकिन देर होने पर सिविल लाइन पुलिस को डॉक्टर को लाने के लिए भेजा गया. डॉक्टर ने पुलिसकर्मियों पर जबरन साथ ले जाने का आरोप लगाया है. हालांकि सीसीटीवी फुटेज में जबरन ले जाने जैसी घटना नजर नहीं आई. बताया गया कि डॉक्टर खुद गए थे. बाद में एसएसपी ने डॉक्टर से खेद जताया और पुलिसकर्मियों ने भी माफी मांगी.
कर्मचारियों ने किया हंगामा
घटना की जानकारी पर राज्य कर्मचारी यूनियन, पीएमएस एसोसिएशन और फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे. आक्रोशित कर्मचारियों ने दो घंटे तक ओपीडी और दवा वितरण कक्ष बंद रखकर विरोध जताया, जिससे मरीजों को भारी दिक्कत हुई.
क्या बोले सीएमओ?
सीएमओ डॉ. वीके सिंह ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को जबरन उठाना गंभीर अपराध है और यह अपहरण की श्रेणी में आता है. आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
वहीं एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के बीच मिसकम्युनिकेशन हुआ था. पुलिसकर्मियों ने माफी मांगी है. यदि शिकायत मिली तो जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.