यूपी में प्राचीन खेरेश्वर मंदिर पर देवछठ मेले में युवतियों के अश्लील डांस, खूब लुटाए रुपए

Dance party at Devchhat fair in Aligarh

Dance party at Devchhat fair in Aligarh

Dance party at Devchhat fair in Aligarh: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के लोधा क्षेत्र में खैर रोड पर खेरेश्वर धाम मंदिर स्थित है, जो कि एक प्राचीन और पौराणिक सिद्ध पीठ है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम (दाऊजी) के साथ मथुरा से गंगा स्नान के लिए रामघाट जाते समय इस स्थल पर विश्राम किया था. इस दौरान श्रीकृष्ण और पांडवों ने यहां शिवलिंग की पूजा और हवन किया था.

इस कारण यह मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ. मंदिर का पौराणिक महत्व इसे भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनाता है. यहां सावन, महाशिवरात्रि, और विशेष रूप से देवछठ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. हाल ही में, 29 अगस्त को खेरेश्वर धाम मंदिर परिसर में आयोजित देवछठ मेले के दौरान एक विवादास्पद घटना सामने आई, जिसमें रशियन डांस करती हुई नजर आ री है.

महिला परिसर में हुआ अश्लील डांस

इस मेले को परंपरागत रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए जाना जाता है. हालांकि, देवछठ मेले के दौरान रशियन और भारतीय महिला डांसर अश्लील डांस करती हुई नजर आई है. इस कार्यक्रम में देर रात तक डांस हुआ था. इस दौरान डांसरों पर खूब नोटों की बारिश की गई. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों ने मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर इस तरह के आयोजन को लेकर कड़ा विरोध जताया है.

वायरल हुआ वीडियो

खेरेश्वर मंदिर, जो भगवान श्रीकृष्ण और पांडवों की आस्था से जुड़ा है. ऐसे में इस तरह के अश्लील डंसर को धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ माना गया. भक्तों और स्थानीय लोगों ने इसे मंदिर की पवित्रता का अपमान बताया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिखाया गया कि मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर महिला डांसर मंच पर ठुमके लगा रही थीं और आयोजक व दर्शक इसका आनंद ले रहे थे.

धार्मिक संगठनों ने जताया रोष

वायरल वीडियो के बाद स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने आयोजकों की कड़ी आलोचना की है. कुछ लोगों ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं. मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं से यह साफ है कि यह घटना धार्मिक और सामाजिक स्तर पर संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है.