ज्ञानवापी मामले में दो कमिश्नर आमने-सामने, देखें क्या हुई नोकझोंक

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi ) परिसर के सर्वे से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट ने हटा दिया है। इसके बाद रिपोर्ट जमा करने की जिम्मेदारी कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह के पास आ गई है। इस काम में अजय सिंह उनकी मदद करेंगे। अब अजय मिश्रा और विशाल सिंह एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अजय कुमार मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें धोखा मिला। विशाल सिंह की शिकायत पर उन्हें हटाया गया। इसके बाद विशाल सिंह ने सफाई दी, कहा- 'अजय कुमार मिश्र ने कोई गलती नहीं की थी। वो हमारे भाई की तरह हैं। उन्हें सब समझा दूंगा।'

अजय कुमार मिश्रा ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, 'मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मैंने विश्वास किया और मुझे धोखा मिला। उसमें भला मैं क्या कर सकता हूं...? मैंने फोटोग्राफर को रखा, उसने धोखा दिया। एडवोकेट विशाल सिंह से भी ऐसी उम्मीद नहीं थी। मुझे विशाल सिंह की शिकायत पर हटाया गया है। 
 

उन्होंने कहा, हमने 16 मई की रात 12 बजे तक साथ बैठकर रिपोर्ट तैयार की थी। मुझे नहीं पता था कि विशाल सिंह मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में दुखी हूं और इस बात का कष्ट रहेगा कि अपनी महत्त्वाकांक्षा पूरी करने के लिए विशाल सिंह ने हमें नीचा दिखाया। बाकी, विशाल सिंह का हृदय जानेगा। सर्वे की कार्रवाई को लेकर मैं संतुष्ट हूं। न्यायालय ने जो उचित समझा है, वह किया है। सर्वे के बारे में मैं कुछ नहीं बोलूंगा।

अजय मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए विशाल सिंह ने कहा, मैंने अजय कुमार मिश्र को हटाने के लिए कोई टिप्पणी नहीं की, बस स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा था। अजय कुमार मिश्र ने कोई गलती नहीं की थी। वो हमारे भाई की तरह हैं, हमेशा भाई रहेंगे। जल्द गलतफहमी को सुलझाकर हम साथ में रिपोर्ट दाखिल करेंगे।

17 मई को कोर्ट से की थी शिकायत
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए नियुक्त स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मंगलवार को आरोप लगाया था। कहा था- अजय कुमार मिश्रा रिपोर्ट तैयार करने के काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। वह सहयोग भी नहीं कर रहे हैं। अजय कुमार मिश्र के निजी कैमरामैन आरपी सिंह ने सर्वे से संबंधित गलत जानकारी मीडिया में लीक की है।

कोर्ट ने अजय कुमार मिश्रा को हटाने के बाद आदेश दिया है कि अब स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ही सर्वे रिपोर्ट तैयार करेंगे और असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह उनका सहयोग करेंगे।

8 अप्रैल को किया गया था नियुक्त
चोलापुर क्षेत्र निवासी अजय कुमार मिश्रा को आठ अप्रैल को कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। अजय ने छह मई को पहली बार ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू किया था। सात मई को सर्वे का काम रुक गया था। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकीलों ने तब आरोप लगाया था कि अजय कुमार मिश्रा पार्टी बनकर एकपक्षीय कार्रवाई कर रहे हैं। इसलिए उन्हें सर्वे के काम से हटाया जाए।

कोर्ट में इस पर वादी और प्रतिवादी पक्ष की तगड़ी बहस भी हुई थी। इसके बाद अदालत ने प्रतिवादी पक्ष की मांग को खारिज करते हुए अजय कुमार मिश्रा के अलावा स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर और असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर को भी सर्वे के काम के लिए नियुक्त किया था। तब जाकर 14 से 16 मई तक ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की कार्रवाई संपन्न हुई।