Turbines of Power Projects Started Running in Himachal after Facing Disaster like Flood in Rainy Season, 5502 MW Electricity Generated by Rotating Turbines in Power Projects

बरसात में बाढ़ जैसी आपदा झेलने के बाद हिमाचल में बिजली प्रोजेक्टों के टरबाइन चलाना किया शुरू, पावर प्रोजेक्टों में टरबाइनें घूमने से 5502 मेगावाट बिजली तैयार

Turbines of Power Projects Started Running in Himachal after Facing Disaster like Flood in Rainy Season, 5502 MW Electricity Generated by Rotating Turbines in Power Projects.

Turbines of Power Projects Started Running in Himachal after Facing Disaster like Flood in Rainy Sea

शिमला:बरसात में बाढ़ जैसी आपदा झेलने के बाद हिमाचल में बिजली प्रोजेक्टों के टरबाइन अब चलना शुरू हो गए हैं। शनिवार को हिमाचल ने कुल विद्युत उत्पादन क्षमता का 77 फीसदी लक्ष्य पार कर लिया था। यदि अगले एक-दो दिन में ज्यादा बारिश न हुई, तो विद्युत उत्पादन 100 फीसदी बहाल हो जाएगा। राज्य में वर्तमान में कुल विद्युत क्षमता 7216 मेगावाट की है। शनिवार को 5502 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। सतलुज बेसिन के सभी बड़े प्रोजेक्ट नाथपा झाकड़ी, करचम वांगतू और रामपुर इत्यादि शुरू हो गए हैं।

ब्यास बेसिन के भी अधिकांश प्रोजेक्ट चल पड़े हैं, लेकिन अभी चमेरा टू और थ्री के अलावा कुल्लू का पार्वती प्रोजेक्ट, बैरास्यूल और मलाणा जैसे प्रोजेक्ट नहीं चले हैं। काशंग और सैंज प्रोजेक्ट भी अभी शुरू नहीं हुए हैं। दूसरी तरफ रोहडू के पब्बर नदी पर बना साबड़ा कुड्डू प्रोजेक्ट चल पड़ा है।

बिजली बोर्ड को लारजी प्रोजेक्ट को शुरू करने में अभी वक्त लगेगा। ।इससे पहले डैम आधारित बिजली प्रोजेक्ट जैसे चमेरा वन, पौंग बांध और भाखड़ा बांध पहले ही बिजली बना रहे थे। सतलुज में सिल्ट की मात्रा 18000 पीपीएम को पार कर गई थी। 5000 पीपीएम से ज्यादा सिल्ट होने पर प्रोजेक्टों के टरबाइन सामान्य तौर पर बंद हो जाते हैं।