मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में हुआ है आमूलचूल सुधार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में हुआ है आमूलचूल सुधार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में हुआ है आमूलचूल सुधार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में हुआ है आमूलचूल सुधार

प्रदेश में गरीब परिवारों के बच्चों को भी मिल रहा शिक्षा का अधिकार

राज्य सरकार का सुपर - 100 कार्यक्रम गरीब बच्चों के लिए साबित हो रहा वरदान

‘ई-अधिगम’ योजना से शिक्षा के क्षेत्र में हुआ क्रांति का सूत्रपात


चंडीगढ़, 11 सितंबर - भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा देश का एक छोटा राज्य होने के बावजूद यहाँ से यूपीएससी, जेईई और एनईईटी पास करने वाले छात्रों की निरंतर बढ़ती संख्या से पता चलता है कि हरियाणा में युवाओं में शिक्षा के माध्यम से सपने पूरे करने का रूझान बढ़ा है। यह सब मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में राज्य सरकार की दूरदर्शिता, नीतियों और उनके मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है।

आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को भी शिक्षा का समान अधिकार मिले और वे अपने जीवन में कामयाब बने, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सुपर-100 कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मेधावी विद्यार्थियों का करियर बनाने के लिए यह एक अनूठा प्रयास है। इसके तहत आईआईटी व नीट की फ्री कोचिंग दी जाती है। 

मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया सुपर- 100 कार्यक्रम न केवल होनहार छात्रों को अपने सपनों को प्राप्त करने में मदद कर रहा है बल्कि उनके जैसे योग्य छात्रों में आशा की एक किरण भी जगी है कि वे भी अब अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

सुपर-100 कार्यक्रम

सुपर-100 कार्यक्रम वर्ष 2018 में शुरू किया गया था, जिसके तहत रेवाड़ी और पंचकुला में केंद्र स्थापित किए गए थे। आईआईटी  जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए सरकारी स्कूलों के वंचित मेधावी छात्रों को इन केंद्रों में कोचिंग दी जाती है। सरकारी स्कूल के छात्र जो कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें लिखित परीक्षा और विशेष स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरने के बाद जेईई और नीट परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग दी जाती है। छात्रों के छात्रावास, भोजन और स्टेशनरी का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

हरियाणा में बना है शिक्षा का माहौल

एक समय पर हरियाणा में बच्चों का शिक्षा की और रुझान कम था और पर्ची - खर्ची के माध्यम से सरकारी नौकरियों में खेल चलता था। लेकिन वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा का एक माहौल तैयार करने का बेड़ा उठाया, ताकि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान पैदा हो। पिछले लगभग 8 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी भर्ती प्रणाली के परिणामस्वरूप शिक्षा के प्रति छात्रों की रुचि काफी बढ़ी है और सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति भी उनका विश्वास बढ़ा है। 

आज छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें विशेष कोचिंग भी दी जा रही है ताकि वे देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले सकें। सरकार ने शिक्षा स्तर में सुधार की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं, जिसके तहत बेटियों की शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया गया है।

‘ई-अधिगम’ योजना से विद्यार्थियों को तकनीक से जोड़ा

आज के तकनीकी युग में शिक्षा क्षेत्र में भी नये नये उपयोग किए जा रहे हैं और हाल के वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन काफी बड़ा है। छात्रों की इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हाल ही में ‘ई-अधिगम’ योजना का शुभारंभ किया।

इस योजना के माध्यम से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित कर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया गया है। इसके तहत 5 लाख बच्चों को टैबलेट मुहैया करवाए गए। विद्यार्थी टैबलेट, फ्री इंटरनेट और पर्सनलाइज्ड अडेप्टिव लर्निंग (पीएएल) की सहायता से न केवल अपनी बोर्ड परीक्षा को अच्छे अंकों से पास करेगा बल्कि नीट, जेईई व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे। पढ़ाई के अतिरिक्त और भी कौशल है जो इस टैबलेट से प्राप्त होंगे।