commendable decisions of the Man Government

मान सरकार के सराहनीय फैसलों से बदल रही है पंजाब की तस्वीर

Bhagwant-Man

commendable decisions of the Man Government

commendable decisions of the Man Government पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में निरंतर जनकल्याणकारी और दीर्घ सोच के फैसले ले रही है, इनका राज्य के सामाजिक जीवन और आर्थिक-कारोबारी हालात पर प्रभाव पडऩा तय है। आप सरकार राज्य में इसी उद्घोष के साथ आई है कि वह पंजाब की तस्वीर पूरी तरह से बदल देगी। राज्य की जनता के मन में अब यह विश्वास पुरजोर हो गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस वादे और इरादे को हर हाल में पूरा करेंगे। मान सरकार ने राज्य में 14417 अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया है, जोकि अपने आप में अनूठा है। इससे पहले की सरकारों ने इस संबंध में सोचने तक की जहमत नहीं उठाई है, लेकिन मान सरकार ने इसे पूरा कर दिखाया। पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से राज्य के सरकारी कर्मचारियों में उत्साह है। गौरतलब है कि इससे पहले भी मान सरकार शिक्षा विभाग में 13000 अस्थाई कर्मचारियों को नियमित कर चुकी है।

  मालूम हो, बीती सरकारों के वक्त राज्य में ग्रुप सी और डी के पदों पर अलग-अलग नियुक्तियां की गई थी। इनमें से कुछ कर्मचारी 10 वर्ष या इससे अधिक समय पूरा कर चुके हैं, लेकिन उनको नियमित करने के संबंध में अभी तक कोई विचार नहीं किया गया था। एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट, डेली वेज, वर्क चार्ज्ड और आरजी कर्मचारियों के संबंध में मान सरकार ने ही फैसला लिया है। अब इन कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए नीति तैयार की है।

योग्यता की शर्तों को पूरा करने वाले योग्य कर्मचारियों को विशेष काडर में शामिल करके उनकी सेवाएं 58 साल तक की आयु तक जारी रखने का यह निर्णय हुआ है। यह भी अपने आप में काबिले तारीफ है कि जब केंद्र एवं अन्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना की जगह नई पेंशन योजना लागू कर चुकी हैं, तब पंजाब सरकार ने कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। कर्मचारियों के हित सर्वोपरि हैं और राज्य सरकार को दीर्घकालीन विकास की सोच रखते हुए कर्मचारियों के हितों को भी सर्वोपरि रखना चाहिए। एक राज्य की मशीनरी को सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी ही गतिमान बनाए रखते हैं। क्योंकि सरकार के फैसले प्रत्येक वर्ग के लिए आवश्यक हैं, इसलिए उन्हें बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।

    यह भी जिक्र योग्य है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विभिन्न विभागों के 26478 युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे हैं। महज 11 महीनों में इतनी बड़ी तादाद में नौजवानों को नियुक्ति पत्र सौंपकर आप सरकार ने यह साबित कर दिखाया है कि वह वास्तव में युवाओं को आगे बढ़ा रही है और युवाओं के पास अगर रोजगार होगा तो वे उन गतिविधियों की तरफ नहीं जाएंगे, जोकि पंजाब के लिए दर्द बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की है, चाहे अपनी ही सरकार के मंत्री, विधायक हों, उन्होंने किसी को नहीं बख्शा है। यह भी अपने आप में बड़ा कदम है, जिसके तहत कैबिनेट ने किफायती कालोनी नीति 2023 को नोटिफाई किया है।

इससे कम आय वाले वर्ग को सस्ते भाव पर मकान मुहैया कराए जाएंगे। कैबिनेट ने पंजाब युवा उद्यमी प्रोग्राम को लागू करने की भी मंजूरी दी है। इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में उद्यमी हुनर और सोच का विकास किया जा सकेगा। इस योजना के तहत विद्यार्थियों के एक समूह को बिजनेस आइडिया विकसित करने और लागू करने के लिए 2 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी वित्तीय राशि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से स्कूलों के अध्यापकों को विदेश में प्रशिक्षण दिलाने का प्रोग्राम भी अनोखा है  और इसके जरिये अध्यापकों का विजन और विस्तृत हुआ है, जिसका फायदा विद्यार्थियों को मिलने वाला है।

 कैबिनेट ने दंगा व आतंकवाद पीडि़तों के लिए आरक्षण को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है वहीं इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स एंड लॉजिस्टिक्स पार्क पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। जजों के 101 अस्थाई पदों को स्थाई में तब्दील करने का फैसला भी प्रशंसनीय है, इससे न्यायिक प्रणाली में रवानगी आएगी। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए 45 दिनों के अंदर सीएलयू जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मंजूरी देना भी एक सराहनीय कदम है। इससे पहले इस कार्य में लंबा समय लगता था, जिससे समय और धन की बर्बादी होती थी।

पंजाब कैबिनेट ने मातृभाषा पंजाबी को प्रमोट करने के लिए दुकानों के होर्डिंग पर पंजाबी भाषा में लिखना कानूनन जरूरी किया है, जोकि उचित है। मातृभाषा को संरक्षण और उसे प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। राज्य की मान सरकार के ये फैसले दीर्घकालिक सोच के हैं और इनने राज्य का संपूर्ण विकास सुनिश्चित होता है। जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री मान कहने में नहीं करने में विश्वास रखते हैं

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