9.80 lakh fraud: उद्योगपति से की 9.80 लाख की ठगी, साइबर टीम ने बचाये रूपये
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9.80 lakh fraud: उद्योगपति से की 9.80 लाख की ठगी, साइबर टीम ने बचाये रूपये

9.80 lakh fraud

9.80 lakh fraud: उद्योगपति से की 9.80 लाख की ठगी, साइबर टीम ने बचाये रूपये

गोल्डन ऑवरस में 1930 पऱ की गयी कॉल बचा लेती है रूपए

चण्डीगढ़ , 21 अगस्त - 9.80 lakh fraud: साइबर अपराधी, अपराध करने के नए नए तरीके इज़ाद करते जा रहे हैं और आम जनता की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं । साइबर अपराध को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित नेशनल साइबर हेल्पलाइन  1930 बेहद कारगर साबित हो रही है।


     राज्य अपराध शाखा की मीडिया सेल ने जानकारी देते हुआ बताया की हम बतौर साइबर नोडल एजेंसी हरियाणा में काम कर रहे हैं और रोज़ाना आने वाली शिकायतों का निपटान तुरंत कर रहे हैं ।  उन्होंने बताया की अम्बाला जिले के ज्वेलरी शॉप के मालिक ऋषि वर्मा ने 1930 पर सुबह अपनी शिकायत दर्ज करवाई और बताया कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनका नाम लेकर उनके अकाउंटेंट से दुकान पर बात की और खुद को ऋषि वर्मा बताते हुए खाते में 9.80 लाख जमा करवाने को कहा।  अकाउंटेंट ने तुरंत पैसे खाते में जमा करवा दिए।  जैसे ही इस बात की जानकारी ऋषि वर्मा को मिली उन्हें ठगने का एहसास हुआ और उन्होंने तुरंत 1930 पर सम्पर्क किया।  साइबर टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रांसक्शन को रोका और उद्योगपति के 9.80 लाख रुपये बचाये।

9.80 lakh fraud: क्या है नेशनल साइबर हेल्पलाइन


 एससीबी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने आरबीआई और सभी बैंकों को एक प्लेटफार्म पर लाते हुए साइबर अपराध की रोकथाम के लिए अप्रैल 2021 में हेल्पलाइन 155260 जारी की थी। लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव किये गए और आम जनता तक बेहतर पहुँच के लिए जनवरी 2022 में इस हेल्पलाइन को 1930 में परिवर्तित कर कर पूरे देश में लागू कर दिया है। इस हेल्पलाइन पर साइबर अपराध होने के तुरंत बाद शिकायत दर्ज करवाने का प्रावधान है और इसके लिए आपको किसी थाने में जाने की ज़रूरत नहीं है और शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।

अधिक जानकारी देते हुए बताया की इस नंबर पर शिकायत देते ही साइबर टीम तुरंत बैंक और भुगतान इंटरफ़ेस से सम्पर्क साधने लग जाती है और जिस भी खाते में अपराधी ने पैसे जमा करवाए है उन्हें तुरंत फ्रिज करवा दिया जाता है और वापस ओरिजिनल खाते रिवर्ट करवा दिया जाता है।  इसके अतिरिक्त cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करवाने का ऑप्शन है ताकि पीड़ितों को कहीं जाने की ज़रूरत ना पड़े और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सके। 1930 पऱ आने वाली शिकायतों में पैसे की वापसी इस बात पर निर्भर करती है कि अपराध होने के कितने देर बाद शिकायत दर्ज की गयी है। इसीलिए जनता से निवेदन किया जाता है अपराध होते ही तुरंत 1930 पऱ शिकायत ज़रूर दर्ज करें।

9.80 lakh fraud: साइबर अपराध की बदल रही है मोडस ऑपरेंडी, अपराधी ढूंढ रहे हैं नए नए तरीके  


एससीबी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी दिन प्रति दिन नए नए तरिके इज़ाद करते जा रहे हैं और इस बाबत जनता को समझदार होने की आवश्यकता है। भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अक्सर फ़ोन पर आने वाले व्यक्ति पर बिना जान पहचान लोग विश्वास कर लेते हैं जिसके कारण साइबर अपराध हो जाता है। इसीलिए स्टेट क्राइम ब्रांच व जिला पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अपने बैंक खाते की जानकारी , डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी को ना दें। आपके फ़ोन पर आने वाला ओटीपी किसी अनजान से शेयर न करें।  किसी भी लिंक को क्लिक न करें और ना ही किसी कोड को स्कैन करें।  

9.80 lakh fraud: पुलिस मुख्यालय करेगा साइबर राहगीरी का आयोजन, हेल्पलाइन नंबर 1930 रहेगा केंद्र बिंदु


जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरुकता दिवस मनाया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ज़िला उपायुक्तों को कहा है कि स्कूल कॉलेज पंचायत और म्यूनिसिपैलिटी में 11-12 बजे दिन में साइबर जागरूकता की गतिविधियाँ आयोजित करें।

पुलिस मुख्यालय ने ज़िला पुलिस को कहा है कि इस दिन सिविल डिपार्टमेंट और एनजीओ की मदद से साइबर राहगिरी का आयोजन कर साइबर क्राइम के मोड्स ओपेरंडी और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में आमजन को जागरूक करें।