Target killer in the villages of Haryana

हरियाणा के गांवों में टारगेट किलर, सरकार और पुलिस बढ़ाए सतर्कता

kilar

Target killer in the villages of Haryana

Target killer in the villages of Haryana हरियाणा के संबंध में यह रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है कि राज्य में टारगेट किलर तैयार किए जा रहे हैं। और यह करने वाले विदेश में बैठे आतंकी संगठन हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने हरियाणा पुलिस से यह इनपुट साझा किया है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली एनसीआर के जिलों में चिंताजनक रूप से ऐसी टारगेट वारदातें बढ़ी हैं, जब पैसे देकर हत्याओं को अंजाम दिलवाया जा रहा है। बीते वर्ष पंजाब में गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हरियाणा के ही ऐसे बदमाशों की पहचान हुई थी, जिन्होंने पैसे लेकर इस वारदात को अंजाम दिया था। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और संपत्त नेहरा का वास्ता हरियाणा से ही है और अब जेल में बंद होने के बावजूद उनके गुर्गे इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

 गौरतलब है कि बीते दिनों ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal और गृह मंत्री अनिल विज ने पंचकूला स्थित डायल 112 के मुख्यालय में प्रदेश में कानून और व्यवस्था की समीक्षा की थी। इस दौरान भी टारगेट किलिंग के बढ़ते मामलों में हरियाणा के युवाओं की संलिप्तता पर चिंता जाहिर करते हुए पुलिस को टारगेट किलिंग पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए गए थे। वास्तव में एनआईए का यह इनपुट किसी भी सूरत में हल्के में नहीं लिया जा सकता।

हरियाणा की शांति और खुशहाली पर अपराधियों की नजर है। यहां दिल्ली एनसीआर में जिस प्रकार से जमीन के रेट आसमान पर पहुंचे हैं, उसके साथ ही यहां आपराधिक वारदातें भी अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं। विपक्ष भी कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर होता आया है। राज्य में बेरोजगारी का संकट भी गहरा रहा है। सरकार नई नौकरियां देने का दावा कर रही है, लेकिन इसके बावजूद इससे कौन इनकार करेगा कि हर हाथ को सरकार काम नहीं दे सकती। जिन्हें अपराध के जरिये पैसा कमाने की लत लग चुकी है, वे कानून सम्मत तरीके से जिंदगी क्यों जिएंगे?

 पंजाब में खालिस्तान की मुहिम Khalistan campaign in Punjab को आगे बढ़ा रहा आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू हरियाणा में भी सरकार को चुनौती देता आया है। उसके जैसे अनेक आतंकी जोकि पाकिस्तान, कनाडा और दूसरे देशों की पनाह में हैं, हरियाणा को अपने मंसूबों के लिए नया टारगेट बना चुके हैं। बताया गया है कि आतंकी संगठन हरियाणा के ऐसे युवाओं की पहचान कर रहे हैं, जोकि कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की लत लगवा चुके हैं, इसके बाद उन्हें मोटी रकम का लालच देकर अपराध की दुनिया में धकेला जा रहा है। उन्हें अपराध के बाद विदेश भेजने और लग्जरी जीवन जीने का भी लालच दिया जा रहा है।

मालूम हो, हाल ही के दिनों में ऐसी कुछ गिरफ्तारी हुई हैं, जिनमें युवाओं के पास से विदेशी हथियार और लाखों रुपये की बरामदगी हुई है। यह भी खूब है कि इंटरनेट मीडिया के जरिए ऐसे युवाओं की पहचान की जाती है। यानी सोशल मीडिया पर जो हथियारों की नुमाइश करते हैं या फिर नशे आदि को लेकर प्रदर्शन करते हैं, से संपर्क साधा जाता है। इसके बाद उन युवाओं की गांवों में आर्थिक स्थिति का पता लगाया जाता है। यह मालूम होने के बाद  की वे खेती-बाड़ी से जुड़े हैं, आय का कोई स्थायी जरिया नहीं है, उनसे संपर्क करके उन्हें आपराधिक घटनाओं में शामिल होने को लालच दिया जाता है।

 यह सही है कि आज अपराध कब और किस राज्य में घट जाए, कहा नहीं जा सकता। कोई भी राज्य अपने आप को अपराध मुक्त नहीं कह सकता। एक समय बदमाश होना सामाजिक अपराध होता था। गांव-देहात में युवा फौज, पुलिस और सिविल की नौकरियों के लिए मेहनत करते नजर आते थे। वे अखाड़ों की शोभा होते थे, खेलों में हिस्सा लेते थे। राज्य सरकार की खेल नीतियों के बूते खिलाडिय़ों का वैश्विक खेल प्रतिस्पर्धाओं में योगदान बढ़ा है। लेकिन फिर भी अपराध की दुनिया में हरियाणा का इस प्रकार नाम आगे बढऩा बेहद चिंता की बात है। ग्रामीण युवाओं की बदलते हरियाणा में स्थिति काफी लचर हो गई है। पहले सेना में स्थाई नौकरी मिलती थी, लेकिन अब अग्निवीरों की भर्ती के जरिये युवाओं के पास कम ऑप्शन रह गए हैं।

हालांकि शिक्षित और जिम्मेदार युवाओं की संख्या ऐसी भर्तियों में भी बढ़ रही है। बावजूद इसके जो असफल रह जाते हैं या फिर जिन्हें सही निर्देशन नहीं मिलता, वे अपराध, नशे और अन्य अनुचित गतिविधियों में संलिप्त होते जाते हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसे युवाओं को सही राह पर कैसे लाया जाए? जाहिर है, आम जनता को इसके लिए आगे आना होगा। पुलिस का भी मानना है कि आम जनता के सहयोग से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। वास्तव में यह बड़ा घटनाक्रम है और सरकार एवं पुलिस को इस संबंध में पुख्ता काम करना होगा। 

ये भी पढ़ें....

Editorial : विधानपालिका है देश का आदर्श, उसकी गरिमा को न पहुंचे ठेस

ये भी पढ़ें....

Editorial : विपक्ष पर भारी प्रधानमंत्री का जवाब, जनता देख रही सब कुछ