Taking advantage of the darkness of the night in the capital, the Forest Department and the Municipal Corporation are now strict on the people doing illegal dumping in the forests.

राजधानी में रात के अंधेरे का फायदा उठाकर जंगलों में अवैध डंपिंग कर रहे लोगों पर अब वन विभाग और नगर निगम हुआ सख्त

Taking advantage of the darkness of the night in the capital, the Forest Department and the Municipal Corporation are now strict on the people doing illegal dumping in the forests.

Taking advantage of the darkness of the night in the capital, the Forest Department and the Municipa

शिमला:राजधानी में रात के अंधेरे का फायदा उठाकर जंगलों में अवैध डंपिंग कर रहे लोगों पर अब वन विभाग और नगर निगम सख्त हो गया है। शहर में वन विभाग के पास सबसे ज्यादा केस अवैध डंपिंग के हैं। वन विभाग का कहना है कि शहर और ग्रामिण क्षेत्र के लोग पैसा बचाने के चलते जंगलों में अवैध डंपिंग करते हैं।

शिमला शहर की बात करे तो शहर के मशोबरा और तारादेवी में ही पिछले पांच साल से 1313 केसों पर वन विभाग कार्रवाई कर रहा है। वहीं ,कई लोगों को नोटिस भी जारी कर दिए हैं। बावजूद इसके भी लोग कार्रवाई की फिक्र न करे, बगैर लगातार डंपिंग कर रहे हैं। इस पर नगर निगम भी काफी गंभीरता से कार्य कर रहा है।

नगर निगम प्रशासन का कहना है। निगम जो भी विकास कार्य करता है, उससे पहले एफसीए केस को तैयार किया जाता है। इसके तहत डंपिंग साइट की तलाश की जाती है। इन दिनों भी डंपिंग साइट की तलाश की जा रही है। वहीं, निजी मकान या अन्य खुदाई के कार्य हो रहे हैं वह लोग अपने पैसा बचाने के चक्र में जंगलों में अवैध डंपिंग कर रहे हैं, लेकिन अब वन विभाग और नगर निगम सख्ती बरतने की तैयारी में है।

इसके लिए वन विभागों ने सभी निर्माणाधीन कार्य की जांच करना शुरू कर दिया हैं। वहीं, पंचायतों को भी सूचित किया है कि जहां भी कोई घर बना रहा है, उसकी पूरी जानकारी पंचायत अपने पास लें। इसमें पंचायत साफ करे कि जो व्यक्ति कार्य कर रहा है उसका मलबा मिट्टी कहां फेंक जा रहा है। यदि वह अवैध डंपिंग कर रहा है तो उसकी सूचना वन विभाग को दे। (एचडीएम)

अवैध डंपिंग से शहर की पानी की सप्लाई हो रही ठप

नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने हाल ही में सभी जल स्रोतों का जायजा लिया था। इसमें उन्होंने पाया था कि अधिकतर डंपिंग नालों के किनारे हुई है। इससे बरसात में सारे नाले का मलबा जल स्रोतों में आ जाता है और वह गाद बन जाता है। इससे शहर में पानी की किल्लत का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में मेयर सुरेंद्र चौहान ने उपायुक्त को भी सूचित किया था और सभी डंपिंग साइट की सूची तैयार करें और जो भी अवैध डंपिंग कर रहे हैं, उनकी रिपोर्ट भी बनाई जाए। वहीं, मेयर सुरेंद्र चौहान इसको लेकर वन विभाग और उपायुक्त से बैठक भी करने वाले हैं। इसमें डंपिंग साइट और अवैध डंपिंग केसों का जायजा लिया जाएगा।

मशोबरा और तारादेवी में होती है सबसे ज्यादा डंपिंग

शहर के मशोबरा और तारादेवी के जंगलों में सबसे ज्यादा डंपिंग हो रही है। वन विभाग का कहना है कि शहर में जो भी निजी घर बनाता है, वह अपने पैसा बचाने के चक्कर में रात के अंधेरे में डंपिंग करता है, जिससे नाले भी ब्लॉक हो रहे हैं। हालांकि जो बड़े प्रोजेक्ट के कार्य हो रहे हैं, उसके लिए ठेेकेदारों ने करीब सात स्थानों में डंपिंग साइड ली है। इसका वन विभाग को समय पर भुगतान भी हो रहा है। वन विभाग का साफ कहना है कि शहर में पांच सालों से करीब 1313 डंपिंग के केसों पर वन विभाग कार्रवाई कर रहा है। जो लोग अवैध डंपिंग करते हुए पाए गए हैं, उनके चालान भी किए जा रहे हैं। वन विभाग लगातार अवैध डंपिंग करने वालों पर कार्रवाई भी कर रहे हैं।

अवैध डंपिंग करने वालों को किया सूचित

वन विभाग और नगर निगम ने अवैध डंपिंग करने वालों को सूचित किया है कि जंगलों, नालों में कोई भी डंपिंग न करे। यदि कोई डंपिंग करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वन विभाग से डंपिंग साइट की अनुमति लें, ताकि शहर के लोगों को अवैध डंपिंग से कोई नुकसान न झेलना पड़े।

सीसीटीवी से पकड़े जाएंगे अवैध डंपिंग करने वाले लोग

वन विभाग और नगर निगम प्रशासन अब शहर के सीसीटीवी और अन्य जगहों के सीसीटीवी चैक करेंगे। जो भी अवैध डंपिंग करता हुआ पाया जाता है उसको पकडक़र गाड़ी जब्त और जुर्माना लगाया जाएगा।