Roads Built In Shimla with German Technology

Roads Built with German Technology : हिमाचल में पहली बार जर्मन तकनीक से बनेंगी सड़कें 

Roads Built In Shimla with German Technology

Roads Built In Shimla with German Technology

Roads Built with German Technology (Shimla) : हिमाचल में पहली बार सड़कों के निर्माण में जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR) वाली सड़कें बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार एफडीआर तकनीक से 600 किलोमीटर सड़कें बनाने को तैयार हो गई है। प्रदेश में इस तकनीक का पहला प्रयोग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में होने जा रहा है। दरअसल, राज्य सरकार ने पीएमजीएसवाई फेज तीन में 3100 किलोमीटर की डीपीआर केंद्र को भेज दी है। इस डीपीआर में अब तक 450 किलोमीटर की स्वीकृति मिल चुकी है और 2650 किलोमीटर की डीपीआर केंद्र सरकार के पास जमा हो चुकी है। केंद्र सरकार ने एक विशेष टीम शिमला भेजी थी। इस टीम ने लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों के साथ अहम बैठक की है। 

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FDR जर्मन तकनीक पर काम करता 
इस टीम ने लोक निर्माण विभाग को एफडीआर (FDR) तकनीक से सड़कों के जीर्णोद्धार की सलाह दी है। इसके साथ ही 2650 किमी में से 600 किमी का भी एफडीआर में चयन कर लिया गया है। गौरतलब है कि एफडीआर जर्मन तकनीक (Roads Built with German Technology) पर काम करता है। इसके तहत पहले से बनी सड़कों को उखाड़कर उसी मलबे से नई सड़क तैयार की जाती है। खास बात यह है कि इस तकनीक के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। केंद्र सरकार इस तकनीक को पूरे देश में अपनाने पर जोर दे रही है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में एफडीआर से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। अब हिमाचल में भी तकनीक को पहले पीएमजीएसवाई और फिर सामान्य सड़कों पर आजमाया जाएगा। इसके बाद इस तकनीक का इस्तेमाल उन सड़कों के रखरखाव में भी किया जाएगा जो पुरानी हो चुकी होंगी।

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सात करोड़ की मशीन से बनेंगी सड़कें
फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR) में इस्तेमाल होने वाली मशीन की कीमत करीब 7 करोड़ रुपए है। खास बात यह है कि अगर लोक निर्माण विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निविदा प्रक्रिया को एफडीआर के दायरे में लाता है तो इसके लिए ठेकेदारों को मशीनें खरीदनी होंगी। हालांकि विभाग ने प्रारंभिक चरण में इस मशीन को किराए पर लेकर कार्य करने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है। दरअसल यह मशीन अभी तक हिमाचल में किसी भी ठेकेदार के पास नहीं है।

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ठेकेदार मशीनरी किराए पर भी ले सकेंगे
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने कहा कि डीजी डॉ. आशीष गोयल केंद्र सरकार से शिमला आए थे। उन्होंने हिमाचल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को एफडीआर तकनीक के इस्तेमाल की जानकारी दी है। लोक निर्माण विभाग पीएमजीएसवाई में सबसे पहले इस तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। इस तकनीक से ही 600 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदार या एजेंसियां इस जर्मन मशीन को खरीद या किराए पर ले सकते हैं।

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