Saini cabinet expansion postponed again

Haryana: फिर से टला सैनी मंत्रिमंडल का विस्तार, मायूस हुए मंत्री बनने वाले विधायक

Saini cabinet expansion postponed again

Saini cabinet expansion postponed again

Saini cabinet expansion postponed again- चंडीगढ़। हरियाणा में शनिवार को दिनभर चली उठापटक के बावजूद मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन में पूरी तैयारी रही यहां तक की दो बार शपथ ग्रहण के लिए समय भी तय किया।

मंत्री बनने वाले कई विधायक तो अपने रिश्तेदारों व समर्थकों के साथ चंडीगढ़ पहुंचे हुए थे। ऐन मौके पर कार्यक्रम रद्द होने के बाद मंत्री बनने वाले विधायकों में मायूसी छा गई। इस बीच, राज्यपाल भी नई दिल्ली पहुंच गए। कई विधायकों को चंडीगढ़ बुलाया गया था।

मनोहर लाल ने 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसी दिन नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया। सीएम के साथ पांच मंत्रियों कंवर पाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौ़ रणजीत सिंह, जेपी दलाल और डॉ़ बनवारी लाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इसी दिन तय हो गया था कि मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कैबिनेट में न तो कोई पंजाबी है, न वैश्य और न ही यादव व राजपूत समाज से किसी को प्रतिनिधित्व मिला है।

शुक्रवार को पार्टी नेतृत्व ने सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को नई दिल्ली भी बुलाया था। शनिवार को नायब सैनी और मनोहर लाल चंडीगढ़ लौट आए। शुक्रवार की रात ही कई विधायकों को फोन करके सुबह चंडीगढ़ आने को कहा गया। बताते हैं कि राजभवन में भी संदेशा भेजा गया। हालांकि राजभवन में इस बार कोई पंडाल नहीं लगाया गया। इस तरह की तैयारी थी कि कैबिनेट विस्तार हॉल में ही किया जाएगा। सुबह 11 बजे ही राजभवन में हलचल शुरू हो गई थी।

इस दौरान सरकार के अधिकारियों का भी राजभवन आना शुरू हुआ। साढ़े 11 बजे के करीब मंत्री कार सैक्शन की पांच गाडिय़ां भी राजभवन पहुंची, लेकिन वे तुरंत गेट से ही वापस लौट गई। गृह विभाग के सचिव-।। महावीर सिंह भी राजभवन पहुंचे। इस दौरान सीएम और पूर्व सीएम के बीच भी काफी देर तक बैठकें चलती रहीं। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद पहले मुख्यमंत्री आवास पर नायब सिंह सैनी से मिले। इसके बाद वे राजभवन भी आए और काफी देर रुकने के बाद वापस लौट गए।

इसके बाद चर्चा चली की दोपहर एक बजे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। करीब साढे 12 बजे राजभवन की तरफ जाने वाली सडक़ों पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया और मुख्यमंत्री के आगमन के लिए गेट तक खोल दिया गया। तीन बजे भारत के चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस थी। ऐसे में फिर दो से ढाई बजे के दौरान नये मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने की खबरें आईं, लेकिन विधायकों का यह इंतजार भी किसी काम नहीं आया। आखिर में यह तय हो गया कि फिलहाल मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जाएगा।

कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले विधायकों में बडख़ल विधायक सीमा त्रिखा, सोहना के संजय सिंह, सिरसा के गोपाल कांडा, रतिया के लक्ष्मण पाना, नारनौल के ओपी यादव के नाम चर्चाओं में थे। इसके बाद अभय यादव का नाम भी सुनने को मिला। सुबह 10-11 बजे तक सुर्खियों में रहे इन नामों में दोपहर एक बजे के लगभग बदलाव भी सुनने को मिला। फिर पता लगा कि गोपाल कांडा की बजाय ज्ञानचंद गुप्ता को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। इसी तरह से दीपक मंगला और गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला का नाम भी पता लगा। पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा और थानेसर विधायक सुभाष सुधा को पंजाबी कोटे से कैबिनेट में लिए जाने की सूचना मिली। इनमें से अधिकांश विधायक चंडीगढ़ पहुंच हुए थे, लेकिन बाद में उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा।

अनिल विज बोले-किसी से नहीं हूं नाराज

नायब सैनी मंत्रिमंडल के विस्तार बार-बार टल रहा है। शनिवार को तो राजभवन में तैयारियां तक कर ली गई थी। मंत्रिमंडल विस्तार टलने के पीछे पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी मुख्य कारण बताई जा रही है। नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने वाले अनिल विज आज पहली बार मीडिया के सामने आए और इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट की। पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज 12 मार्च से ही नाराज़ चल रहे हैं। वे नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से खुश नहीं बताए जाते। विज ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में स्पष्ट तौर पर कहा कि वे नाराज नहीं हैं। उन्होंने इस तरह की खबरों को भी सिरे से नकार दिया कि उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। विज का कहना है कि 12 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ के बाद से अभी तक उनसे किसी ने कोई बात नहीं की है। इस दौरान वे विधानसभा में विश्वास मत के लिए भी पहुंचे थे।