रुतुराज गायकवाड़: एक शांत सितारा जो अब अचानक सुर्खियों में है

ruturaj gaikwad: अभी हाल ही में क्रिकेट की दुनिया में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई। भारतीय टीम और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के उभरते सितारे रुतुराज गायकवाड़ ने इंग्लैंड की मशहूर यॉर्कशायर काउंटी टीम के साथ अपना करार अचानक खत्म कर दिया और निजी कारणों का हवाला देते हुए भारत लौट आए। क्रिकेट प्रेमी चकित रह गए। एक खिलाड़ी जिसे अंतरराष्ट्रीय अनुभव और इंग्लिश परिस्थितियों में खेलने का सुनहरा मौका मिला था, उसने ऐसा बड़ा फैसला क्यों लिया? यॉर्कशायर के कोच एंथनी मैक्ग्रा ने इसकी पुष्टि की और कहा कि रुतुराज अब सीजन में आगे नहीं खेलेंगे। यह खबर जितनी अचानक आई, उतनी ही चर्चा का विषय बन गई।
कौन है रुतुराज गायकवाड़?
लेकिन आइए अब उस शख्स की कहानी जानें, जिसने मैदान पर अपनी बल्लेबाज़ी से लाखों दिलों को जीता है। रुतुराज गायकवाड़। पुणे, महाराष्ट्र में जन्मे रुतुराज का क्रिकेट से प्यार बचपन से ही था। एक मध्यवर्गीय मराठी परिवार से आने वाले रुतुराज ने अपने जुनून को कभी कमज़ोर नहीं पड़ने दिया। छोटी उम्र में ही उन्होंने बैट थामा और स्कूल टूर्नामेंट से लेकर जिला स्तर तक खुद को साबित करते चले गए। उनका तकनीकी खेल, अनुशासन और शांत स्वभाव उन्हें भीड़ से अलग करता रहा। उनकी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने महाराष्ट्र की रणजी टीम में जगह बनाई और वहां अपने खेल से सिलेक्टर्स का ध्यान खींचा। लेकिन असली पहचान उन्हें आईपीएल 2020 में मिली, जब उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स में मौका मिला। पहले कुछ मुकाबलों में असफल रहने के बावजूद CSK ने उन पर भरोसा बनाए रखा, और फिर जो हुआ, वो इतिहास है। 2021 में रुतुराज ने धमाकेदार बल्लेबाज़ी करते हुए ऑरेंज कैप जीती। मतलब उस सीजन में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने। रुतुराज की बल्लेबाज़ी में एक खासियत हैं। वे आक्रामकता नहीं, बल्कि समझदारी और क्लासिक शॉट्स से रन बनाते हैं। यही वजह है कि वो हर फॉर्मेट के लिए फिट माने जाते हैं। उन्होंने भारत के लिए T20 और वनडे दोनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। एशियन गेम्स 2023 में उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और देश को गोल्ड मेडल दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
यॉर्कशायर में क्यों खेल रहे थे?
जब इस साल उन्हें यॉर्कशायर के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने का मौका मिला, तो यह मानो उनके करियर में एक और ऊंची छलांग थी। इंग्लैंड की पिचों पर खेलना हर भारतीय बल्लेबाज़ के लिए चुनौती होता है, और रुतुराज इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार थे। लेकिन कुछ हफ्तों के भीतर ही उन्होंने निजी कारणों से भारत लौटने का फैसला किया, जिसने सबको चौंका दिया। इस फैसले ने कई सवाल खड़े किए, पर एक बात साफ है। रुतुराज हमेशा से ही मैदान के बाहर शांत और निजी ज़िंदगी को अहमियत देने वाले इंसान रहे हैं। हो सकता है उनके फैसले के पीछे कोई पारिवारिक ज़िम्मेदारी या व्यक्तिगत चुनौती हो। क्रिकेट से ऊपर भी एक इंसान की दुनिया होती है, और रुतुराज ने वही याद दिलाया। आज जब लोग उन्हें IPL या इंटरनेशनल मैचों में मिस कर रहे हैं, तो एक उम्मीद ज़रूर है। जल्द ही वो वापस लौटेंगे, और फिर से अपने सधे हुए स्ट्रोक्स से हमें याद दिलाएंगे कि असली चमकने वाले सितारे अक्सर सबसे शांत होते हैं।