Research Eligibility Test will be organized by Central University of Himachal Pradesh today, 1391 have applied for 27 subjects.

केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की ओर से शोध पात्रता परीक्षा का आयोजन आज किया जाएगा; 27 विषयों के लिए 1391 ने किया है आवेदन

Research Eligibility Test will be organized by Central University of Himachal Pradesh today, 1391 have applied for 27 subjects.

Research Eligibility Test will be organized by Central University of Himachal Pradesh today, 1391 ha

धर्मशाला:केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की ओर से आज रविवार को शोध पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा के लिए सीयू प्रशासन ने राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला, केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर शाहपुर व धर्मशाला में परीक्षा केंद्र बनाए हैं। परीक्षा 27 विषयों के लिए ली जाएगी। परीक्षा के लिए देश भर में 1391 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

सीयू प्रशासन की ओर से सभी अभ्यर्थियों को रोल नंबर जारी कर दिए हैं। हालांकि यह परीक्षा पहले 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन प्रदेश भर में भारी बारिश से हुए नुकसान एवं रास्ते बंद होने के कारण परीक्षा को स्थगित कर दिया था और 23 जुलाई को परीक्षा होगी। परीक्षा सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक होगी।

सीयू परीक्षा नियंत्रक डा. सुमन शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय पीएचडी अध्ययन कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करने के उदेश्य से हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय शोध पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

यह परीक्षा उन विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य होती है जिन्होंने स्नाकोतर पास कर ली है, लेकिन वह अभी तक राष्ट्रीय पात्रता परीखा यानि नेट या राज्य पात्रता परीक्षा सेट पास नहीं हैं। शोध पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी सीयू के पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हो जाते हैं।

सीयू की ओर से जारी होने वाले शोध पात्रता परीक्षा का प्रमाणपत्र दो वर्ष के लिए मान्य होता है। इस अवधि के बीच जब भी सीयू की ओर से पीएचडी के सीटें भरने की प्रक्रिया शुरू की जाती है तो शोध पात्रत पात्र अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

सामान्य वर्ग को 50 और आरक्षित वर्गों को 45 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य

उन्होंने बताया कि परीक्षा में सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्गों को 45 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य होते हैं। यह परीक्षा पास करने का अर्थ यह नहीं है कि पीएचडी के प्रवेश मिल जाएगा, जबकि परीक्षा केवल पीएचडी आवेदन के लिए पात्र करती है।