सोने ने लगाई 1800 रुपये की बड़ी छलांग, क्या है कारण

Reasons for the increase of gold prices
Reasons for the increase of gold prices : मंगलवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में बड़ी तेजी आई। सोना 1800 रुपये बढ़कर 1,15,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है, जोकि अब तक की नई ऊंचाई है। इस तेजी का कारण डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बताई जा रही है। उधर चांदी की चमक भी तेज हो रही है। चांदी की कीमत 1,32,870 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर है।
99.5 फीसदी शुद्धता वाले सोने की बात की जाएं तो इसकी कीमत 1800 रुपये बढ़कर रिकॉर्ड 1,14,600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई. पिछले कारोबारी सेशन में सोना गिरकर 1,13,300 रुपये और 1,12,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। जानना ये भी जरूरी है कि डॉलर इंडेक्स इस बार 10 हफ्तों के निचले स्तर पर है। इसी कारण सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिली है।
सोने की कीमतें बढ़ने पर दो आम आशंकाएँ होती हैं
जानकारों का मानना है कि इस बार सोने की कीमतों (Gold Price) ने चार दशक से भी ज़्यादा पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इन स्तरों पर, सोने की क्रय शक्ति जनवरी 1980 के अपने चरम स्तर $850 या मौजूदा डॉलर में $3,524 की तुलना में ज़्यादा है। सोने की कीमतें बढ़ने पर दो आम आशंकाएँ होती हैं - मुद्रास्फीति का डर और प्रतिबंधों व पूँजी नियंत्रण जैसे वित्तीय दमन का डर। दोनों ही आशंकाएँ जनवरी 1980 में पूरी तरह से प्रबल थीं, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 13.9% बढ़ा था और पिछले नवंबर में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा ईरानी संपत्तियों को ज़ब्त करने के बाद।
दोनों ही आशंकाओं के 2025 में बहाने हैं। महामारी की शुरुआत से लेकर अक्टूबर 2022 के अंत तक सोने की कीमतों में न तो कोई उतार-चढ़ाव आया और न ही कोई तेज़ी। तब से, ये लगातार बढ़ती रही हैं। जून 2022 में मुद्रास्फीति 9.1% के चरम पर पहुंच गई थी। अक्टूबर तक, यह घटकर 7.7% रह गई और गिरती रही। 10-वर्षीय ब्रेकईवन दर - मोटे तौर पर कहें तो, अगले दशक में औसत मुद्रास्फीति के बारे में वित्तीय बाजारों की उम्मीद - उस वर्ष अप्रैल में 3.04% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी और अक्टूबर के अंत तक गिरकर 2.51% हो गई थी।