राजस्थान 2030 तक 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा: CM भजन लाल शर्मा

राजस्थान 2030 तक 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा: CM भजन लाल शर्मा

Pravasi Rajasthani Meet

Pravasi Rajasthani Meet

सूरत/जयपुर: Pravasi Rajasthani Meet: राजस्थान में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार व्यापारियों से संवाद कर रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को वे गुजरात के सूरत में आयोजित प्रवासी राजस्थानी मीट में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से अपनी कर्मभूमि सूरत के साथ-साथ मातृभूमि राजस्थान के विकास में भी योगदान देने की अपील की.

सीएम ने कहा कि गुजरात और राजस्थान का संबंध केवल भौगोलिक निकटता तक सीमित नहीं है, बल्कि दोनों राज्यों के बीच रत्न, आभूषण, फार्मा, वस्त्र उद्योग और प्रस्तावित पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों को 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस में बड़ी संख्या में भाग लेने का आमंत्रण दिया.

राजस्थान को बनाएं ‘जेम्स एंड ज्वेलरी हब’: मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत और राजस्थान उद्यमिता, सृजनशीलता और धैर्य की साझा भावना से जुड़े हैं. सूरत हीरे की कटाई और सिंथेटिक टेक्सटाइल्स के लिए विश्व प्रसिद्ध है, वहीं राजस्थान रंगीन पत्थरों, कुंदन, मीनाकारी और वस्त्रों के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हमें मिलकर राजस्थान को विश्व का ‘जेम्स एंड ज्वेलरी हब’ बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. सीएम ने बताया कि देश के बड़े उद्योगपतियों में प्रवासी राजस्थानी शामिल हैं, जो हमारे गौरव का प्रतीक हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. इसमें विज्ञान, व्यवसाय, कला, खेल, साहित्य, सिनेमा, संगीत और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित किया जाएगा.

उद्योगों और निवेशकों के लिए नई संभावनाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दिसंबर में पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी की शुरुआत करने जा रही है. इसके साथ ही सरकार निवेशकों को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और डाटा सेंटर स्थापित करने में हर संभव सहयोग देगी. उन्होंने उद्यमियों को आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन और खनन जैसे क्षेत्रों में निवेश का आमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार किया है. वर्तमान में राजस्थान फाउंडेशन के 26 चैप्टर देश और विदेश में सक्रिय हैं, जो प्रवासी समुदाय से संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

7 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स धरातल पर: सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक समर्पित विभाग भी स्थापित करने जा रही है. इस पहल का लक्ष्य वैश्विक प्रवासी समुदाय को राज्य के विकास में सहभागी बनाना और ‘विकसित राजस्थान 2047’ के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि राजस्थान 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है. राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान देश के सबसे अधिक निवेश-अनुकूल राज्यों में शामिल हुआ है. ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ के दौरान हुए 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं.

निवेशकों को मिली 1400 करोड़ की सब्सिडी: मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 20 से अधिक नई नीतियां लागू और संशोधित की हैं, जिससे प्रगतिशील व्यापारिक माहौल बना है. राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (RIPS) 2024 के तहत पिछले डेढ़ वर्ष में निवेशकों को 1400 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी गई है. इससे निवेश के नए अवसर पैदा हुए हैं और रोजगार सृजन के मार्ग खुले हैं.

प्रवासी राजस्थानियों का जल संरक्षण में योगदान: मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानी समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से राज्य सरकार की योजनाओं जैसे पंचायत समिति नंदीशाला जन सहभागिता योजना, भामाशाह योजना, ज्ञान संकल्प पोर्टल और कॉलेजों, अस्पतालों, विद्यालयों के नामकरण जैसी पहलों में योगदान देने का आह्वान किया. सीएम ने कहा कि आपकी सक्रिय भागीदारी और सहयोग से हम राज्य के अनेक क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और आधारभूत संरचना को सशक्त बना सकते हैं.

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशक-अनुकूल वातावरण तैयार किया है और उद्योग के नए अवसर खोले हैं. सौर और पवन ऊर्जा की विशाल क्षमता, मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रगतिशील नीतियों के कारण राजस्थान अब भारत के शीर्ष निवेश स्थलों में से एक के रूप में उभर रहा है.