आतंकी-गैंगस्टर-मादक पदार्थ गठजोड़: 9 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 324 स्थानों पर छापेमारी

आतंकी-गैंगस्टर-मादक पदार्थ गठजोड़: 9 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 324 स्थानों पर छापेमारी

Operation Dhwast

Operation Dhwast

नई दिल्ली। Operation Dhwast: आतंकी-तस्कर-गैंग्सटर गठजोड़ के खिलाफ ''आपरेशन ध्वस्त'' (Operation Dhwast) जारी रखते हुए एनआईए ने उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में 129 स्थानों पर छापा मारा।

एनआईए के साथ-साथ हरियाणा पुलिस ने 52 और पंजाब पुलिस ने 143 स्थानों पर छापा मारा। इस गठजोड़ के खिलाफ अगस्त में एफआइआर दर्ज करने के बाद एनआईए की छठवीं बार छापेमारी है।

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुधवार को मारे गए छापे में जिन नेटवर्क को निशाना बनाया गया, उनमें आतंकी अर्श डल्ला, लारेंस बिस्नोई, छेनू पहलवान, दीपक तीतर, भूपी राणा, विकास लगरपुरिया, आशीष चौधरी, गुरप्रीत सेखों, दिलप्रीत बाबा, हरसिमरत सिम्मा और अनुराधा शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इनके नेटवर्क से जुड़े हथियार सप्लायर्स, फाइनांसर्स, लाजिस्टिक प्रोवाइडर्स, हवाला आपरेटर्स के यहां तलाशी में एक पिस्तौल से साथ-साथ 60 मोबाइल फोन, पांच डीवीआर, 10 सिम कार्ड, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, डोंगल, डिजिटल, मेमोरी कार्ड, 75 दस्तावेज और 39 लाख 60 हजार नकद बरामद किये गए।

NIA ने 231 स्थानों पर मारा था छापा (NIA raided 231 places)

इसके पहले पांच बार में एनआईए ने 231 स्थानों पर छापा मारा था, जिनमें चार घातक समेत कुल 38 हथियार और 112 राउंड कारतूस बरामद किये गए थे। आतंकी-तस्कर-गैंग्सटर गिरोह से जुड़े 87 बैंक एकाउंट फ्रीज और 13 संपत्तियों को भी जब्त किया जा चुका है।

एनआईए के अनुरोध पर दो भगोड़े गैंगस्टर को आतंकी घोषित किया गया है। इसके अलावा 10 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट और 14 के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।

एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान पाकिस्तान, कनाडा जैसे दूसरे देशों में बैठे आतंकियों के साथ तस्करों और गैंग्सटरों के बीच गठजोड़ के पुख्ता सबूत मिले हैं। ड्रग और हथियारों की तस्करी से आतंकी गतिविधियों की फंडिंग की जाती थी।

टारगेट किलिंग को अंजाम देता था गैंगस्टरों का नेटवर्क (Network of gangsters used to execute target killing)

इसके अलावा आतंकियों के इशारे पर गैंगस्टरों का नेटवर्क टारगेट कीलिंग को अंजाम देता था। इसके अलावा भय का वातावरण बनाकर करोड़ों रुपये की जबरन वसूली के लिए भी कई हत्याकांड को अंजाम दिया गया। जेलों के भीतर इस नेटवर्क के फैले होने के भी सबूत मिले हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे नेटवर्क के सदस्यों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने एनआईए की कार्रवाई के बाद नेटवर्क की गतिविधियों में कमी ने का दावा किया।

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