हर बच्चे के लिए 'सपनों का रनवे' बने 'स्कूल ऑफ एमिनेंस'! CM मान के 'आधुनिक युग के मंदिर' लाए उज्जवल भविष्य, जानें नई सुविधाएं!
'School of Excellence’ - The ‘Runway of Dreams’ for Every Child
पंजाब में 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' से शिक्षा क्रांति! ₹231.74 करोड़ के निवेश और मुफ्त NEET/JEE कोचिंग के दम पर सरकारी स्कूलों की रिकॉर्ड तोड़ सफलता!
चंडीगढ़, 25 अक्टूबर 2025: 'School of Excellence’ - The ‘Runway of Dreams’ for Every Child: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब में केवल एक सरकार नहीं बदली है, बल्कि शिक्षा के उस पुराने ढाँचे को भी जड़ से बदल दिया गया है, जो दशकों से गरीब और अमीर के बच्चों के बीच एक गहरी खाई बनाए हुए था। सीएम मान का यह अटूट संकल्प है कि पंजाब के हमारे युवा अब केवल नौकरी ढूँढने वाले नहीं रहेंगे, बल्कि आत्मविश्वास और योग्यता के दम पर देश को रोज़गार देने में सक्षम बनें। इसी महान लक्ष्य को साधते हुए, राज्य में 'शिक्षा क्रांति' का शंखनाद किया गया है, जिसकी गूँज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है। उनका संकल्प स्पष्ट है: जिस तरह हवाई अड्डे पर रनवे विमान को आसमान में ऊँचाई तक ले जाता है, उसी तरह 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' जैसी पहल अब गरीब तबके के बच्चों को उनके सपनों की ऊँची उड़ान भरने के लिए मज़बूत रनवे प्रदान कर रही है।
यह क्रांति मूर्त रूप ले रही है 118 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' के ज़रिए, जिन्हें मुख्यमंत्री मान 'आधुनिक युग के मंदिर' कहते हैं। ये स्कूल महज़ ईंट और पत्थरों की इमारतें नहीं हैं, बल्कि उन लाखों बच्चों के उज्जवल भविष्य की गारंटी हैं, जिनके माता-पिता कभी अच्छी शिक्षा का सपना भी नहीं देख सकते थे। राज्य सरकार ने इन स्कूलों पर अब तक ₹231 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर शिक्षा की गुणवत्ता को उस स्तर पर पहुँचाया है, जहाँ पहले केवल बड़े और महंगे निजी स्कूल ही पहुँच पाते थे।
इस योजना का केंद्रीय विचार यह है कि कोई भी बच्चा, विशेषकर बेटियाँ, संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। इसीलिए विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफॉर्म दी जा रही है, वहीं लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन स्कूलों के बच्चों को अब बाज़ार में लाखों की फीस लेकर दी जाने वाली नीट (NEET), जेईई (JEE), और सशस्त्र सेनाओं जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग मिल रही है।
शिक्षा में समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) को ज़बरदस्त सफलता मिली है, जहाँ लगभग 25 लाख अभिभावकों ने भाग लिया है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी 'स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम' के तहत बच्चों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
और ये प्रयास अब ज़मीन पर परिणाम भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री मान ने गौरव के साथ बताया है कि सरकारी स्कूलों के 265 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स और 44 ने जेईई एडवांस में क्वालीफाई किया है। इसके अलावा, 848 छात्रों ने नीट की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे भी देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में डंका बजाने की क्षमता रखते हैं। यह इस मॉडल की विश्वसनीयता ही है कि अब निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में प्रवेश लेने के लिए 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' की ओर रुख कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह ऐतिहासिक पहल यह सुनिश्चित करती है कि पंजाब का हर बच्चा, चाहे वह किसी भी गरीब तबके से आता हो, अपने सपनों को सच कर सके और जीवन में नई ऊँचाइयों को छू सके। पंजाब का भविष्य अब ज्ञान की मज़बूत नींव पर खड़ा हो रहा है!