अनुसूचित जातियों की सुरक्षा हेतु अत्याचार निवारण कानून का प्रभावी क्रियान्वयन पंजाब सरकार की प्रमुख प्राथमिकता: डॉ. बलजीत कौर

Ensuring Effective Implementation of SCST

Ensuring Effective Implementation of SC/ST

सामाजिक न्याय मंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के अंतर्गत राज्य के 2 लाख से अधिक योग्य एस.सी. विद्यार्थियों को निरंतर लाभ मिल रहा है, विभिन्न विधायकों ने की सराहना

समाज के गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा – डॉ. बलजीत कौर ने दिया स्पष्ट संदेश

चंडीगढ़, 27 अगस्त: Ensuring Effective Implementation of SC/ST: मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि समाज के गरीब और हाशिए पर खड़े वर्गों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो। यह बात सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज पंजाब भवन में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

डॉ. बलजीत कौर ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता अनुसूचित जातियों की सुरक्षा के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना है ताकि पीड़ितों को समयबद्ध और न्यायसंगत राहत मिल सके।

बैठक में विभिन्न विभागों और पुलिस द्वारा अब तक किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उपस्थित विधायकों और अधिकारियों ने भविष्य की कार्य योजनाओं के लिए महत्त्वपूर्ण सुझाव भी साझा किए।

इस अवसर पर उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों और विधायकों ने मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान तथा मंत्री डॉ. बलजीत कौर की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में योग्य अनुसूचित जाति विद्यार्थियों को पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ लगातार मिल रहा है। इसे अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के कल्याण हेतु सरकार का महत्वपूर्ण कदम बताया गया।

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस वर्ष सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना अधीन 2 लाख 70 हजार एस.सी. विद्यार्थियों को योजना के अंतर्गत कवर करने का लक्ष्य रखा गया है तथा इसके लिए उपयुक्त बजट की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।

बैठक में जिलावार एस.सी./एस.टी. (अत्याचार निवारण) अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा, जिला स्तरीय निगरानी समितियों की कार्यप्रणाली, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित वर्गों के लिए संचालित योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट, कानून लागू करने वाली एजेंसियों, सामाजिक न्याय विभाग और जिला प्रशासन के बीच सहयोग को सुदृढ़ करने, पीड़ितों को कानूनी सहायता, मुआवजा, पुनर्वास योजनाओं तथा बजट संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई।

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार हर नागरिक को सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन जीने का अधिकार देने के लिए वचनबद्ध है। उच्च स्तरीय निगरानी समिति यह देखती है कि एस.सी./एस.ਟੀ. अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं। बैठक का उद्देश्य प्रगति की समीक्षा, कमियों की पहचान और भविष्य की ठोस रणनीति तय करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक न्याय केवल कानूनी सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक आत्मनिर्भरता से भी जुड़ा है।

मंत्री ने अधिकारियों को नियमित जिला स्तरीय समीक्षा बैठकें करने और समयबद्ध रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने लंबित मामलों को तेजी से निपटाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि जहां भी कमियां पाई जाएंगी, उन्हें दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा ताकि अत्याचार निवारण अधिनियम को इसकी वास्तविक भावना के अनुरूप लागू किया जा सके। उन्होंने विधायकों और अधिकारियों का धन्यवाद किया और उनसे इस कानून को जमीनी स्तर पर लागू करने में सरकार का पूरा सहयोग करने की अपील की।

इस अवसर पर विधायक प्रिंसिपल बुद्ध राम, डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी, डॉ. चरणजीत सिंह, हाकम सिंह, जीवन सिंह संघोवाल, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, सुखविंदर सिंह कोटली के अलावा श्री वी.के. मीना, आई.ए.एस. (प्रधान सचिव, सामाजिक न्याय), श्री रविंदर सिंह, आई.ए.ਐਸ. (अतिरिक्त सचिव), श्रीमती विम्मी भुल्लर, आई.ए.एस  (निदेशक), श्री जी.एस . सहोता, आई.ए.एस . (कार्यकारी निदेशक, बैकफिनको), श्री गुरप्रीत सिंह खैहरा, आई.ए  एस ., श्री नवीन सैनी, आई.पी.एस . (डी.आई.जी., क्राइम), श्री परमिंदर सिंह (निदेशक, राष्ट्रीय आयोग अनुसूचित जाति), श्रीमती सुरिंदरजीत कौर (ए.आई.जी .) और श्री राज बहादुर सिंह (संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय) सहित गृह और वित्त विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।