Panchkula Sector 23 dumpyard still has 2 lakh metric tons of garbage
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पंचकूला सेक्टर 23 डंपयार्ड में अभी भी 2 लाख मीट्रिक टन कचरा, लोगों का आरोप धीमी गति से हो रहा काम

Panchkula Sector 23 dumpyard still has 2 lakh metric tons of garbage

Panchkula Sector 23 dumpyard still has 2 lakh metric tons of garbage

Panchkula Sector 23 dumpyard still has 2 lakh metric tons of garbage- पंचकूला। सेक्टर 23 के डंपिंग ग्राउंड में अभी भी 2 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा पड़ा हुआ है। इस कूड़े को हटाने के लिए पंचकूला नगर निगम ने नया टेंडर जारी करने की योजना बनाई है। यह एजेंसी अपशिष्ट की कूड़े की मात्रा का प्रबंधन करेगी।

मेयर कुलभूषण गोयल की अध्यक्षता में नगर निगम की स्वच्छता एवं विरासती कचरा प्रबंधन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। सेक्टर 23 डंपिंग ग्राउंड में पहले जारी टेंडरों में से 3.72 लाख मीट्रिक टन कचरे में से 3.52 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान कर दिया गया है। इन दिनों पूजा कंसल्टेशन कंपनी द्वारा अतिरिक्त 18,000 टन कचरे का निपटान किया जा रहा है।

इसके बाद करीब 2 लाख मीट्रिक टन कचरा जमीनी स्तर पर ही रह जाएगा, जिसके लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा। निगम अधिकारियों की माने तो झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड पर पुराने कचरे को पहले ही साफ कर दिया गया है और अब इस साइट का इस्तेमाल केवल कचरा रिकवरी सुविधा के रूप में किया जाता है।

लोगों की शिकायत, काम धीमी गति से चल रहा

सेक्टर 23 डंपिंग साइट से प्रभावित निवासियों ने शिकायत की कि काम धीमी गति से चल रहा है और समय बचाने के लिए बचे हुए कचरे को मौजूदा फर्म द्वारा साफ किया जाना चाहिए। संग्राम झुरीवाला डंपिंग ग्राउंड के संयोजक नितेश मित्तल ने कहना है कि उसी काम के लिए नया टेंडर जारी करने से टेंडर प्रक्रिया में ही चार से छह महीने बर्बाद हो जाएंगे। काम को मौजूदा एजेंसी द्वारा मंजूरी के साथ पूरा किया जाना चाहिए। अन्यथा, हम इस डंप को खाली होने का इंतजार करते रहेंगे और इससे काम में और देरी होगी।

टेंडर की वैधता 6 महीने बढ़ाई जाएगी

अधिकारियों ने बताया कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नया टेंडर अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है। नया टेंडर 10 साल की अवधि के लिए जारी किया जाएगा, लेकिन फाइल अभी सरकार के पास लंबित है। मौजूदा टेंडर की अवधि खत्म होने वाली है और इसकी वैधता को छह महीने और बढ़ाने का फैसला किया गया है।

ट्यूबवेल में क्लोरीन की मात्रा अधिक

लोगों के समक्ष आ रही समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यकर्ता ने कहा कि इस अपशिष्ट स्थल के कारण यहां ट्यूबवेल खराब हो गए। ट्यूबवेल से आने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा आवश्यकता से अधिक थी। इससे हमारे स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक नुकसान होगा। जब भी बारिश या हवा चलती है, तो यहां से दुर्गंध आती है और कई दिनों तक रहती है।

212 सफाई कर्मचारियों को काम पर रखा जाएगा

हालही में हुई बैठक में मेयर गोयल ने हरियाणा राज्य कौशल रोजगार निगम से 212 सफाई कर्मचारियों को काम पर रखने का निर्णय लिया। बैठक में बताया कि शहर में इस समय सफाई कर्मचारियों की कमी है और कर्मचारियों की कमी के कारण कई वार्ड प्रभावित हैं।

महापौर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल फाइलों का निष्पादन करने तथा कर्मचारियों की भर्ती करने के निर्देश दिए हैं।

खरीदी जाएंगी 2 छोटी स्वीपिंग मशीनें

इसके अलावा, बैठक में दो नई छोटी स्वीपिंग मशीनें खरीदने का निर्णय लिया गया, जिनका उपयोग शहर की मुख्य सड़कों की सफाई के लिए किया जाएगा। समिति ने शहर के बाजारों, सार्वजनिक स्थानों और चौराहों के लिए फाइबर शौचालयों के 50 सेट खरीदने को भी मंजूरी दी।