Mission Overview Of Artemis : शनिवार दोपहर को Artemis-1 Mission को लान्‍च करने की दूसरी कोशिश करेगा नासा, पहली कोशिश हुई थी फेल

शनिवार दोपहर को Artemis-1 Mission को लान्‍च करने की दूसरी कोशिश करेगा नासा, पहली कोशिश हुई थी फेल

Mission Overview Of Artemis

शनिवार दोपहर को Artemis-1 Mission को लान्‍च करने की दूसरी कोशिश करेगा नासा, पहली कोशिश हुई थी फेल

Mission Overview Of Artemis : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) शनिवार को आर्टेमिस-1 मून रॉकेट लांच करने का एक और प्रयास करेगी। सोमवार को नासा ने तकनीकी समस्याओं के कारण इसका प्रक्षेपण टाल दिया था। इस रॉकेट से चंद्रमा पर बिना चालक दल का ऑरियन स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा, जो एक माह से ज्यादा समय तक वहां परीक्षण करेगा।

आर्टेमिस के मिशन मैनेजर माइक सराफिन के हवाले से स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने शनिवार को इसे लांच करने की योजना की जानकारी दी। सराफिन ने मंगलवार को कहा कि इस मिशन को शनिवार तीन सितंबर को फिर लांच किया जाएगा। सोमवार को नासा ने फ्लोरिडा के तट पर स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से इसे छोड़ने की तैयारी की थी, लेकिन अंतिम समय में रॉकेट के इंजन की समस्या, हाइड्रोजन रिसाव और खराब मौसम समेत कई कारणों से इसे रोक दिया था। नासा ने ट्वीट कर बताया था कि आर्टेमिस-1 का लॉन्च आज नहीं हो रहा है, क्योंकि इसके इंजन में कुछ समस्या आ गई है। उल्टी गिनती रोकने के साथ ही इसकी उड़ान रोक दी गई थी। 

अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट


शनिवार को छोड़े जाने पर नए अंतरिक्ष रॉकेट आर्टेमिस-1 और ऑरियन स्पेसक्रॉफ्ट की पहली परीक्षण उड़ान होगी। 322 फुट (98 मीटर) लंबा यह रॉकेट नासा द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इससे बिना चालक दल वाले ऑरियन स्पेसक्राफ्ट को चांद पर छोड़ा जाएगा। ऑरियन करीब 42 दिनों तक चांद पर परीक्षण करेगा।  

2025 में नासा का तीसरा चंद्र मिशन


यह नासा के आर्टेमिस चंद्र कार्यक्रम का पहला मिशन होगा। नासा 2025 में अपने तीसरे मिशन द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने की योजना पर काम कर रहा है। नासा ने चांद के समीप जाने से पहले उसकी सतह से 60 मील ऊपर ओरियन उपग्रह से परीक्षण की योजना बनाई है। 

10 छोटे उपग्रह भी होंगे स्थापित


अगर आर्टेमिस-1 सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाता है तो ये परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मिशन के दौरान ओरियन 10 छोटे उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में स्थापित करेगा जिन्हें क्यूबसैट के नाम से जाना जाता है। इनमें से ही एक में खमीर होगा जो ये देखने के लिए होगा कि चांद पर माइक्रोग्रेविटी और विकिरण वातावरण सूक्ष्मजीवों के विकास को किस तरह से प्रभावित करते हैं। इस दौरान आइसक्यूब चांद की परिक्रमा करेगा और चांद पर बर्फ के भंडार की खोज करेगा और जिसका उपयोग भविष्य में चांद पर जाने वाले यात्री कर पाएंगे।

करीब 23 दिन अंतरिक्ष में बिताएगा


अंतरिक्ष यान को धीरे करने के लिए ओरियन अपने ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करेगा और चांद के गुरुत्वाकर्षण को इसे कक्षा में पकड़ने में मदद करेगा। इस चरण के दौरान ओरियन चांद से करीब 70 हजार किलोमीटर की यात्रा करेगा और पृथ्वी से अब तक की सबसे ज्यादा दूरी पर पहुंचेगा। इस दौरान अगर इसमें अंतरिक्ष यात्री होते तो उन्हें दूर से पृथ्वी और चांद का भव्य दृश्य दिखाई देता। ओरियन चांद की कक्षा में छह से 23 दिन बिताकर चांद की कक्षा से बाहर निकलने के लिए एक बार फिर अपने थ्रस्टर्स को फायर करेगा और खुद को पृथ्वी प्रक्षेपवक्र पर वापस लाएगा।