Married to minor sister-in-law: नाबालिग तहेरी साली के अपहरण में बहनोई को पांच साल का कठोर कारवास

Married to minor sister-in-law: नाबालिग तहेरी साली के अपहरण में बहनोई को पांच साल का कठोर कारवास

Married to minor sister-in-law: नाबालिग तहेरी साली के अपहरण में बहनोई को पांच साल का कठोर कारवास

Married to minor sister-in-law: नाबालिग तहेरी साली के अपहरण में बहनोई को पांच साल का कठोर कारवास

Married to minor sister-in-law: साली को आधी घरवाली कहा जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के एक युवक ने साली को पूरी घरवाली बना लिया। आठ साल पहले युवक ने अपने चचेरी साली से शादी भी कर ली। लेकिन, लड़की के पिता ने युवक पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया।

इधर जीजा-साली शादी करने के बाद पति-पत्नी की तरह रहने लगे। उनके दो बच्चे भी हो गए और अदालत में मुकदमे की सुनवाई भी चलती रही। कोर्ट ने अब मामले में युवक को अपहरण का दोषी मानते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर जुर्माना भी लगाया है।

Married to minor sister-in-law:  है पूरा मामला

मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र की एक कालोनी का है। यहां रहने वाले व्यक्ति की बेटी की शादी जनपद सम्भल के थाना असमौली के गांव निवासी युवक जसपाल सिंह के साथ हुई थी। युवक का प्रेम प्रसंग अपनी नाबालिग चचेरी साली से शुरू हो गया। 15 दिसंबर 2014 की रात को वह उसे लेकर फरार हो गया था।

किशोरी के पिता ने उसके खिलाफ बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि बाद में दोनों ने शादी कर ली थी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में वह जमानत पर छूट आया। अब दोनों पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं तथा उनके बच्चे भी हैं। परंतु मुकदमा अदालत में विचाराधीन था।

अब यह मुकदमा विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट डा. कपिला राघव की अदालत में चल रहा था। मंगलवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए युवक को दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने दोषी जसपाल को सख्त सजा देने की मांग की। अदालत ने उसे पांच साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की आधी धनराशि वादी को देने का आदेश दिया है।

Married to minor sister-in-law: कोर्ट में डटा रहा पिता

बेटी ने भले ही जीजा से शादी कर ली हो और अब दो बच्चे भी हो चुके हैं, इसके बावजूद उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने वाला पिता अंत तक कोर्ट में डटा रहा। उसने न्यायालय में गवाही दी और आरोपित दामाद के खिलाफ साक्ष्य भी पेश किए। न्यायालय में उसकी बेटी का भी एक बार बयान दर्ज हुआ, जिसमें उसने खुद की मर्जी से शादी करने की बात कही। मगर नाबालिग से शादी कानूनन अपराध है, इसी आधार पर कोर्ट ने उसे सजा सुना दी।