Editorial: वायु सेना पर आतंकी हमले को केंद्र का स्टंट बताना दुर्भाग्यपूर्ण  

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terrorist attacks on air force

It is unfortunate that the Center is calling the terrorist attack on the Air Force a stunt. पुंछ में वायुसेना पर आतंकी हमले को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जालंधर संसदीय सीट से उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी की यह टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण एवं देश के रक्षा बलों का अपमान है कि केंद्र सरकार ने चुनावी फायदे के लिए यह स्टंट किया है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में एक जवान शहीद एवं चार बलिदान हुए थे।

यह समय देश में आम चुनाव का है और राजनीतिक दल जीत के लिए हर चेष्टा कर रहे हैं। लेकिन सीमा पार से पाकिस्तान इसकी निगरानी कर रहा है कि अब तक देश में चुनाव के दौरान अशांति क्यों नहीं पैदा हुई। उसकी इन्हीं कोशिशों की वजह से पुंछ में वायु सेना पर आतंकी हमला हुआ। क्या इसके लिए भारतीय वायुसेना या फिर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यह कितना शर्मनाक है कि चन्नी इस तरह की टिप्पणी उन जवानों के संबंध में कर रहे हैं जिन्होंने अपने प्राण देश के लिए बलिदान कर दिए और जो जीवित बचे वे अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने यह बयान भी दिया है कि भाजपा को लोगों के जीवन और उनकी लाशों से खेलना आता है। क्या उन्हें इसका अंदाजा नहीं है कि इस प्रकार के बयान उनकी आलाकमान की ओर से भी गुजरात दंगों के बाद आए थे, जिसमें कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रवासी लोगों के संबंध में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका चोपड़ा के समक्ष ऐसी ही टिप्पणी की थी, जिसका खामियाजा कांग्रेस को चुनाव में भुगतना पड़ा था। अब लोकसभा चुनाव के दौरान चन्नी ने फिर वैसी ही बेहद विवादित टिप्पणी की है। वास्तव में देश में सुरक्षाबलों के साथ हुए हादसों, उन पर हमलों के बाद राजनीति में इसी प्रकार उबाल आता है। विरोधी दल इस तरह की घटनाओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के बजाय इसके लिए अपने ही देश की सरकार पर तोहमत लगाने लगते हैं। जबकि यह सच है कि खुफिया रिपोर्ट आ रही हैं कि पाकिस्तान की एजेंसियां इसके लिए परेशान हैं कि भारत में इतनी शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कैसे हो रहे हैं।

क्या पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी इस बात को समझते हैं कि उनके इस तरह के बयानों से क्या होगा। क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े उनके इस बयान से वास्ता रखते हैं, जबकि एक दिन पहले ही उन्होंने इस घटना पर दुख जताया था। क्या यह माना जाए कि कांग्रेस के नेताओं की मूक सहमति चन्नी के प्रति है, वे खुद इस प्रकार के आरोप लगाना चाहते थे लेकिन उन्होंने ऐसा खुद न करके इसका इंतजार किया कि पार्टी का ही कोई अन्य नेता ऐसा बयान दे।

पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरदासपुर में रैली के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार की कोताही के लिए पहले ही विवादित रहे हैं। वह मसला देश के प्रधानमंत्री से जुड़ा था, अगर एक देश अपने ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा नहीं कर सकता है तो फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा क्या करेगा। हालांकि उस घटनाक्रम के लिए चन्नी ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेने से परहेज करते हुए ऐसी किसी कोताही से इनकार किया था। कांग्रेस पार्टी ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक मामला बना दिया था, क्या अब पार्टी इसका विश्लेषण कर चुकी है कि पंजाब के विधानसभा चुनावों में उसकी शर्मनाक हार के लिए ऐसे ही बयान और घटनाएं जिम्मेदार रही हैं। पंजाब सैनिकों का प्रदेश है, यहां से हजारों की तादाद में सैनिक वायु, जल एवं थल सेना में कार्यरत हैं। उनका जीवन प्रत्येक क्षण संकट में होता है, क्या उनके प्रति ऐसे बयानों से उनकी और उनके परिजनों की भावनाएं आहत नहीं होंगी। भाजपा ने इस बयान को लेकर जैसी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है, वह समयोचित है। निश्चित रूप से सुरक्षा बलों की ओर से ऐसी राजनीतिक टिप्पणियों को गंभीरता से लिया ही नहीं जाता। हालांकि देश की जनता को इस संबंध में जरूर विचार करना चाहिए।

कांग्रेस नेता सरकार आने के बाद अग्निपथ योजना को खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं। हालांकि यह कहीं स्पष्ट नहीं है कि आखिर बेरोजगारी को खत्म करने के लिए कांग्रेस किस प्रकार काम करेगी। अग्निपथ योजना बेरोजगारी को खत्म कर रही है। निश्चित रूप से कांग्रेस और उसके नेताओं को ठोस धरातल पर रहकर काम करने की जरूरत है, देश की जनता उन बयानों को बखूबी समझती है जोकि इस समय सामने आ रहे हैं। 

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