विज्ञान-तकनीकि के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

विज्ञान-तकनीकि के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

India's scientists have made a huge contribution

India's scientists have made a huge contribution

प्रदेश सरकार ने विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपये से बढाक़र चार लाख किया
 
भारत के 12 वैज्ञानिकों को मिल चुका है विज्ञान और तकनीकि क्षेत्र में नॉबेल पुरस्कार
 
मुख्यमंत्री ने चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में किया स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण तथा तीसरे शैक्षणिक भवन की रखी आधारशिला

चणडीगढ़, 11 फरवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल(Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन है। गणित के क्षेत्र में जीरो, संख्या प्रणाली व पाई का मान(Number System and Value of Pi) दुनियों को हमारे गणितज्ञों ने दिए। ऐसे भारत के 12 वैज्ञानिक हुए हैं, जिनको विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सर्वोच्च नॉबेल पुरस्कार(The highest Nobel Prize) से नवाजा जा चुका है। भारत के सुप्रसिद्घ गणितज्ञ रामानुजन्(India's famous mathematician Ramanujan) ने ज्यूमेट्री की 4000 से भी अधिक थ्योर्म की खोज की। उनकी प्रतिभा को देखते हुए कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी ने उनको अपने साथ रखा, जो हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने विद्यार्थियों से  आह्वान किया कि वे वायु की तरह तेज गति से चलते हुए आगे बढ़े और विज्ञान के क्षेत्र में नए अविष्कार कर भारत का नाम रोशन करें।
 
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिकों की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब साढ़े पांच लाख रुपए की लागत से विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित की गई स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने यहां पर 128 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले तीसरे शैक्षिणिक भवन की आधाशिला रखी।
 
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने यहां पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी और श्रीनिवास रामानुजन भवन का अवलोकन भी किया। इस दौरान प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा से विधायक बिशम्बर वाल्मिकी और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल भी मौजूद रहे।
 
विज्ञान सम्मेलन में जिलेभर से आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे हर क्षेत्र में विकास को गति मिलती है। भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।
 
उन्होंने कहा कि हमारा अतीत वैज्ञानिकों से भरा हुआ है। विज्ञान में भारतीय स्वर्णिम इतिहास के दिग्गजों में  होमी जहांगीर भाभा, जगदीश बसु, रामानुजन, शांतिस्वरुप भटनागर आदि प्रमुख हैं,  जिनका विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। आधुनिक युग में भूतपूर्व राष्ट्रपति वर्गीय श्री एपीजे अब्दुल कलाम का नाम भी अग्रणी है।
 
भारत के 12 वैज्ञानिकों को  मिल चुका है विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में नॉबेल पुरस्कार / 12 scientists of India have received Nobel Prize in the field of science and technology
 
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के 12 भारतीयों को उनके वैज्ञानिक और तकनीकी योगदान के लिए नॉबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सीवी रमन को उनके रमन प्रभाव के लिए 1930 में तथा बायोकेमिस्ट हर गोबिंद खुराना को प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करने के लिए नॉबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड महामारी के दौरान भारत के वैज्ञानिकों से वैक्सीन डोज बनाने का आह्वान किया गया था, जिस पर भारत के वैज्ञानिकों ने इस चुनौति को एक अवसर के रूप में स्वीकारा और एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन बनाई। 200 करोड़ वैक्सीन डोज बनाकर न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों को भी वैक्सीन देने का काम किया। इससे भारत के वैज्ञानिकों ने वर्तमान समय में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
 
प्रदेश सरकार ने विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख किया / The state government has increased the amount of Vigyan Ratna award from two lakh rupees to four lakh rupees
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विज्ञान आधारित दृष्टिकोण के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। हरियाणा सरकार नवाचार को लेकर बजट में विशेष प्रावधान कर रही है। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को और अधिक विकसित करने के लिए विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख रुपए किया गया।
 
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह विज्ञान सम्मेलन भी बहुत ही कारगर साबित होगा।
 
विज्ञान सम्मेलन को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आरके मित्तल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वन को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। विद्यार्थियों को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने उन्हें जिला रोजगार सृजन केंद्र द्वारा विशेष प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विज्ञान प्रदर्शनी में क्षेत्र के 40 से अधिक सरकारी तथा मान्यता प्राप्त स्कूलों के 500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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