कलियुग में भैरव देव के समान कोई देव नहीं : पूज्यपाद जगद्गुरु वसंत विजयानंद गिरीजी महाराज

Pujyapad Jagadguru Vasant Vijayanand Giriji Maharaj

Pujyapad Jagadguru Vasant Vijayanand Giriji Maharaj

श्री नाकोड़ा भेरव देव मंदिर में दर्शन कर संगीतमय भक्ति के साथ श्रद्धालुओं को कराया दैविक शक्ति का चमत्कारिक अहसास 

नाकोड़ा तीर्थ। Pujyapad Jagadguru Vasant Vijayanand Giriji Maharaj: राजस्थान के बाड़मेर जिले के मेवानगर क्षेत्र के विश्व विख्यात श्री नाकोड़ा तीर्थ धाम में परमहंस परिव्राजकाचार्य अनन्त श्री विभूषित कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु 1008 परम पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ एवं भैरव देव भगवान के दर्शन किए। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को भैरव देव की संगीतमय भक्ति के साथ-साथ चमत्कारिक दैविक शक्ति का एहसास भी उन्होंने कराया। उन्होंने बताया कि भैरव देव तुरंत प्रसन्न होकर भक्तों के विघ्नों को दूर कर कल्याण करते है। इससे पूर्व मंदिर पहुंचने पर श्री नाकोड़ा तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टीद्वय पुरुषोत्तम सेठिया, जितेंद्र चोपड़ा, मैंनेजर आरके मेहता ने पूज्य जगद्गुरु श्रीजी की अगवानी की। साथ ही ट्रस्ट की ओर से भैरव देव के सिद्ध साधक संत,  त्रिकालदर्शी पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज का वंदनीय अभिनंदन किया। भैरव भक्ति के भावभरे संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि भैरवदेव की श्रद्धामय भक्ति में संस्कार एवं विनय व्यक्ति के हर प्रकार के दुख तो मिटाता ही है, सुख प्रदायक समृद्धि में वृद्धि भी करता है। उन्होंने मेवानगरी की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि यहां अनजान व्यक्ति भी झोली भर कर ले जाता है। शीघ्र प्रसन्न होकर दुख, भय मिटाने व शत्रुओं का दमन करने में सहायक भैरवदेव की भक्ति से मनुष्य जीवन को सार्थक करने की प्रेरणादायी सीख देते हुए वचन सिद्ध, विद्यासागर संतश्रीजी ने कहा कि भक्ति में सदैव अतृप्त रहते हुए ईमानदारी से परिश्रम करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। अनेक श्रद्धालु गुरुभक्तों में सुरेश छाजेड़ फौजी, अशोक छाजेड़, सुनील बोथरा, सुनील छाजेड़, सवाईसिंह चारण, महिपाल दान चारण, जितेंद्र भंसाली, पूनम देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे, जिन्हें पूज्यपाद जगद्गुरु ने प्रसाद आशीर्वाद रक्षा सूत्र आदि प्रदान किए।