Illegal meat-fish business

अवैध मीट-मछली के कारोबार ने डुबोई 33 दुकानदारों की नैया, देखें क्या है मामला

Illegal meat-fish business

Illegal meat-fish business

सेक्टर 41 में नगर निगम की ओर से रेंट पर दी गई 33 दुकानों में से 26 ने की सरेंडर, कहा जीएसटी व रेंट नहीं दे पाने की स्थिति में

ओपन ऑक्शन के जरिये अलॉट किये गये थे दुकानदारों को वर्ष 2020 में बूथ

Illegal meat-fish business- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ में विभिन्न जगहों पर लग रहे अवैध मछली बाजार (illegal fish market) से नाराज 26 दुकानदारों ने सेक्टर 41 में अपनी दुकानें नगर निगम (Municipal council) को सरेंडर कर दी। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम का एमओएच विभाग शहर में मछली का अवैध कारोबार रोकने में नाकाम हो रहा है। इससे उनकी दुकानदारी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वह सरकार को टैक्स देने की स्थिति में नहीं हैं। अपने घर भी वह नहीं चला पा रहे हैं तो ऐसी दुकानों को रखने का क्या फायदा।

बीते माह सेक्टर 41 के इन दुकानदारों के साथ नगर निगम की मीटिंग हुई थी। इसमें उन्होंने बताया कि पूरे शहर भर में जगह जगह अवैध तौर पर मछली बाजार चल रहे हैं। इन दुकानदारों को नगर निगम (Municipal council) ने 26 अगस्त 2020 को रेंट पर ओपन ऑक्शन के जरिये 33 बूथ अलॉट किये थे। मछली व मीट बाजार लगाने के लिए यह बूथ रेंट पर दिये गए थे। इनमें से 26 दुकानदार अपनी दुकानें सरेंडर कर चुके हैं।

दुकानदारों ने नगर निगम (Municipal council) के अफसरों को दलील दी है कि वह न तो जीएसटी (GST) और न ही दुकानों का तय रेंट देने की स्थिति में हैं क्योंकि नगर निगम (Municipal council) चाहता ही नहीं कि उनकी यह दुकानें सही तरीके से चलें। या तो नगर निगम शहर में अवैध मछली व मीट बाजार को रोके अन्यथा सेक्टर 41 में दुकानें चलाने का कोई औचित्य नहीं। यही स्थिति रही तो आगे से इन दुकानों को कोई लेगा भी नहीं।

16 नवंबर 2022 को नगर निगम के ज्वाइंट कमिशनर ने एक लैटर लिख कर इस ओर निगम के एमओएच विंग (MOH Wing) के अफसरों का ध्यान दिलाया। इसमें कहा गया है कि शहर भर में जो अवैध मछली व मीट बाजार (illegal fish and meat market) चल रहे हैं उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। ज्वाइंट कमिशनर ने ये भी कहा कि इन दुकानदारों द्वारा 26 बूथ सरेंडर कर देने से नगर निगम को भी प्रतिमाह जबरदस्त नुकसान होने लगा है। नगर निगम के इनफोर्समेंट विंग, एमओएच विंग को आदेश दिया गया है कि वह उन इलाकों व क्षेत्रों को चिन्हित करें जहां अवैध तौर पर मीट व मछ्ली का बाजार लगाया जा रहा है। इन्हें जल्द से जल्द हटाने की प्रक्रिया भी दोनों विभाग तय करें। इन्हें हटाने की प्रक्रिया केवल एक बार न चले बल्कि लगातार यह काम जारी रहे ताकि दोबारा अवैध मीट व मछली बेचने वालों पर शिकंजा कसा जा सके। इस बाबत जल्द से जल्द एमओएच को रिपोर्ट भी सबमिट कराने को कहा गया है। यहां बता दें कि एमओएच में फिलहाल दो ही अफसर हैं। स्टाफ की यहां जबरदस्त कमी है। शहर के सैकड़ों इलाके हैं जहां यह मछली व मीट बाजार लगता है। दो अधिकारियों के लिए चैकिंग करना संभव नहीं लग रहा। विभाग के अधिकारी मांग कर रहे हैं कि चैकिंग तो कर लें लेकिन दो लोग इस काम को कैसे संभालेंगे। पहले इनफोर्समेंट के लिए नगर निगम पूरा दस्ता उपलब्ध करा दे, उसके बाद वह कार्रवाई कर देंगे। एमओएच के कम स्टाफ का ही अवैध तौर पर मीट व मछली बाजार लगाने वाले फायदा उठा रहे हैं। 

धनास पुनर्वास कॉलोनी में वी-4 रोड कम्युनिटी सेंटर के साथ लगती यूटी इंजीनियरिंग विभाग की सरकारी जमीन पर मीट मछली शराब का कारोबार लगातार फल-फूल रहा है।

 

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