Kawad Yatra

अपनी कावड़ यात्रा को सफल करना चाहते हैं तो न करें ये गलतियां, देखें क्या है खास

Kawar

Kawad Yatra

कावड़ यात्रा में शिवभक्त पैदल और लंबी यात्रा तय कर गंगा नदी का पवित्र जल कावड़ में भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

जब भी हम कावड़ लेने जाएं तो अपने साथ कोई भी चमड़े का सामान जैसे चमड़े का पर्स, चमड़े की बेल्ट, चमड़े के जूते, चप्पल आदि नहीं ले जाना चाहिए। क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनता है। जिसके कारण हमें हत्या का पाप लगता है। चमड़े का कोई भी सामान हमें अपने दैनिक जीवन में भी प्रयोग करने से बचना चाहिए।

भाषा का भी रखें ध्यान
अपनी भाषा में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। आप कावड़ लेने जाते हैं तो आप अपनी भाषा में बदलाव लाएं। जैसे कि किसी भी गलत भाषा का प्रयोग- गाली देना, अपशब्दों का प्रयोग करना और दुसरों के प्रति अपने मन में गलत विचार लाना। यह सब बिल्कुल एकदम बंद कर देना चाहिए। कावड़ यात्रा के दौरान आपको जो भी लोग मिलते हैं उन्हें भोला और भोले के नाम से ही संबोधित करना चाहिए।

इस मंत्र का करें जाप
जहां तक संभव हो नंगे पैर से ही कावड़ यात्रा करें क्योंकि इसमें आत्मिक बल मिलता है और आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। कावड़ यात्रा के दौरान आप किसी भी मंदिर में जाकर भोलेनाथ की किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। ओम नम: शिवाय का जाप करने से भगवान भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न  होते हैं।

न करें इन चीजों का सेवन
यात्रा के दौरान सभी प्रकार के नशे जैसे शराब, सिगरेट, पान मसाला और सबसे महत्वपूर्ण भांग का सेवन छोड़ देना चाहिए। कई लोग सोचते हैं कि यह भोलेनाथ का प्रसाद है। लेकिन इसका वर्णन किसी भी ग्रंथ या पुराण में नहीं मिलता। यदि आपको अपनी कावड़ यात्रा सफल करनी है तो इन सभी प्रकार की नशों को छोड़ देना चाहिए।

कैसा हो भोजन
यात्रा के दौरान शुद्ध सात्विक भोजन ही करना चाहिए। किसी भी प्रकार के मांसाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए यहां तक कि लहसुन प्याज का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भोजन जमीन पर बैठकर ही करें। जमीन पर ही सोना चाहिए।

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