जिंदा रहने की लड़ाई है इस बार का लोकसभा चुनाव : लालू प्रसाद यादव

Lok Sabha Election 2024

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लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया को बनाया है चुनावी हथियार

अर्थप्रकाश / मुकेश कुमार सिंह

पटना / बिहार। Lok Sabha Election 2024: लालू प्रसाद यादव इस बार के लोकसभा चुनाव में, चुनावी सभा को संबोधित नहीं कर रहे हैं। लेकिन श्री यादव सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और पीएम नरेंद्र मोदी पर खूब विषवमन कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण शैली पर, राजद चीफ लालू प्रसाद यादव ने 3 मई को बड़ा तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि देश के पीएम कुछ शब्दों के बीच सिमट कर रह गये हैं। लालू प्रसाद यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये, पीएम मोदी को घेरने की भरपूर कोशिश की है। लालू ने लिखा कि 'प्रणाम देशवासियों, हिंदी भाषा में आज लगभग 1.5 लाख शब्द बताये जाते हैं तथा अध्ययन की सभी शाखाओं में तकनीकी शब्दों को मिला कर लगभग 6.5 लाख शब्द हैं। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे पसंदीदा शब्द हैं पाकिस्तान, श्मशान, क़ब्रिस्तान, हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, मछली-मुगल, मंगलसूत्र, गाय और भैंस। पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने लिखा कि ऊपर के शब्दों के लिस्ट, पहले दो चरणों के चुनाव होने तक की है। सातवें चरण तक इस लिस्ट में कुछ नाम और बढ़ सकते हैं। मसलन पीएम मोदी नौकरी-रोजगार, गरीबी-किसानी, महंगाई-बेरोजगारी, विकास-निवेश, छात्र-विज्ञान और नौजवान की चर्चा भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों के अपने चुनाव प्रचार में, लगातार विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कई तरह के आरोप लगाये हैं। इसमें कॉंग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग की छाप वाला बताया है। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई, तो महिलाओं का मंगलसुत्र छीन लेगी। साथ ही हिन्दुओं की सम्पत्ति लेकर, उसे मुसलमानों में बाँट देगी। इतना ही नहीं तेजस्वी यादव के मछली खाने पर भी पीएम मोदी ने तंज कसा था। 

Lok Sabha Election 2024

इधर कॉंग्रेस पार्टी के नेता कह रहे हैं कि पीएम कॉंग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। चुनाव में मतदाताओं को हिंदू-मुसलमान के नाम पर बाँट रहे हैं। पीएम मोदी के खिलाफ, इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई है। उसी क्रम में अब लालू यादव ने पाकिस्तान, श्मशान, क़ब्रिस्तान, हिन्दू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, मछली-मुगल, मंगलसूत्र, गाय-भैंस के बार बार जिक्र को लेकर नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर तौर पर बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल काफी तेज है। सभी पार्टियाँ जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। एनडीए की ओर से जहाँ कई दिग्गज नेता चुनावी प्रचार के लिए बिहार आ रहे हैं, वहीं राजद की ओर से एनडीए नेताओं का मुकाबला अकेले नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कर रहे हैं। बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि राजद चीफ लालू यादव ने अपने चुनाव प्रचार का दायरा, अपनी दोनों बेटियों तक ही सीमित कर लिया है। सारण लोकसभा सीट से लालू यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ रही हैं, तो पाटलिपुत्र से उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में है। लालू यादव दोनों बेटियों को जिताने के लिए, भगीरथ कोशिश कर रहे हैं।  

जिंदा रहने की लड़ाई है 2024 का यह लोकसभा चुनाव

लालू यादव सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। राजद चीफ लालू ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि यह चुनाव मरने का नहीं बल्कि जिंदा रहने की लड़ाई का चुनाव है। पीएम मोदी के फिर से सत्तासीन होने से देश का बड़ा नुकसान होगा। लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि देश की 140 करोड़ जनता गंभीरता से यह सोच रही है कि अगर फिर से मोदी सरकार आयी, तो मोदी संविधान और लोकतंत्र को ही खत्म कर देंगे। मोदी सरकार आयी, तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा। मोदी सरकार आयी, तो युवा बिना नौकरी के ही मर जाएँगे। मोदी सरकार आयी, तो आम आदमी महंगाई से घुट-घुट कर के मर जाएँगे। मोदी सरकार आयी, तो पुलिस और अर्धसैनिक बलों में भी अग्निवीर योजना लागू हो जाएगी। मोदी सरकार आयी, तो किसान अपना अधिकार मांगते-मांगते मर जाएँगे। मोदी सरकार के आने से, इनके पूर्व के 10 वर्षों के शासन में जो नफरत एवं विभाजन हुआ है, वह बहुत अधिक बढ़ जाएँगे। मोदी सरकार आयी, तो 10 वर्षों के दौरान बर्बाद हुई संवैधानिक संस्थाओं की बची-खुची स्वायत्तता भी खत्म हो जाएगी। यह पूरी तरह से साफ है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव सहित पूरा विपक्ष पीएम मोदी पर, सत्ता में आने पर संविधान और आरक्षण खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं। संविधान को खत्म करने के मामले में पीएम मोदी ने कहा है कि अगर उन्हें संविधान को खत्म करना होता, तो उनके पास संविधान को खत्म करने के लिए 10 साल का उनका शासनकाल काफी था। कुल मिला कर विपक्ष के पास सिर्फ ऐसे ही मुद्दे हैं, जिनकी बदौलत वे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रहे हैं। जनता खुली आँखों से, सारे चुनावी दाँव-पेंच पर कड़ी नजर रखे हुए है।