सिकंदर महान कैसे हो सकता है.. बांटने वालों से सावधान रहें.. गोरखपुर में CM योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर हमला

सिकंदर महान कैसे हो सकता है.. बांटने वालों से सावधान रहें.. गोरखपुर में CM योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर हमला

CDS Bipin Rawat Statue Unveiled

CDS Bipin Rawat Statue Unveiled

गोरखपुर: CDS Bipin Rawat Statue Unveiled: सीएम योगी ने मंगलवार को सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान सीएम ने कहा, सिकंदर, बाबर और औरंगजेब जैसे आक्रांता महान कैसे हो सकते हैं. महान महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, पृथ्वीराज चौहान, झांसी की रानी, बिपिन रावत जैसे लोग हैं.

सीएम ने कहा, हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा. हमें एकजुट रहना होगा. विपक्ष जातियों के नाम पर बांटने की साजिश रच रहा है. हमें सावधान रहना होगा. समाज में एकता से ही कल्याण हो सकता है. जिसको भारतीय होने पर गौरव है वो हमारा है, जिसे गौरव नहीं वो पराया है. भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए. हमारी पहचान भारतीय के रूप में होनी चाहिए.

हम राम-कृष्ण की परंपरा को मानने वाले : उन्होंने कहा, हम राम और कृष्ण की परंपरा को मानने वाले लोग हैं. हमारे यहां भगवत गीता और रामायण की चौपाइयां उदाहरण बनती हैं. सैनिकों के साथ देश पर मर मिटने वालों के बारे में तो यहां तक कहा जाता है कि अगर युद्ध भूमि में शहीद हो जाओगे तो स्वर्ग मिलेगा, जिओगे तो धरती पर राज करोगे. यह हर सैनिक पर लागू होता है. जनरल बिपिन रावत का जीवन समाज और राष्ट्र के युवाओं को कुछ ऐसी ही प्रेरणा देता है.

सीएम ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. प्रतिवर्ष 8 दिसंबर की तिथि जनरल रावत और जिन्होंने देश के लिए शहादत को प्राप्त किया है, उन सभी की स्मृति को सैनिक स्कूल परिसर में यादगार बनाने वाला रहेगा.

नेकदिल इंसान थे जनरल बिपिन रावत : सीएम योगी ने कहा, भारत की तीनों सेनाओं के सर्वोच्च पद पर आसीन रहने के साथ, भारत की सेना में सबसे बड़े रिफॉर्मर के रूप में कार्य करने के वाले और देश के कई महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन को अपने नेतृत्व में सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने वाले जनरल रावत, बहुत ही सरल और नेकदिल इंसान थे. जब कभी भी उनसे मुलाकात होती थी उनकी सहजता, हृदय को छू लेने वाला उनका लगाव और मातृ भूमि के प्रति समर्पण का भाव उनके एक अनुशासित सैन्य अधिकारी के स्वरूप को यादगार बना जाता था.

पंच प्रण शाश्वत मंत्र : सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंच प्रण का जिक्र करते हुए पंच प्रण को शाश्वत मंत्र बताया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों के सामने लक्ष्य रखा कि 2047 में देश जब आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब हमें आत्मनिर्भऱ, विकसित भारत चाहिए. जहां हर व्यक्ति खुशहाल और परस्पर सौहार्द के साथ मिलकर दुनिया की महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा हो.

वहां जाति, भाषा, क्षेत्र का विवाद और अभाव न हो. कोई नागरिक आपदा का शिकार न हो. हर व्यक्ति आत्मनिर्भर व स्वावलंबन का जीवन व्यतीत करते हुए राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर सके. सीएम ने कहा कि भारत विकसित तब हो सकता है, जब हर व्यक्ति पंच प्रण पर ध्यान दे. सीएम योगी ने पीएम मोदी के पांचों प्रण के बारे में विस्तार से बताया.

पहला प्रण- विरासत पर गौरव की अनुभूति यानी पूर्वजों की थाती : हर भारतवासी को पूर्वजों, संस्कृति, महापुरुषों पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए. महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह उसी परंपरा के नायक हैं, जिसे हर भारतवासी विरासत कहता है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण व धर्मध्वजा का आरोहण विरासत की श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है.

दूसरा प्रण - गुलामी के अंशों को पूरी तरह समाप्त करना : सीएम ने कहा कि बीच के कालखंड में हर देशवासी भूल गया कि जब दुनिया अंधकार में थी, तब भारत बड़ी ताकत था. दो हजार वर्ष पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा 46 फीसदी और चार सौ वर्ष पहले भारत की भागीदारी का हिस्सा 26 फीसदी था. देश जब आजाद हुआ, तब दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा महज डेढ़ फीसदी रह गया था.

अंग्रेज व विदेशी आक्रांता जब भारत को लूटकर ले गए थे, उसकी कीमत उस समय लगभग 32-35 ट्रिलियन डॉलर के बराबर थी. आज भारत की अर्थव्यवस्था मात्र चार ट्रिलियन डॉलर की है. अब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है. हाल के सर्वे के मुताबिक, दुनिया ने माना है कि भारत सबसे तेज गति के साथ बढ़ने वाला राष्ट्र बन गया है. भारत की यात्रा शानदार इसलिए है, क्योंकि हमने विरासत पर गौरव की अनुभूति की और गुलामी के अंशों को समाप्त किया.

तीसरा प्रण- सैन्य बलों का सम्मान : सैनिक, यूनिफॉर्म धारी फोर्स (सेना, अर्धसेना, पुलिस बल) का सम्मान करना है. उनके बलिदान व सेवाओं के प्रति सम्मान व कृतज्ञता होनी चाहिए.

चौथा प्रण- राष्ट्रीय एकता के लिए प्राण प्रण से जुड़ना होगा : सीएम योगी ने कहा कि विदेशी आक्रांता इसलिए सफल हुए, क्योंकि हम विभाजित थे, जाति-क्षेत्र, भाषा के नाम पर बंटे थे. पड़ोस में आग लगी है और हम निश्चिंत बैठे हैं तो देर-सवेर आग आप तक भी पहुंचेगी. सामाजिक विद्वेष की खाई को चौड़ा होने से रोकना होगा. हमारी पहचान राष्ट्रीयता के आधार पर होनी चाहिए. सामाजिक भेदभाव की खाई को दूर करना होगा.

पांचवां प्रण- नागरिकों कर्तव्यों का निर्वहन : सीएम ने कहा कि दूसरों के ऊपर कानून लागू होगा और हमारे ऊपर नहीं होगा. यही प्रवृत्ति ही सारी समस्याओं की जड़ है. कानून दूसरों के लिए है तो मेरे लिए भी होना चाहिए. छात्र, शिक्षक, व्यापारी, जनप्रतिनिधि समेत हर नागरिक अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करता है, तो पंच प्रण आत्मनिर्भर व विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने में सहायक बनेगा. यदि देश एक दिशा में कार्य करने लग जाएगा तो 2047 आते-आते भारत विकसित होगा.