सरकारी होटलों का निजीकरण : 14 होटलों को लीज पर देगी सरकार

Privatization of Government Hotels

Privatization of Government Hotels

आय बढ़ाने के लिए घाटे में चल रहे होटलों का संचालन और मेंटनेंस का कार्य निजी हाथों में देने का निर्णय 

शिमला: संदीप उपाध्याय: Privatization of government hotels: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने पर्यटन निगम की 14 होटलों का निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। केबिनेट में निर्णय लेकर होटलों के संचालन और मेंटनेंस का कार्य निजी हाथों में सौंपा जाएगा। सरकार के निर्णय के बाद अब पर्यटन निगम जल्दी ही निजी हाथों में किन शर्तों के साथ सौंपा जाएगा, इसका निर्धारण करेगा। सरकार का मानना है कि पर्यटन निगम की बहुमूल्य प्रापर्टी के रुप में तैयार होटलें घाटे में चल रहीं हैं। जिससे पर्यटन निगम के ऊपर बहुत अधिक आर्थिक बोझ है। प्राइवेट हाथों में सौंपने से सरकार को इन सभी होटलों से लाखों में आमदनी होने की उम्मीद है। 

राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) ने घाटे में चल रहे 14 होटल प्राइवेट हाथों में देने के निर्देश जारी किए है। ऑपरेशन और मेंटिनेंस के लिए सरकारी होटल अब प्राइवेट हाथों में दिए जाएंगे। प्रिंसिपल सेक्रेटरी टूरिज्म ने पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक (MD) को तीन महीने के भीतर यह काम करने के निर्देश दिए हैं। प्रिंसिपल सेक्रेटरी के इन आदेशों से निगम कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। लंबे समय से इन होटलों को प्राइवेट हाथों में देने की चर्चाएं थी। आखिरकार सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। 

ये होटल प्राइवेट हाथों में दिए जाएगे
होटल हिलटॉप स्वारघाट
होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर
होटल लेकव्यू बिलासपुर
होटल चांशल रोहडू
होटल बघाल दाड़लाघाट
टूरिज्म इन राजगढ़
वेसाइड एमिनिटी भराड़ीघाट
होटल सरवती कुल्लू
होटल ममलेश्वर चिंदी
होटल ओल्ड रोज कॉमन कसौली
होटल एपल ब्लासम फागू
काश्मीर हाउस धर्मशाला
होटल शिवालिक परवाणू
होटल उहल जोगेंद्रनगर
कैबिनेट ने लिया बंद करने का फैसला

पर्यटन निगम की घाटे में चल रहीं होटलों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है। पर्यटन निगम के 14 होटल ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट के लिए जो होटल प्राइवेट हाथों में दिए जा रहे हैं, वह काफी समय से घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन निगम के इन होटलों को घाटे से उबारने के लिए कई प्रयास भी किए। सरकार के ऑर्डर के मुताबिक करोड़ों रुपए से बने 14 सरकारी होटल प्राइवेट हाथों में दिए जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल की 28 जून की बैठक में इसे बंद करने का फैसला ले लिया गया था।

पर्यटन निगम की बीओडी में होगा फैसला, तय होंगे नियम व शर्तें 

पर्यटन निगम की 14 होटलों को लीज पर देने के सरकार के निर्णय के बाद अब बीओडी की बैठक होगी, जिसमें लीज पर देने के संबंध में अंतिम निर्णय होगा। बीओडी की बैठक में ही लीज पर देने के नियम और शर्ते तैयार होगी। सभी होटलों की प्रापर्टी का मूल्यांकन होगा, उसी आधार पर लीज पर देने के रेट भी तय किए जाएंगे। 

कर्मचारियों का क्या होगा, बीओडी में होगा निर्णय 

पर्यटन निगम की जिन होटलों को निजी हाथों में लीज पर देने का निर्णय लिया है, वहां तैनात निगम के कर्मचारियों का क्या होगा, इसका निर्णय भी बीओडी में ही लिया जा सकता है। निगम के 14 होटलों में एक अनुमान के अनुसार 100 के करीब रेगुलर कर्मचारी होंगे और इससे अधिक आउटसोर्स के कर्मचारी कार्यरत होंगे। अनुमान यही है कि रेगुलर कर्मचारियों को निगम के दूसरे होटलों में ट्रांसफर किया जाएगा और आउटसोर्स का क्या होगा, इसका निर्णय आने के बाद ही पता चलेगा। 

कांग्रेस पार्टी पहले करती रही होटलों के निजीकरण का विरोध

पर्यटन निगम की होटलों को लीज पर देने का मुद्दा हिमाचल की सियासत में गरमाता रहा है। पूर्व भाजपा सरकार के समय भी निगम की कुछ होटलों को लीज पर देने की चचाएं होती रहीं। उस समय विपक्ष में बैठे कांग्रेस के नेता सरकारी होटलों को लीज पर देने का विरोध करते रहे। निगम की होटलों को लीज पर देने के मुद्दा सदन से लेकर सड़क तक हिमाचल की सियासत में गरमाता रहा है। अब कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो सरकार होटलों को निजीकरण का निर्णय लिया गया है। अब देखना है कि भाजपा इस निर्णय को लेकर क्या रुख अपनाती है।