हिमाचल को पानी पर अपना हक मिलना चाहिए: सुखविंद्र सिंह सुक्खू
- By Krishna --
- Monday, 05 May, 2025

Himachal should get its rights on water: Sukhwinder Singh Sukhu
Himachal should get its rights on water: Sukhwinder Singh Sukhu : शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों को पानी पर अपना हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी हिमाचल प्रदेश की बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है। उन्होंने कहा कि राज्य 12,000 मेगावाट बिजली पैदा करता है, फिर भी हिमाचल को इससे क्या मिला? एसजेवीएनएल 6,700 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है, लेकिन हमें पूछना चाहिए कि हिमाचल को क्या मिला?
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और हरियाणा पानी को लेकर लड़ रहे हैं, लेकिन पानी हिमाचल से बह रहा है। बदले में हमें क्या मिल रहा है? मुख्यमंत्री ने यह बात न्यू शिमला के सेक्टर-5 में 18 करोड़ रुपये की लागत से बनी पार्किंग के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि तीन मंजिला इस पार्किंग में 50 से अधिक वाहन खड़े हो सकते हैं, जिससे क्षेत्र के निवासियों को काफी लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1.5 करोड़ रुपये की लागत से नई पार्किंग सुविधा की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि न्यू शिमला में एक और पार्किंग सुविधा के निर्माण, सामुदायिक केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की स्थापना के लिए 50 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि उनकी बहन यहीं रहती हैं, उनका बचपन इसी इलाके में बीता है और उनकी राजनीतिक यात्रा भी यहीं से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि आज जहां सेक्टर 5 है, वहां पैदल चलने के लिए रास्ते हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि समय के साथ इस इलाके में काफी विकास हुआ है।
अढ़ाई वर्ष में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं: मुख्यमंत्री
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्तमान सरकार को विरासत में मिली वित्तीय चुनौतियों के संदर्भ में कहा कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो राज्य सरकार पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज था और सरकारी कर्मचारियों कीे 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियां बकाया थीं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए राज्य सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़े। राज्य सरकार ने ईमानदार और पारदर्शी प्रयासों से पिछले अढ़ाई वर्ष में 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए मक्का, गेहूं और जौ सहित पशुपालकों को दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की है, जबकि पंजाब ने अब तक इसे लागू नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सुधारों के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र को राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया है। उन्होंने क्षेत्र के मुद्दों को सक्रियता से उठाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की सराहना की। उन्होंने 250 करोड़ रुपये की लागत से विकासनगर में एक बहुउद्देश्यीय परिसर के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस भवन में पार्किंग की सुविधा सहित विभिन्न सरकारी कार्यालय होंगे।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिमला शहर की समस्याओं से अच्छी तरह अवगत हैं और उन्हें हल करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने खराब मौसम के बावजूद कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिमला नगर निगम के पार्षदों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री से न्यू शिमला में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 250 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जा रहे हैं। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि न्यू शिमला में एक आधुनिक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा और हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना की। स्थानीय पार्षद आर.आर. वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और नई पार्किंग सुविधा के लिए आभार व्यक्त किया।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, एपीएमसी के अध्यक्ष देव आनंद वर्मा, पार्षद और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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