High Court's decision- No one can be stopped from using the acquired land for set back and road
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हाई कोर्ट का फैसला- सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि के इस्तेमाल से किसी को रोका नहीं जा सकता

High Court's decision- No one can be stopped from using the acquired land for set back and road

High Court's decision- No one can be stopped from using the acquired land for set back and road

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट  ने फैसला दिया है कि सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि के इस्तेमाल से किसी को रोका नहीं जा सकता और ऐसे मामलों में अदालत का अंतरिम आदेश लागू नहीं होता है।

न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने संदीप कुमार की याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत ने कहा कि सेट बैक भवन का एक सामान्य क्षेत्र है, जो इमारत के सभी रहने वालों के साथ आसपास के भवनों में हवा, प्रकाश आदि के लिए खुला क्षेत्र रखा जाता है। इसी प्रकार अधिग्रहित सड़क का चौड़ाई क्षेत्र भी सामान्य उपयोग क्षेत्र है। इमारत के रहने वाले और आसपास की इमारत के रहने वाले इस क्षेत्र का उपयोग करते हैं।

यह है पूरा मामला

वादी मीना और अन्य ने टायर का व्यापार करने के लिए किराये पर दुकान ली थी। किराये का अनुबंध बनाने के बाद वादी ने दुकान में मैसर्ज पंजाब टायर के नाम से व्यापार शुरू किया। इसके लिए उसने सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि का इस्तेमाल करते हुए मशीनें लगा दी। वादी ने मकान मालिक के खिलाफ सिविल अदालत में दावा किया कि मकान मालिक को सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि के इस्तेमाल पर हस्तक्षेप करने से रोका जाए। अदालत को बताया गया कि मकान मालिक सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि पर गाड़ी खड़ी कर इस क्षेत्र को इस्तेमाल करने से रोक रहा हैं 

सिविल कोर्ट से मामला जिला कोर्ट तक पहुंचा

सिविल अदालत ने 4 अप्रैल 2021 को आदेश पारित किए थे कि सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि के इस्तेमाल करने में हस्तक्षेप न करे। इन आदेशों को मकान मालिक ने अपील के माध्यम से जिला अदालत के समक्ष चुनौती दी थी। जिला अदालत ने सिविल अदालत के आदेश को संशोधित करते हुए कहा था कि सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि के इस्तेमाल न करने पर अंतरित आदेश पारित नहीं किए जा सकते है।

हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा

जिला अदालत के इस निर्णय को किरायेदार ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि जिला अदालत ने सही निर्णय पारित किया है। अदालत ने कहा कि सेट बैक और सड़क की अधिग्रहित भूमि किराये अनुबंध का विषय नहीं है। किरायेदार के खिलाफ इस क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए निरोधक आदेश पारित नहीं किए जा सकते हैं।