Here You Need To Know Everything About The West Nile Virus

क्या है वेस्ट नाइल वायरस और क्यों यूरोप में इसका केहर लोगों के लिए बड़ी समस्या बन रहा है ?

West Nile Virus

Here You Need To Know Everything About The West Nile Virus

West Nile Virus : बेशक, कोविड-19 ने इटली को बुरी तरह प्रभावित किया। इसके बावजूद इटली ने कोविड-19 को हराकर खुशहाल जिंदगी की शुरुआत की है। अब कोरोना वायरस के बाद इटली में 'वेस्ट नाइल' नाम के वायरस की चर्चा हो रही है और कुछ राज्यों में इसके मरीज भी देखे जा रहे हैं। इस वायरस को डेंगू वायरस का ही एक रूप माना जाता है जो अफ़्रीका से प्रवास करने वाले पक्षियों और मच्छरों द्वारा उत्पन्न होता है। इसके प्राथमिक लक्षण बुखार हैं जो 2 से 7 दिनों तक रह सकता है। इसके अलावा आंखों में लाली, कमजोरी, उल्टी, तेज सिरदर्द आदि शामिल हैं।

क्या है ये वेस्ट नाइल वायरस?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, वेस्ट नाइल का पहला मामला 1937 में सामने आया था. तब युगांडा की रहने वाली एक महिला इससे संक्रमित हुई थी। 
-1953 में उत्तरी मिस्र के नाइल डेल्टा रीजन में पक्षियों में इस वायरस की पहचान हुई थी. तब कौओं और कबूतरों में ये वायरस मिला था। 
-1997 से पहले तक इस वायरस को पक्षियों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता था, लेकिन इसके बाद इजरायल में इस वायरस का एक खतरनाक स्ट्रेन सामने आया था, जिससे कई पक्षियों की मौत हो गई थी। 
-विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 50 साल में कई देशों में इस वायरस से इंसानों के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं। 

इंसानों में कैसे फैलता है ये वायरस ?
-आमतौर पर इस वायरस के इंसान में फैलने की वजह मच्छरों को माना जाता है। ये वायरस पक्षियों में फैलता है। ये वायरस पक्षियों से होते हुए मच्छरों तक और मच्छरों से इंसानों में आता है। 
-मच्छर जब किसी संक्रमित पक्षी को काटते हैं तो ये वायरस उनमें आ जाता है और जब यही संक्रमित मच्छर इंसानों को काटते हैं तो इससे इंसान संक्रमित हो जाते हैं। हालांकि, कई बार दूसरे जानवरों से भी इंसानों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। 
-कई बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट, ब्लट ट्रांसफ्यूजन और ब्रेस्ट मिल्क से भी ये वायरस फैल सकता है। अब तक मां से बच्चे में इस वायरस के फैलने का एक मामला सामने आया है। 
-हालांकि, अभी तक इंसान से इंसान में इस वायरस के फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है। संक्रमितों का इलाज करने वाले डॉक्टरों में ये नहीं फैलता है। 
क्या है इसका इलाज और कैसे बचें?
- अभी इंसानों के लिए इस वायरस से बचने की कोई वैक्सीन नहीं है। बुखार होने पर और वायरस की पुष्टि होने के बाद इलाज किया जा सकता है। 
- इस वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि अपने आसपास साफ-सफाई रखें और मच्छरों को पनपने न दें।
- एनिमल-टू-ह्यूमन ट्रांसमिशन को रोकने के लिए जरूरी है कि बीमार जानवरों का इलाज करते समय ग्लव्स या प्रोटेक्टिव कपड़े पहनकर रखें।
- इसके अलावा अगर कहीं ये वायरस फैल रहा है, तो वहां ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से पहले लैब में उसकी जांच कर ली जाए।

कैसे बचा जा सकता है इससे ?
लोगों को इसका भी ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए लोगों को एहतियातन कदम भी उठाना चाहिए। इससे बचने के लिए बेकन का कहना है कि लोगों को हल्के औप शरीर को पूरे ढके हुए कपड़े पहननी चाहिए। यही नहीं जब कभी लोग सुबह या शाम को बाहर जाएं तो उन्हें बग स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा लोगों को अपने यार्ड को साफ रखना चाहिए और उन्हें वहां पानी नहीं जमने देना चाहिए ताकि मच्छर वहां अंडे न दे सकें।