Heavy rain continues for the third day in Himachal Pradesh: 17 people killed, 70 people trapped due to landslides in Manimahesh, Chandigarh-Manali highway closed, 800 roads closed, 12 bridges broken, Orange alert issued

हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी हेवी रेनफॉल जारी: 17 लोगो की मौत, मणिमहेश में लैंडस्लाड के कारण 70 लोग फंसे, चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद, 800 सड़कें बंद, 12 पुल टूटे, ऑरेंज अलर्ट जारी

Heavy rain continues for the third day in Himachal Pradesh: 17 people killed, 70 people trapped due to landslides in Manimahesh, Chandigarh-Manali highway closed, 800 roads closed, 12 bridges broken,

Heavy rain continues for the third day in Himachal Pradesh: 17 people killed, 70 people trapped due

हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी हैवी रेनफॉल जारी है। इससे अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है। आज सुबह के वक्त ठियोग-कुमारसैन के पलवी गांव में नेपाली मूल के तीन व्यक्ति की लैंडस्लाइड की चपेट में आने से मौत हो गई। उधर, मणिमहेश में लैंडस्लाड के कारण 70 लोग फंस गए।

मनाली में चार लोगो की बहने की सूचना

मनाली में तीन वोल्वो बसों के साथ चार लोगों के बहने की सूचना हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे समेत प्रदेशभर में 828 से ज्यादा सड़कें, 4686 बिजली के ट्रांसफॉर्मर (DTR) और 785 पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी हैं। चंडीगढ़-मनाली हाईवे लगभग 18 घंटे से जगह-जगह बंद पड़ा है। कालका-शिमला फोरलेन भी बार-बार लैंड स्लाइड से बंद हो रहा है।

किन्नौर जिले के भावा खड्ड में बीती रात भयंकर बाढ़ 

किन्नौर जिले के भावा खड्ड में बीती रात भयंकर बाढ़ ने खूब तबाही मचाई। बाढ़ की चपेट में आने से तीन मकान बह गए हैं। मनाली के आलू ग्राउंड में चार मंजिला होटल की बिल्डिंग ताश के पतों की तरह ढह गई। गनीमत रही कि इसे पहले ही खाली कराया जा चुका था।

भारी बारिश के कारण लोगों को नही मिल रहा है साफ पानी

भारी बारिश के कारण आई आपदा से लोगों को पीने को साफ पानी नहीं मिल रहा। आधे हिमाचल में बिजली गुल, सड़कें व रास्ते बंद होने से लोग परेशान हैं। गाड़ियां नदी के तेज बहाल में तैर रही हैं। 10 से ज्यादा पुल ध्वस्त हो गए हैं। रेल और हवाई से‌वाएं भी बंद हैं।

​​​​​पांवटा साहिब  के भगानी मेहरूवाला में टापू में तीन परिवार के 32 लोग फंसे

उधर, पांवटा साहिब के भगानी मेहरूवाला में टापू में तीन परिवार के 32 लोग फंस गए। देर रात करीब 2:30 बजे सूचना मिलने पर SDM पांवटा जीएस चीमा रेस्क्यू टीम सहित मौके पर पहुंचे और सुबह 6.30 बजे तक सभी को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

आज दिनभर बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आज दिनभर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ घंटों के दौरान चंबा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन और मंडी जिले के लिए फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। उन्होंने जनता से सावधानी बरतने की अपील की है।

उफनते हुए नदी-नालों के आसपास न जाएं

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों से सावधानी बरतने, उफनते नदी-नालों के पास नहीं जाने और लैंडस्लाइड संभावित ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने की अपील की है। दो दिन से जारी भारी बारिश के बाद राज्य के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

मंडी में 113 मकान खाली कराए

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मंडी जिला प्रशासन ने नदी किनारे के करीब 113 मकानों को खाली करवा दिया है। इनमें पंडोह में 60 घर, घ्राण में 10, खलियार पुरानी मंडी में 12, भयूली में 25 घर तथा पड्डल में छह मकान को खाली कराया गया।

प्रदेश के यह शहर हुए जलमग्न

ऊना, मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में बहने वाली नदियां पिछले कल ही रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर है। आज सतलुज का भी वाटर लेवल निरंतर बढ़ रहा है।

इससे मंडी शहर में ब्यास नदी कहर बरपा रही है। पंडोह बाजार, कुल्लू के अखाड़ा बाजार और औद्योगिक क्षेत्र बद्दी भी जलमग्न है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में 60 से ज्यादा गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गईं। कुल्लू के कसौल में 6 गाड़ियां पानी में बह गईं।

मनाली-सोलन में रिकॉर्ड टूटा

मनाली और सोलन में बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। मनाली में पिछले 24 घंटे में 131.3 मिलीमीटर (MM) और सोलन में 107 MM बारिश हुई है। इससे पहले इन दोनों शहरों में 9 जुलाई 1971 को 105.1 MM और 17 जुलाई 2015 को भी 105 MM बारिश का रिकॉर्ड था।

कई गांव में ब्लैक आउट

प्रदेश के कई गांवों में बीती रात से ही बिजली गुल है। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति है, जबकि पहाड़ों पर लैंडस्लाइड से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अकेले शिमला जिला में आठ लोगों की लैंडस्लाइड के कारण आई आपदा से जान जा चुकी है।

46 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त

भारी बारिश के कारण 24 जून से अब तक 46 घर पूरी तरह जमींदोज, 108 घरों को आंशिक नुकसान, 7 दुकानें, 99 गौशालाएं भी तबाह, दर्जनों घरों पर लैंडस्लाइड के कारण खतरा बना हुआ है। प्रदेशभर में लगभग 400 पालतू मवेशियों की भी मौत हो चुकी है।

इन रूटों पर ट्रेनें भी बंद

पिछले 24 घंटे के दौरान लैंड स्लाइड की वजह से हेरिटेज कालका-शिमला तथा अंबाला-ऊना ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें भी बंद रहीं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी कई घरों, दुकानों व गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।

परवाणू-शिमला फोरलेन, चंडीगढ़-मनाली, ठियोग-खड़ापत्थर नेशनल हाईवे, मंडी-पंडोह नेशनल हाईवे भी जगह-जगह लैंड स्लाइड के कारण बंद रहा। इससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी। लोग वैकल्पिक सड़कों से आवाजाही कर रहे है। मगर, इनमें भी लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है।

800 सड़कें बंद, 12 पुल टूटे

भारी बारिश से 6 नेशनल हाईवे सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हैं।

मंडी जिले में कुल्लू-बंजार-लुहरी-रामपुर को जोड़ने वाला 50 साल पुराना पुल ब्यास नदी के तेज बहाव में बह गया।

मंडी के पंडोह में भी सालों पुराना पुल ब्यास नदी के बहाव में बहा।

चंबा के भरमौर क्षेत्र में बकानी नाले का पुल रावी नदी में बहा।

औद्योगिक क्षेत्र बद्दी को हरियाणा से जोड़ने वाला मड़ा-वाला पुल टूटा।

2 जगह बादल भी फटा

कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के पुलगा में दोपहर बाद बादल फटने से खूब तबाही हुई।

मंडी जिले के थुनाग में बादल फटने से मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया।

लाहौल स्पीति के चंद्रताल में लैंडस्लाइड के बाद सड़क बंद होने से 200 लोग फंस गए।