Heavy hailstorm in Himachal's Seraj and Nerva, crops including apples destroyed

हिमाचल के सराज और नेरवा में भारी ओलावृष्टि, सेब सहित अन्य फसलें तबाह

Heavy hailstorm in Himachal's Seraj and Nerva, crops including apples destroyed

Heavy hailstorm in Himachal's Seraj and Nerva, crops including apples destroyed

शिमला/थुनाग (मंडी)/रोहडू:मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बीच हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि ने कहर ढाया है। मंडी जिले के सराज में ओलावृष्टि से किसानों-बागवानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। छतरी के साथ लगते करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में ओलावृष्टि से सेब, नाशपाती, प्लम और आड़ू सहित अन्य फलों की फसलें तबाह हो गईं। मटर के खेतों के खेत तबाह हो गए। काकाड़धार, ब्रयोगी, नैहरा, गतू, रूहमी, छतरी, करसोग, चवासी आदि क्षेत्रों में भी भारी ओलावृष्टि हुई है, जिसके चलते मटर की फसल पूरी तरह खत्म हो गई है। साथ में स्टोन फ्रूट प्लम, खुमानी, शकरपारा, आड़ू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। सेब के पौधों के लिए लगाए गए नेट भी कई बगीचों में टूट गए हैं

मटर की फसल पूरी तरह से तबाह

ओलावृष्टि की मार ने मटर के खेतों में इस तरह से तबाही मचाई है कि पौधों को तो पहचानना भी मुश्किल हो गया है। किसानों और बागवानों मोहर सिंह, रामेश्वर, जयचंद, राम सिंह, किशोरी लाल, दामोदर दास, हीरा सिंह, खेम सिंह, दयाराम, पूर्ण चंद, नारायण सिंह आदि ने बताया कि रविवार रात को ओलावृष्टि होने से पूरी मेहनत बेकार हो गई है।

प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार

किसानों-बागवानों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार से मांग की है कि नुकसान का आकलन किया जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए ताकि परिवार का पालन-पोषण कर सकें। वहीं प्रशासन की ओर से तहसीलदार थुनाग दीक्षांत ठाकुर ने बताया कि सूचना मिलते ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नुकसान का आकलन किया जाए। जल्द रिपोर्ट तैयार करके उच्च अधिकारियों को भेजी जाए।

नेरवा में भारी ओलावृष्टि, फसलों को भारी नुकसान

वहीं, तहसील नेरवा की ग्राम पंचायत थरोच, मधाना, पौड़िया, पंडराडा, मुंडली और कुताह में सोमवार देर शाम को भारी ओलावृष्टि से सेब और अन्य फसल पूरी तबाह हो गई। क्षेत्र की करीब आधा दर्जन पंचायतों में पौने घंटे तक भारी ओलावृष्टि हुई। इससे सेब के फल और पत्तों के अलावा अन्य फसलें जमीन पर बिछ गईं। आसमान से ओलों के रूप में आफत बरसने के बाद क्षेत्र के किसान-बागवान चिंतित हो गए हैं। क्षेत्र के किसानों-बागवानों स्थानीय बागवान बीरबल झगटा, भूपिंद्र झगटा, रीटू मिरजाईक एवं मीरा झिंटा ने बताया कि सोमवार देर शाम को जोरदार ओलावृष्टि हुई।

इससे सेब की फसल तो पूरी तरह नष्ट हो गई। पौधों के बीमें और टहनियां टूटने से अगले साल की फसल पर भी संकट के बादल है। कई जगह गेंहू के अलावा अन्य फसलों, सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है। सेब की नई प्लांटेशन भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है। उधर, देइया और नेरवा-चंदलोग पंचायत में भी ओलावृष्टि से सेब को व्यापक नुकसान होने की सूचना है। बागवान उदय हेटा एवं राजन छाजटा ने बताया कि नेरवा के रिन्जट और देइया पंचायत के भोलाला, घाला, भढ़ेईला और कटाह में भी ओलावृष्टि से सेब की फसल को व्यापक क्षति पंहुची है। बागवानों ने सरकार से मांग की है कि ओलावृष्टि से सेब की फसल को हुए नुक्सान का आकलन कर कर उन्हें मुआवजा प्रदान किया जाए।

चार दिनों तक मौसम खराब रहने के आसार

हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में चार दिनों तक मौसम खराब रहने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर 10 जून तक बारिश हो सकती है। मैदानी भागों में 9 जून से मौसम साफ रहने के आसार हैं। मंगलवार को प्रदेश की राजधानी शिमला व आसपास भागों में धूप खिलने के साथ हल्के बादल भी छाए रहे। बुधवार को कुछ स्थानों पर अंधड़ चलने का भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। 

न्यूनतम तापमान 

शिमला में न्यूनतम तापमान 13.2, सुंदरनगर 15.1, भुंतर 13.1, कल्पा 7.2, धर्मशाला 18.6, ऊना 19.4, नाहन 21.1, केलांग 3.9, पालमपुर 16.0, सोलन 15.6, कांगड़ा 20.2, मंडी 15.5, बिलासपुर 20.0, हमीरपुर 18.9, चंबा 17.0, डलहौजी 13.5, जुब्बड़हट्टी 15.2, कुफरी 9.9, कुकुमसेरी 3.7, नारकंडा 6.0, भरमौर 10.0, रिकांगपिओ 10.5, सेऊबाग 11.6, धौलाकुआं 20.2, बरठीं 20.8, पांवटा साहिब 23.0 और देहरागोपीपुर में 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

अधिकतम तापमान

धौलाकुआं में अधिकतम तापमान 35.1, शिमला 23.4, डलहौजी 20.8, चंबा 31.5, केलांग 15.7, कुकुमसेरी 19.1, डलहौजी 20.8, धर्मशाला 28.5, कांगड़ा 32.0, सेऊबाग 25.3, हमीरपुर 34.4, सुंदरनगर 31.0, बिलासपुर 34.0, कल्पा 16.6, नारकंडा 17.2, जुब्बड़हट्टी 26.8 और बरठीं में 33.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।