हरियाणा के युवा अब ‘सरकारी नौकरी की आस’ छोड़ दें - रणदीप सुरजेवाला

हरियाणा के युवा अब ‘सरकारी नौकरी की आस’ छोड़ दें - रणदीप सुरजेवाला

Hope of getting a Government Job

Hope of getting a Government Job

चंडीगढ़, 24 मई 2025: Hope of getting a Government Job: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चंडीगढ़ से प्रेसवार्ता करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर व नायब सैनी सरकारों ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य की ‘‘भ्रूण हत्या’’ कर दी है। ‘‘न पर्ची - न खर्ची’’ का षडयंत्रकारी व झूठा नारा देकर तथा ‘‘मेरिट पर नौकरी लगाने की डींगें भरकर’’ भाजपा ने बड़ी-बड़ी बातें कीं व इसके दो हल बताए:-

(i)    11 जून, 2019 को ‘‘सोशो इकॉनॉमिक आधार’’ पर नौकरी में 10 नंबर देने का झाँसा देकर नीति बनाई, खूब वाहवाही लूटी और हरियाणा के युवाओं को ‘मेरिट पर नौकरी’ के सब्जबाग तक दिखाकर साल 2019 और 2024 में सत्ता हथिया ली।

(ii)    वादा किया कि ग्रुप सी व ग्रुप डी की पारदर्शी भर्तियों हेतु साल में दो बार CET (Common Entrance Test) का पेपर करवाएंगे और उसी से नौकरी लगाएंगे।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने नौकरी और युवाओं का भविष्य, दोनों को मलियामेट कर दिया। पर हुआ क्या? सोशो इकॉनॉमिक आधार व नंबर देने की नीति ‘‘असंवैधानिक’’ ठहराई गई और खारिज कर दी गई। पाँच साल में 10 बार (साल में दो बार) CET Exam करवाने की बजाय, साल 2021 से 2025 के बीच केवल एक बार ही CET Exam करवाया, वह भी 5/6 नवंबर, 2022 को। इस CET Exam को भी अदालत ने गलत पाकर खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि कपटी व धूर्त भाजपा सरकार ने हरियाणा के युवाओं को ‘‘कुएं व खाई’’ के बीच लाकर खड़ा कर दिया - एक तरफ 30,000 सरकारी नौकरियों पर तलवार लटकी, तो दूसरी ओर HKRN के कर्मचारियों की नौकरी संकट में आ गई और काबिल युवा अब सालों तक नौकरी की उम्मीद छोड़ बैठे हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ‘‘सोशो-इकॉनॉमिक’’ आधार पर नंबर देकर लगाई गई नौकरियों को व सरकार की नीति को गलत पाया है तथा तीन महीने में सभी नौकरियों की नई सूची बनाने का आदेश दिया है, जिसमें सोशो-इकॉनॉमिक आधार के नंबर न शामिल हों। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा 24 अप्रैल, 2025 को दिए निर्णय के बाद साल 2019 के बाद लगे 30,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में आ गई हैं। अदालत का फैसला आए 48 घंटे से ज्यादा बीत गए, पर मुख्यमंत्री, श्री नायब सैनी घबराए हुए कर्मचारियों को आश्वस्त करने हेतु एक शब्द नहीं बोल रहे। पूरी सरकार ऐसे चुप है जैसे उन्हें सांप सूंघ गया हो। 

सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री व भाजपा सरकार को सामने आकर सात पहलुओं पर हरियाणा के युवाओं को जवाब देना चाहिएः-

1.    साल 2019 और उसके बाद ‘सोशोइकॉनॉमिक क्राईटेरिया’ व उसके नंबर देकर 30,000 के करीब नौकरियाँ लगीं। इनकी तफ़्सील इस प्रकार हैः- (i) एडवरटाईज़मेंट नं. 5/2019, पोस्ट संख्या 4,858, क्लर्क भिन्न-भिन्न विभाग। (ii) एडवरटाईज़मेंट नं. 10/2019, पोस्ट संख्या 1,624, जे.ई भिन्न-भिन्न विभाग। (iii) एडवरटाईज़मेंट नं. 11/2019, पोस्ट 2,278, जूनियर एकाउंटैंट-डिवीज़नल एकाउंटैंट-जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर आदि, (iv) एडवरटाईज़मेंट नं. 15/2019, पोस्ट 4,322, फार्मासिस्ट - वैलफेयर ऑर्गेनाईज़र- बीएलडीए-डिवीज़नल/रेवेन्यू एकाउंटैंट-भिन्न-भिन्न विभाग आदि। (v) एडवरटाईज़मेंट नं. 14/2019, पोस्ट 755, लीगल असिस्टैंट-ड्राफ्ट्समैन-असिस्टैंट मैनेजर इलेक्ट्रिकल-पाईप फिटर-असिस्टैंट एकाउंटैंट आदि भिन्न-भिन्न विभाग। (vi) एडवरटाईज़मेंट नं. 12/2019, पोस्ट 3,206, स्किल डेवलपमेंट व इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग भिन्न-भिन्न विभाग। (vii)एडवरटाईज़मेंट नं. 4/2020, पोस्ट, पुरुष कॉन्सटेबल 5,500, महिला कॉन्सटेबल, 1,100, महिला कॉन्सटेबल दुर्गा शक्ति, 698, (viii)एडवरटाईज़मेंट नं. 1/2020, पोस्ट 1,137, वर्क सुपरवाईज़र - कारपेंटर-पेंटर आदि भिन्न-भिन्न विभाग, (ix) एडवरटाईज़मेंट नं. 3/2021, पोस्ट पुरुष सब इंस्पेक्टर पुलिस संख्या 400, महिला सब इंस्पेक्टर पुलिस संख्या 65। कुल संख्या = 25,943

सोशो-इकॉनॉमिक के नंबर खारिज होने से लगभग 30,000 के करीब नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि अब नौकरियों की लिस्ट नए सिरे से बनेगी तथा मेरिट का चयन सोशो-इकॉनॉमिक के नंबर काटने के बाद होगा। पर भाजपा सरकार के पास इसका क्या हल है?

2.    साल 2019 से साल 2025 के बीच भर्ती हुए सभी पक्के कर्मचारियों की नौकरियाँ संशय के घेरे में हैं, क्योंकि सोशो-इकॉनॉमिक के नंबर काटने के बाद बनाई गई नई मेरिट लिस्ट में चयन नहीं हुआ, तो फिर इन सारे कर्मचारियों को ‘‘एडहॉक’’, यानी कच्चे कर्मचारी माना जाएगा। 

तो फिर 5 से 6 साल की पक्की नौकरी तो खत्म हो गई, प्रमोशन के लिए यह सर्विस गिनी ही नहीं जाएगी। इंक्रीमेंट, डियरनेस अलाउंस व पेंशन, सबके सब पर उल्टा प्रभाव पड़ेगा। कसूर करें श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री नायब सैनी और भुगतें बेकसूर युवा कर्मचारी।

3.    जब हजारों पक्के कर्मचारी सालों की पक्की नौकरी के बाद ‘‘एडहॉक’’ कर्मचारी बन जाएंगे, तो ये तब तक पक्के नहीं हो सकते, जब तक काडर में रैगुलर पोस्ट नहीं आएगी। अगर इस प्रक्रिया में कुछ साल और लग गए, तो फिर उनकी सालों की सर्विस, प्रमोशन, इंक्रीमेंट, अलाउंस और पेंशन का क्या होगा?

4.    अगर श्री नायब सैनी और उनकी सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी, तो फिर वो हजारों पक्के कर्मचारी, जो किसी वजह से रिवाईज़्ड मेरिट लिस्ट में नहीं आ पाए और उन्हें हाईकोर्ट द्वारा रैगुलर पोस्ट आने तक एडहॉक कर्मचारी बनाकर रखने का निर्देश दिया है, उनका क्या होगा? 

एक ही हल है - श्री नायब सैनी इस प्रक्रिया में हटने वाले सभी हजारों कर्मचारियों के लिए नई पोस्टें गठन कर दें ताकि सबकी पक्की नौकरी बची रहे। सरकार इसके लिए वित्त विभाग से मंजूरी दे, बजट आवंटन कर दे। परंतु श्री नायब सैनी इस बारे एक शब्द भी नहीं बोल रहे और उल्टा पूरे मामले को अपील के चक्कर में उलझाने की कवायद कर रहे हैं। जब ‘सुकृति मलिक’ के केस की सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है (जिसमें भी सोशो-इकॉनॉमिक नंबरों को खारिज किया था), तो फिर पूरे मामले को मुख्यमंत्री दोबारा सुप्रीम कोर्ट में उलझाकर युवाओं का शोषण करने की बात क्यों कर रहे हैं?     

5.    सवाल यह भी है कि क्या अब अगले कुछ सालों तक नई सरकारी नौकरियाँ लग पाएंगी?

कारण साफ है। 3 महीने में इन हजारों नौकरियों की रिवाईज़्ड मेरिट लिस्ट बनेगी। सोशो-इकॉनॉमिक के नंबर काटने के बाद, उस रिवाईज़्ड मेरिट लिस्ट में जो कर्मचारी नहीं लग पाएंगे, उन्हें एडहॉक कर्मचारी मान लिया जाएगा और जब भी रैगुलर काडर पोस्ट आएगी, तो वह पोस्ट उन्हें मिलेगी। तो फिर नई भर्तियाँ कैसे हो पाएंगी? मुख्यमंत्री, श्री नायब सैनी को इसका जवाब देना चाहिए। याद करिए कि 2024 विधानसभा चुनाव में ‘आचार संहिता’ लगने से सिर्फ 3 घंटे पहले श्री नायब सैनी ने 5,500 पुलिस कॉन्सटेबल की पोस्ट एडवरटाईज़ कर दी, जिसमें लाखों युवाओं ने अप्लाई किया। श्री नायब सैनी उन्हें झूठे झाँसे देते रहे कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले उन्हें नौकरी लगाएंगे। आज नौ महीने से वो लाखों युवा खून से चिट्ठियाँ लिख लिखकर थक गए हैं, पर मुख्यमंत्री को कोई परवाह नहीं।    

6.    सबसे बड़ा असर तो कौशल निगम यानी HKRN के कर्मचारियों पर पड़ने वाला है। 2024 विधानसभा से ठीक पहले कौशल निगम के माध्यम से भाजपा ने लगभग 50,000 भर्ती कर दीं और सबको पक्का करने का झाँसा भी दे डाला। अब हर रोज उनकी नौकरियाँ जा रही हैं। जब हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार रिवाईज़्ड मेरिट लिस्ट में पक्के कर्मचारी बदलकर एडहॉक कर्मचारी बन जाएंगे, तो स्वाभाविक तौर से उन पदों पर लगे HKRN के कर्मचारियों को भाजपा की सरकार हटाएगी। क्या श्री नायब सैनी वादा करेंगे कि HKRN के माध्यम से लगे किसी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा?

7.    लगता है कि सरकार CET Exam को एक बार फिर लटकाने वाली है, ताकि कोई नौकरी भर्ती न करनी पड़े। जब एडहॉक कर्मचारियों को ही पक्का करना पड़ेगा तो फिर CET Exam पास करने के क्या मायने बच जाएंगे? और CET Exam पास करने के बाद पक्की नौकरी मिलेंगी कैसे, जब पहले से लगे हजारों एडहॉक कर्मचारियों को पक्का करना अनिवार्य होगा। क्या मुख्यमंत्री, श्री नायब सैनी इसका जवाब देंगे? 

उन्होंने कहा कि सच यह है कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 सालों में हरियाणा के युवाओं के भविष्य को ही खर्च कर डाला है। हमारी मांग है कि सोशो-इकॉनॉमिक नंबर खत्म करने के बाद सालों से काम कर रहे हर सरकारी कर्मचारी के लिए अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाए ताकि किसी भी कर्मचारी को पक्के कर्मचारी से एडहॉक कर्मचारी बनने को मजबूर न होना पड़े और हजारों कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा हो।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व मुख्यमंत्री नायब सैनी हरियाणा के युवाओं से माफी मांगें कि उन्होंने वोट लूटने के लिए सोशो-इकॉनॉमिक व CET का जाल बुना था।