हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मसले पर पंजाब की बड़ी जीत, हाईकोर्ट से हरियाणा को झटका!

Haryana gets a Shock from the High Court

Haryana gets a Shock from the High Court

हाईकोर्ट ने पंजाब की 'रिव्यू पिटिशन' को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया

कोर्ट ने कहा - हरियाणा को अतिरिक्त पानी की जरूरत क्यों, बीबीएमबी और हरियाणा सरकार स्पष्टीकरण दे

हम किसी को भी पंजाब का पानी लूटने नहीं देंगे, हर मोर्चे पर लड़ेंगे: आप

चंडीगढ़, 14 मई: Haryana gets a Shock from the High Court: हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मसले पर पंजाब सरकार को आज एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई, जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब की समीक्षा याचिका को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार और बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) को नोटिस जारी किया। अदालत ने उनसे अतिरिक्त पानी की मांग और जल वितरण के संबंध में स्पष्टीकरण देने को भी कहा है।

अपनी टिप्पणी में उच्च न्यायालय ने जल आवंटन पर बीबीएमबी अध्यक्ष के बदलते रुख पर सवाल उठाया और स्पष्टीकरण मांगा कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता क्यों है? यह निर्णायक हस्तक्षेप पंजाब के जल संसाधनों पर उसके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को मजबूत करता है एवं दोनों राज्यों के बीच विवाद में पंजाब का पक्ष मजबूत करता है।

उच्च न्यायालय का आदेश पंजाब सरकार की लगातार बेहतर कानूनी रणनीति का परिणाम है, जिसने हरियाणा द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग के दौरान बीबीएमबी में प्रक्रियागत अनियमितताओं को उजागर किया। आम आदमी पार्टी ने भी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की सराहना की और इसे ऐतिहासिक बताया। आप नेताओं ने कहा कि यह निर्णय पंजाब के जल अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। पार्टी ने पंजाब के जल की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर मोर्चे पर लड़ाई जारी जारी रखने की बात कही।

उच्च न्यायालय ने बीबीएमबी और हरियाणा से पूर्व की घटनाओं के संबंध में भी जवाब मांगा, जिसमें बीबीएमबी ने अवैध रूप से पानी छोड़ने का प्रयास किया और अधिकारियों को हटाया। पंजाब का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि हरियाणा के दावों के संबंध में केंद्रीय बिजली मंत्रालय के सचिव द्वारा कोई वैध आदेश जारी नहीं किया गया। दस्तावेजों की कमी ने पंजाब के इस रुख को और पुष्ट कर दिया कि हरियाणा की मांगें निराधार और राजनीति से प्रेरित थी।

वहीं पंजाब सरकार ने तर्क दिया कि हरियाणा की मांगें वास्तविक आवश्यकताओं के बजाय अनुचित राजनीतिक दबाव से उपजी हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रयासों के बावजूद अदालत ने पंजाब की आपत्तियों को बरकरार रखा है तथा दोनों को 20 मई तक पंजाब के आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

आम आदमी पार्टी ने कहा, "यह जीत पंजाब के जल अधिकारों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम पंजाब के हक का पानी किसी को भी छीनने नहीं देंगे। अदालत के निर्देश ने न्याय के लिए हमारी लड़ाई को मजबूत किया है। इसके लिए हम हाईकोर्ट का धन्यवाद करते हैं।