पंचकूला के सिविल अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक की दूसरी सफल सर्जरी

Second Successful Surgery of Sports Injury Clinic

Second Successful Surgery of Sports Injury Clinic

मार्च 2025 में खेल चोट क्लिनिक की पहली शुरुआत हुई थी।
पीजीआई चंडीगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु भायना मरीजों की स्पोर्ट्स सर्जरी के माहिर है।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Second Successful Surgery of Sports Injury Clinic: डॉ हिमांशु भयाना स्पोर्ट्स सर्जरी के माहिर एसोसिएट प्रोफेसर (ऑर्थोपेडिक्स)पीजीआई चंडीगढ़ को सिविल अस्पताल सैक्टर 6 पंचकूला में स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।जिसका उद्घाटन मार्च 2025 में हरियाणा सरकार और पीजीआई चंडीगढ़ के बीच एमओयू के रूप में किया गया था। 22 अप्रैल 2025 को पीजीआई चंडीगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हिमांशु भयाना ने क्लिनिक से पहला स्पोर्ट्स इंजरी केस ऑपरेट किया।मरीज( कपिल) करनाल (हरियाणा) के हैं। एक 33 वर्षीय व्यावसायिक क्रिकेट खिलाड़ी हैं।जिन्हें घुटने की चोट के कारण खेल छोड़ना पड़ा था। मरीज को एसीएल पुनर्निर्माण और मेनिस्कस में समस्या थी।जिन्हें डॉ हिमांशु के पास जाने की सलाह दी गई थी।

Second Successful Surgery of Sports Injury Clinic

मरीज की (22 अप्रैल) सर्जरी हुई और एक व्यक्तिगत फिजियोथेरेपी प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद जल्द ही खेल में वापसी की उम्मीद है। डॉ. हिमांशु पीजीआई में एसोसिएट प्रोफेसर (ऑर्थोपैडिक्स) के पद पर अपनी सेवाएं देने के अलावा हर मंगलवार को पंचकूला के सिविल अस्पताल में भी अपनी सेवाएं देते हैं। पेशेंट रेनू को  3 साल पहले चोट लगी थी।उसे बार-बार लॉक होने और जोड़ों में दर्द के कारण बाएं घुटने में समस्या थी। जिसे डॉ. हिमांशु (एसोसिएट प्रोफेसर ऑर्थोपेडिक पीजीआई चंडीगढ़) और सिविल अस्पताल पंचकूला में स्पोर्ट्स इंजरी केंद्र के नोडल अधिकारी के पास भेजा गया।जिसकी सफल आर्थोस्कोपिक घुटने की सर्जरी की। जिसमें मेनिस्कस बैलेंसिंग की गई। वर्तमान में अब वह खुश है।और व्यक्तिगत पुनर्वास प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद नियमित काम और खेल गतिविधियों में वापस लौटने की उम्मीद करता है।डॉ. हिमांशु भयाना हर मंगलवार को सिविल अस्पताल। सैक्टर 6 पंचकूला में अपनी सेवाएं देते हैं।