नायब सैनी और भगवंत मान ‘नूराकुश्ती’ बंद करें, राजनीतिक मिलीभगत छोड़कर जनहित बारे सोचें : रणदीप सुरजेवाला

Nayab Saini and Bhagwant Mann should stop 'Noorakusti'

Nayab Saini and Bhagwant Mann should stop 'Noorakusti'

कहा: मनोहर लाल खट्टर राजधर्म निभाकर हरियाणा को पानी का हक दिलवाएं। प्रधानमंत्री संविधान की धारा 257 में पंजाब को आदेश जारी करें व हरियाणा का पानी दिलवाएं

रणदीप सुरजेवाला ने बोला हमला, मोदी सरकार भाखड़ा-नंगल डैम परियोजना की सुरक्षा CISF के हवाले करे व भारत सरकार भाखड़ा-नंगल डैम से पंजाब पुलिस का नाजायज कब्जा छुड़वाए - कार्यवाही करे 

चंडीगढ़, 04 मई 2025: Nayab Saini and Bhagwant Mann should stop 'Noorakusti': भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चंडीगढ़ से प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी पर जोरदार हमला बोला। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश भयंकर जल संकट से त्राहिमाम है। भाखड़ा का पानी 8,500 क्यूसेक से घटाकर 4,000 क्यूसेक कर दिया गया है। पूरे हरियाणा में पेयजल की भयंकर किल्लत है। 215 जलघर पूरी तरह सूख चुके हैं और 10 जिलों, मुख्यतः कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, दादरी, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में गंभीर जल संकट है। भीषण गर्मी में गाँव के तालाब भी लगभग सूख गए हैं और मवेशी प्यासे मरने की कगार पर खड़े हैं। पूरे प्रदेश में टैंकर माफिया हावी है और 1,000 रुपया प्रति टैंकर के हिसाब से वसूली हो रही है। 15 मई से पहले कपास की फसल-नरमा की बिजाई होनी चाहिए। विशेषतया हरियाणा के ‘कॉटन बाउल’, सिरसा, हिसार व फतेहाबाद, जहाँ 5 लाख हेक्टेयर नरमा की बुआई होती है, वह गंभीर संकट में है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में उत्पन्न भयंकर जल संकट के बीच पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री भगवंत मान व नायब सैनी केवल बयानबाजी और एक दूसरे को ‘लव लैटर’ लिखने में व्यस्त हैं, या फिर चंडीगढ़ में दोनों इकट्ठे होकर फोटो खिंचवाते या गलबईयाँ करते नजर आते हैं।पंजाब के मुख्यमंत्री, श्री भगवंत मान के सिर पर सत्ता का नशा चढ़कर बोल रहा है, तो श्री नायब सैनी केंद्रीय भाजपा सरकार, खासतौर से प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी व बिजली मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से हरियाणा का हक दिलवाने की बजाय कभी सर्वदलीय बैठक का स्वांग रचते हैं, तो कभी अदालत का दरवाजा खटखटाने के बहाने ढूंढते हैं। बदनीयत साफ है - एक दूसरे से नूराकुश्ती करते जाओ और राजनीति चमकाते जाओ। 

सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का रवैया तो और चौंकाने वाला है। मोदी सरकार गर्मी में रजाई ओढ़कर ऐसे सोई पड़ी है, जैसे उसका पंजाब या हरियाणा से कोई वास्ता ही न हो। BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) केंद्र सरकार की परियोजना है। BBMB के बोर्ड का गठन देश के बिजली मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जिसके मंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं। BBMB पर सीधा नियंत्रण भी बिजली मंत्रालय का है। भाखड़ा-नंगल डैम भी पूरी तरह से BBMB व बिजली मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन है। BBMB बोर्ड ही पंजाब और हरियाणा के हिस्से का पानी छोड़ने का निर्णय करता है। पर इन सबके बीच भारत सरकार का बिजली मंत्रालय, केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर व मोदी सरकार गायब हो गए हैं। 

उन्होंने कहा कि 01 मई, 2025 को पंजाब सरकार ने भाखड़ा-नंगल डैम पर पुलिस लगाकर वह सारा सिस्टम जहाँ से डैम में से रैगुलेटर गेट्स से पानी छोड़ा जाता है, उन पर ताला लगा दिया व पंजाब पुलिस ने चाबी अपने कब्जे में ले ली, ताकि हरियाणा का पानी छोड़ा ही न जा सके। हिंदुस्तान के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब किसी प्रांत ने पुलिस लगाकर किसी केंद्रीय परियोजना पर इस प्रकार से कब्जा किया हो तथा दादागिरी से केंद्रीय परियोजना के बोर्ड को निर्णय लेने से रोक दिया हो। डैम की सुरक्षा और नियंत्रण की जिम्मेवारी भारत सरकार के गृह मंत्रालय की है। गृह मंत्रालय ने 02 मई को बैठक तो बुलाई पर तीन दिन बीत जाने के बाद भी भाखड़ा-नंगल डैम के रैगुलेटर गेट्स व क्रियान्वयन का कब्जा पंजाब पुलिस ने केंद्र सरकार को नहीं दिया। यहाँ तक कि BBMB के चेयरमैन ने गृह मंत्रालय को लिखकर कहा कि भाखड़ा-नंगल डैम की सुरक्षा में CISF लगा दी जाए, पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। केंद्र सरकार और उसका गृह मंत्रालय चुप्पी साधे बैठा है। 

उन्होंने कहा कि BBMB बोर्ड तथा भाखड़ा-नंगल डैम सीधे-सीधे बिजली मंत्रालय के नीचे आते हैं, जिसके मंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर हैं। अगर हरियाणा का पानी छोड़ने बारे और पंजाब के अवरोध को खत्म करने बारे कोई बैठक बुलानी है, तो उसकी जिम्मेवारी सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय बिजली मंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर की है। परंतु अजब केंद्र सरकार के गजब खेल देखिए। पानी छोड़ने बारे बैठक देश के गृह सचिव, श्री गोविंद मोहन बुला रहे हैं, जिनका डैम से पानी छोड़ने से दूर-दूर तक का नाता नहीं। दूसरी ओर, डैम की सुरक्षा में CISF लगाने बारे गृह मंत्रालय व गृह सचिव चुप्पी साधे है, जो उनकी जिम्मेवारी है। पंजाब 03 मई को हुई BBMB बोर्ड की बैठक तक में आने से इन्कार करता है, पर खट्टर जी पूरी तरह से मौन धारण किए हैं, तो केंद्रीय परियोजना को चलाएगा कौन और हरियाणा को पानी दिलाएगा कौन?

रणदीप ने कहा कि हरियाणा को BBMB से पानी दिलवाने की जिम्मेवारी भाजपा सरकार व श्री नायब सैनी की है। परंतु प्रधानमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री से हरियाणा को पानी दिलवाने की बजाय वह इधर-उधर की बातें कर ध्यान भटका रहे हैं। श्री नायब सैनी का नया शगूफा यह है कि हरियाणा सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा। सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर करने का मतलब है कि कई महीनों और सालों तक हरियाणा को अपने पानी के अधिकार से वंचित कर देना। पानी देना है BBMB ने, जो भाजपा की केंद्रीय सरकार के अधीन है। पानी लेना है हरियाणा ने, जहाँ भाजपा सरकार है। तो फिर प्रांत की भाजपा सरकार केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर कर क्या निकालेगी? साफ है - भटकाओ, लटकाओ और बरगलाओ।  

सुरजेवाला ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व भाजपा पर मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनवरी, 2027 में पंजाब में विधानसभा चुनाव है और जानबूझकर भाजपा द्वारा चुप्पी साधकर और कार्यवाही न करके भगवंत मान को हीरो बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि किसी हाल में भी पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में आने से रोका जा सके। जानबूझकर भाखड़ा-नंगल डैम के पानी का विवाद पैदा किया गया, जबकि कोई विवाद है ही नहीं। जान लें कि भाखड़ा-नंगल डैम में इस समय 1,556 फीट पानी है। डैम का पानी मापदंडों के अनुसार 1,506 फीट तक जा सकता है। अगर हरियाणा को हर रोज 8500 क्यूसेक पानी दे दिया जाए, तो 21 मई तक डैम की मौजूदा वॉटर लेवल 1556 फीट से 1532 फीट तक ही पहुँचेगा। यानी तब भी डैम के निर्धारित मिनिमम वॉटर लेवल, जो 1506 फीट है, उससे 26 फीट ऊपर पानी रहेगा। तो ऐसे में किसी राज्य को क्या एतराज हो सकता है? एतराज जानबूझकर पैदा किया जा रहा है ताकि भाजपा द्वारा श्री भगवंत मान की डूबती कश्ती को सहारा दिया जा सके।

रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर, नायब सैनी व भगवंत मान से हरियाणा की जनता के सीधे 10 सवाल पूछते हुए कहा कि • क्या कारण है कि प्रधानमंत्री व मोदी सरकार पंजाब के मुख्यमंत्री, श्री भगवंत मान द्वारा जानबूझकर फैलाई अराजकता व केंद्रीय परियोजना पर किए गए कब्जे को छुड़वाने बारे तथा हरियाणा के पानी में रोक न डालने बारे संविधान की धारा 257 में भगवंत मान सरकार को लिखित आदेश नहीं जारी कर रहे? क्या यह राजधर्म की अवहेलना नहीं?

  • * क्या कारण है कि प्रधानमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर इस पूरे मामले में पंजाब व हरियाणा की बैठक नहीं बुला रहे? क्या यह जिम्मेवारी प्रधान मंत्री व बिजली मंत्री की नहीं है? 
  • * क्या यह सही नहीं कि कल ही पंजाब के CM, श्री भगवंत मान ने पानी पर कत्ल तक होने की भड़काऊ बात सार्वजनिक तौर से कह दी? क्या यह पंजाब और हरियाणा के शांतिप्रिय भाईयों का जानबूझकर टकराव पैदा करवाने का तरीका नहीं? क्या यह संविधान की घोर अवहेलना नहीं? प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी अपनी संवैधानिक जिम्मेवारियाँ कब निभाएंगे?
  • * क्या BBMB केंद्रीय सरकार द्वारा गठित बोर्ड नहीं? क्या BBMB का सीधा नियंत्रण बिजली मंत्रालय, भारत सरकार का नहीं? क्या पानी देने का निर्णय सिर्फ और सिर्फ BBMB का नहीं? क्या पंजाब अब BBMB बोर्ड तक की बैठक तक में हिस्सा लेने से इन्कार नहीं कर रहा? क्या श्री मनोहर लाल खट्टर BBMB के मंत्री नहीं? तो फिर श्री मनोहर लाल खट्टर हरियाण के हक का पानी क्यों नहीं दिलवा रहे?
  • * क्या पंजाब की सरकार को यह अधिकार है कि वह BBMB जैसी केंद्रीय परियोजना पर पंजाब पुलिस का जबरन कब्जा करवा दे? क्या पंजाब पुलिस डैम के रैगुलेटर गेट्स पर ताला लगाकर चाबी अपने कब्जे में ले सकती है? क्या पंजाब की सरकार रैगुलेटर गेट्स और डैम का नियंत्रण केंद्र सरकार व BBMB बोर्ड को देने से इन्कार कर सकते हैं? क्या पंजाब सरकार का यह कदम सीधे-सीधे संविधान की धज्जियाँ नहीं उड़ा रहा? क्या कारण है कि इस सब दादागिरी के बावजूद भी मोदी सरकार पंजाब सरकार को कुछ नहीं कह रही तथा बार-बार पंजाब सरकार से अनुनय-विनय का रास्ता अपनाए है?
  • * क्या कारण है कि देश के गृह मंत्रालय में गृह सचिव हरियाणा के हक का पानी छोड़ने बारे बैठक बुला रहे हैं, जबकि यह अधिकार केवल और केवल केंद्रीय बिजली मंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर का है? क्या अब केंद्रीय गृह मंत्रालय व उसके अफसर ही केंद्रीय बिजली मंत्रालय व BBMB को चलाएंगे? 
  • * क्या कारण है कि BBMB चेयरमैन के लिखित पत्र के बावजूद भाखड़ा नंगल डैम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल, CISF की नियुक्ति नहीं की जा रही? क्या मोदी सरकार व गृह मंत्रालय जानबूझकर पंजाब हरियाणा के विवाद को और बढ़ाना चाहता है? 
  • * क्या कारण है कि हरियाणा को सिर्फ 8 दिन ही 8,500 क्यूसेक पानी देने की बात मोदी सरकार व केंद्रीय गृह सचिव द्वारा कही जा रही है? क्या मोदी सरकार ने यह बात श्री नायब सैनी से पूछकर कही है? क्या श्री नायब सैनी ने मोदी सरकार को यह कहा है कि 8 दिन के बाद हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी की जरूरत नहीं होगी? क्या मोदी सरकार यह नहीं जानती कि जब तक यमुना का पानी हरियाणा को बारिशों के बाद नहीं मिलता, तो लगभग पूरे मई के महीने में हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है? क्या यह हरियाणा के हितों के खिलाफ नहीं? 
  • * क्या प्रधानमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री ने कभी श्री भगवंत मान से यह सवाल किया कि हरियाणा का पानी रोकने का उनका क्या अधिकार है? क्या प्रधानमंत्री व BBMB के प्रभारी केंद्रीय बिजली मंत्री ने श्री भगवंत मान को बताया कि जब डैम में 1,556 फुट पानी है, तो हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी 21 मई तक देने के बाद भी डैम का जल स्तर केवल 1532 फुट तक ही पहुँचेगा, जबकि न्यूनतम निर्धारित जल स्तर 1,506 फुट है। तो फिर पंजाब को क्या तकलीफ हो सकती है? 
  • * क्या यह सब विवाद जानबूझकर नूराकुश्ती और षडयंत्र के तहत किया जा रहा है ताकि लोगों में पूरी तरह से विश्वास खो चुके श्री भगवंत मान व उनकी सरकार को पीछे से भाजपाई सहारा दिया जा सके?