अवैध खनन रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने उठाए कड़े कदम

अवैध खनन रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने उठाए कड़े कदम

अवैध खनन रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने उठाए कड़े कदम

अवैध खनन रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने उठाए कड़े कदम

जिला स्तरीय टास्क फोर्स अवैध खनन पर लगा रही लगाम

वर्ष 2022-23 में अवैध खनन को लेकर 138 FIR, 253 वाहनों को किया गया जब्त

चंडीगढ़ , 19 जुलाई - हरियाणा सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाए हैं । सरकार ने संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स (डीएलटीएफ) का गठन किया है। यह टास्क फोर्स प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करती है और जमीनी स्तर पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अवैध खनन का मतलब केवल खनन सामग्री का अवैध उत्खनन ही नहीं, बल्कि वाहनों द्वारा खनन सामग्री का अवैध परिवहन भी शामिल है। इसी के चलते खान, भूविज्ञान विभाग के साथ-साथ पुलिस द्वारा अवैध रूप से खनन सामग्री ले जाने वाले ऐसे वाहनों को जब्त किया जाता है। प्रवक्ता ने बताया कि खनन विभाग को हाल ही में पुलिस विभाग से 18 पुलिस कर्मी (1 निरीक्षक, 4 उप निरीक्षक, 4 हैड कांस्टेबल एवं 9 कांस्टेबल) प्रतिनियुक्ति पर मिले हैं, जिन्हें अवैध खनन की जांच के लिए तैनात किया गया है। निकट भविष्य में 60 और पुलिस कर्मी शामिल होंगे।

प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष 2022 - 23 में अवैध खनन को लेकर अब तक 138 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही 253 वाहनों को जब्त कर लगभग 13129158 रुपए जुर्माना वसूला गया है। नूंह में वर्ष 2022-23 में अवैध खनन में शामिल 68 वाहनों को जब्त किया गया है और 23 एफआईआर दर्ज की गई हैं। नूंह में अवैध खनन करने वालों से 428400 रुपए जुर्माना वसूल किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में खनन की नियमित निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही भविष्य में किसी खनिज के खनन ठेका क्षेत्र से खनन सामग्री ले जाने वाले सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा। 

प्रवक्ता ने कहा कि अवैध खनन को लेकर उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षक को सरकार की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी डीसी यह सुनिश्चित करेंगे कि अवैध खनन पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की नियमित बैठक बुलाई जाए। वहीं अवैध खनन की जांच और अवैध खनन की संभावना वाले संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाए और अधिकारियों की विशेष टीमें नियमित रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण करें।