Editorial: पंजाब में राजनेताओं पर हमले संबंधी षड्यंत्र का खुलासा गंभीर
- By Habib --
- Tuesday, 22 Apr, 2025

Gambhir revelation of conspiracy to attack politicians in Punjab
Gambhir revelation of conspiracy to attack politicians in Punjab: पंजाब में सुरक्षा बलों के लिए यह बड़ी कामयाबी है कि उन्होंने आतंकी एवं सांसद अमृतपाल सिंह से जुड़े समर्थकों के द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया समेत राज्य की कई बड़ी हस्तियों की हत्या की योजना का खुलासा किया है। यह सब आतंकी अमृतपाल सिंह पर एनएसए की अवधि एक वर्ष और बढ़ाए जाने की प्रतिक्रिया स्वरूप किया जाना था। गौरतलब है कि इन नेताओं पर सुरक्षा संबंधी खतरे पहले से हैं, हालांकि राजनीतिक दांव पेच हैं कि पंजाब से जुड़े नेताओं की सुरक्षा को कम कर दिया गया है। बीते दिनों राज्य में जिस प्रकार से विपक्ष के बड़े नेताओं पर हमले हुए हैं, उसके बाद भी क्या यह संदेहपूर्ण रह जाता है कि भविष्य में आतंकी ऐसी वारदात को अंजाम न दें। निश्चित रूप से यह समय पंजाब की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने का है, हालांकि जिस प्रकार से राज्य में दिन-प्रतिदिन माहौल गंभीर हो रहा है, वह चिंताजनक है।
गौरतलब है कि आतंकी अमृतपाल सिंह आरंभ से ही राज्य में आतंकी वारदातों को बढ़ावा दे रहा है और खालिस्तान की सोच को जिंदा कर रहा है। यह भी कितना विचित्र है कि जेल में बैठे हुए ही वह लोकसभा चुनाव जीत जाता है और लोग उसे मत दे भी देते हैं। अब जब वह जेल में है और उसे शपथ तक नहीं मिली है, तब उसके क्षेत्र के विकास कार्यों का क्या? किसी के प्रति मतांध होकर वोट करने की यह रीत किस प्रकार एक क्षेत्र एवं वहां के लोगों को पिछड़ा कर देती है, यह इसका उदाहरण है। अन्य गंभीर बात यह भी है कि अकाली दल वारिस पंजाब दे नाम से एक व्हाट्सग्रुप भी संचालित किया जा रहा है, जिसमें अमृतपाल के समर्थन में मैसेज डाले जाते हैं।
आखिर राज्य में जब अमृतपाल सरीखे तत्वों पर कार्रवाई होती है, तब इसे अनुचित बताने वालों की बाढ़ क्यों आ जाती है। वहीं इसी प्रकार की सोच के अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होती है, तब भी इसे पुलिस का अत्याचार बताया जाता है। किसान आंदोलन के दौरान अनेक बाद अनेक जगह पर ऐसे तत्व सामने आए थे, जिनका वास्ता किसानों से कम उन ताकतों से ज्यादा जुड़ा मालूम हो रहा था, जोकि पंजाब एवं भारत के प्रति बदले की भावना से प्रेरित होकर चल रहे हैं। पाकिस्तान, कनाडा और दुनिया के दूसरे देशों मेंं बैठे इन आतंकियों का एकमात्र मकसद पंजाब को अस्थिर कर भारत की एकता, अखंडता को क्षतिग्रस्त करना है। अब अकाली दल वारिस पंजाब दे नामक इस सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप से यही निकल कर सामने आ रहा है कि इससे जुड़े लोग पंजाब एवं देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
ग्रुप में विदेशी फंडिंग, हथियारों की खरीद और ऑनलाइन भडक़ाऊ सामग्री की चर्चा शामिल है। इसके बाद इसकी शंका नहीं रह जाती कि ऐसे तत्वों को विदेश से फंडिंग हासिल हो रही है। अब एक और चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया की ओर से आया है, जिसकी व्यापक जांच आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गैंगस्टर जयपाल भुल्लर के द्वारा 32 किलो सोने और 20 करोड़ रुपये की लूट में अमृतपाल सिंह की भी हिस्सेदारी है और यह सोना कहीं छिपाया हुआ है। इस संबंध में ऑडियो भी जारी किया गया है। निश्चित रूप से इस तरह की वारदातों का एक विपक्षी राजनेता के हवाले से सामने आना व्यवस्था पर सवाल उठाता है। यह महज आरोप है या फिर इसमें कहीं कोई सच्चाई है, इसका पता लगाया जाना आवश्यक है। पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को क्षतिग्रस्त करने के लिए आतंकी किसी भी हद तक जा सकते हैं और पैसे का बंदोबस्त इसी प्रकार की वारदातों के जरिये किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
जाहिर है, खालिस्तान की सोच का समर्थन कौन कर रहा है, ये वे लोग हैं जोकि नहीं चाहते कि पंजाब में अमन और चैन कायम रहे। पड़ोसी पाकिस्तान में खाने के लाले हैं, लेकिन उसकी एजेंसियां भारत में ऐसे लोगों को न अपनी फंडिंग रोक रही हैं और न ही अपने विभाजक मंसूबों को पूरा करने की जुगत से बाज आ रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पंजाब में ऐसे लोग इन करतूतों को नहीं समझ पा रहे। यह जरूरी है कि ऐसी सोच और उसे अपना कर बैठे लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। पंजाब की सुरक्षा और शांति पूरे देश के लिए महत्व रखती है। मौजूदा हालात में सरकार एवं पुलिस प्रशासन की ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई ही ऐसी ताकतों के बढ़ते दुस्साहस को खत्म करने का काम करेगी।
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