आत्मनिर्भर भारत! ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर हाईटेक टॉपर तक, 70584 करोड़ के रक्षा सौदे को मंजूरी

आत्मनिर्भर भारत! ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर हाईटेक टॉपर तक, 70584 करोड़ के रक्षा सौदे को मंजूरी

Self-reliant India

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नई दिल्ली: Self-reliant India: हॉवित्जर, ब्राह्मोस मिसाइलें, यूएच मेरीटाइम हेलीकाप्टर आदि खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 70.51 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' के तहत यह बहुत बड़ा कदम है। भारतीय रक्षा बलों के लिए इससे विभिन्न शस्त्र प्रणालियां खरीदी जाएंगी।

70,584 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी (Defense procurement proposals worth Rs 70,584 crore approved)

अधिकारियों ने बताया कि 70,584 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने दी। सभी खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी के तहत की जाएगी। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग तीन साल के लंबे गतिरोध के बीच नए खरीद प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।

डीएसी की प्रस्तावित इस भारी धनराशि से 60 भारत निर्मित यूटिलिटी हेलीकाप्टर (मेरीटाइम) और भारतीय नौसेना के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, भारतीय सेना के लिए 307 एडवांस टोड आर्टीलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) हॉवित्जर और भारतीय तटरक्षकों के लिए 9 एएलएच ध्रुव हेलीकाप्टर खरीदे जाएंगे।

भारतीय नौसेना को बड़े पैमाने पर मिलेंगे हथियार (Indian Navy will get weapons on a large scale)

डीएसी ने भारतीय वायुसेना के प्रस्तावों के लिए लंबी दूरी के गतिरोधक हथियार (एलआरएसओडब्ल्यू) खासकर के एसयू-30 एमकेआइ विमानों के लिए तैयार करने को स्वीकृति दी है। 32 हजार करोड़ रुपये के 60 यूटिलिटी हेलीकाप्टर (मेरीटाइम) युद्धपोतों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किए जाएंगे। भारतीय नौसेना को 56 हजार करोड़ रुपये में बड़े पैमाने पर हथियार मिलेंगे जिसमें घातक ब्राह्मोस मिसाइलें, शक्ति इलेक्ट्रानिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणालियां और यूटिलिटी हेलीकाप्टर शामिल हैं।

चीन की सीमा पर तैनात होगी हॉवित्जर (Howitzer will be deployed on the border of China)

हॉवित्जर को चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा। वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजी अधिग्रहण के लिए दी गई कुल मंजूरी अब 2,71,538 करोड़ रुपये है, जिसमें से 98.9 प्रतिशत भारतीय उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा। राजनाथ सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ''इतनी मात्रा में स्वदेशी खरीद न केवल भारतीय उद्योगों को 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगी, बल्कि विदेशी विक्रेताओं पर भारत की निर्भरता को भी काफी हद तक कम करेगी।''

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