11 साल पुराने हत्या के आरोप से बरी हुए रुद्रपुर के पूर्व विधायक ठुकराल, कोई सबूत पेश नहीं कर पाया अभियोजन पक्ष

11 साल पुराने हत्या के आरोप से बरी हुए रुद्रपुर के पूर्व विधायक ठुकराल, कोई सबूत पेश नहीं कर पाया अभियोजन पक्ष

11 साल पुराने हत्या के आरोप से बरी हुए रुद्रपुर के पूर्व विधायक ठुकराल

11 साल पुराने हत्या के आरोप से बरी हुए रुद्रपुर के पूर्व विधायक ठुकराल, कोई सबूत पेश नहीं कर पाया अभ

रुद्रपुर : पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को न्यायालय ने दंगे के दौरान हत्या व लूटपाट के मामले में दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। तृतीय अपर जिला जज रजनी शुक्ला ने सुनवाई के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।

दो अक्टूबर 2011 का दिन रुद्रपुर के इतिहास में काले दिन के रुप में दर्ज हो गया था। धार्मिक पुस्तक को लेकर सांप्रदायिक तनाव ने देखते ही देखते दंगे का रूप ने लिया था। पूरा दिन सड़कों पर उपद्रवियों का तांडव दिखाई दिया था। रुद्रपुर में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा था। इसी मामले में सुहेल अहमद के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय के आदेश पर 28 अप्रैल, 2012 को रुद्रपुर के तत्कालीन भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के खिलाफमुकदमा दर्ज किया था।

सुहेल अहमद ने ठुकराल सहित अन्य लोगों पर समुदाय विशेष की दुकानों को निशाना बनाने के साथ ही उसके सब्जी लेने जाने के दौरान रास्ते में मंजूर इलेक्ट्रिकल के पास जसी नाम के व्यक्ति को गोली मार हत्या करने व उसे गोली मार कर घायल करने का आरोप लगाया था।

उसका आरोप था हथियारों से लैस उपद्रवियों की अगुवाई राजकुमार ठुकराल कर रहे थे। तृतीय अपर जिला जज रजनी शुक्ला ने सुनवाई के बाद 23 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल व एक अन्य आरोपित पंकज कालरा को बरी कर दिया।

छह माह वेश बदलकर रहे

हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ा था। इस दौरान वह वेशभूषा बदल कर पुलिस से बचते रहे थे। कांग्रेस की सरकार होने के कारण उनको पकड़ने का भरसक प्रयास किया गया पर वह किसी की पकड़ में नहीं आए थे। इस दौरान वह जब बड़ी हुई दाढ़ी में विधानसभा भवन देहरादून पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा आए तो कोई भी उनको पहचान नहीं पाया था।

पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने फैसले को लेकर कहा कि 11 वर्ष के संघर्ष के बाद न्याय मिला है। साजिश के तहत हत्या का मुकदमा उनके खिलाफ लिखवाया गया था। न्यायालय के निर्णय ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है।