Program of the Movement: किसानों ने बदला आंदोलन का कार्यक्रम

Program of the Movement: किसानों ने बदला आंदोलन का कार्यक्रम

Program of the Movement

Program of the Movement

अब रेलगाडिय़ां नहीं जी.टी. रोड पर लगाएंगे जाम
केस वापसी के लिए सरकार को 24 नवंबर तक दिया समय
चढ़ूनी ने गृहमंत्री विज पर किया पलटवार, नहीं वापस हुए केस
नामजद केस को अनट्रेस दिखाना किसानो के साथ धोखा

चंडीगढ़। Program of the Movement: हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज द्वारा किसान आंदोलन(peasant movement) के दौरान दर्ज हुए केस वापस लिए जाने के दावों को खारिज करते हुए भारतीय किसान यूनियन(Indian Farmer's Union) ने 24 नवंबर को रेलवे ट्रैक जाम करने का कार्यक्रम बदलकर चंडीगढ़-दिल्ली मुख्य मार्ग पर जाम लगाने का ऐलान कर दिया है।

भारतीय किसान यूनियन(Bharatiya Kisan Union) चढूनी के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 24 नवंबर को अंबाला में रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार व रेलवे पुलिस ने किसान आंदोलन के दौरान हुए पूरे भारत के 24 सितंबर 2020 के बाद के सभी मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी कर दिए हैं,जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन चढूनी की कोर कमेटी ने फैसला लिया है कि अब 24 तारीख के पूर्व घोषित प्रोग्राम के अनुसार रेलवे ट्रैक नहीं रोका जाएगा। 

दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने अभी तक अपने वादे अनुसार सभी केस वापस नहीं किए हैं। आंदोलन के दौरान हरियाणा में बने बहुत से मुकदमे अभी तक अदालतों में लंबित हंै। सरकार द्वारा ज्यादातर केसों को रद्द करने की सिफारिश किए जाने के बावजूद भारी संख्या में केस अदालतों में विचाराधीन हैं। जिस कारण से बहुत से लोगों के असला लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पासपोर्ट नहीं बनाए जा रहे हैं ।

कई केस ऐसे हैं जिनको वापस लेने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है।

चढूनी ने बताया कि करीब 32 से अधिक मुकदमे आंदोलन के पहले के ऐसे हैं जो आंदोलन के समझोते के दौरान वादा करने के बावजूद भी वापस नहीं हुए हैं। चढूनी ने गृहमंत्री विज के बयान को खारिज करते हुए कहा कि सरकार केस वापस न लेकर उनको अनट्रेस दिखा रही है। कानूनन अनट्रेस केस को कभी भी खोला जा सकता है। बहुत से केस नामजद हैं। ऐसे में नामजद केस को अनट्रेस नहीं किया जा सकता इसलिए किसान यूनियन की सरकार से मांग है कि सभी केसों को वापस लेने की करवाई की जाए। 

चढूनी ने चेतावनी दी है कि अगर 24 तारीख तक हरियाणा सरकार किसानों से किए वायदे अनुसार उक्त सभी केसों का निपटारा नहीं करती तो 24 नवंबर को जिला अंबाला मोहड़ा अनाज मंडी के सामने जहां से पिछले साल दिल्ली कूच के लिए बैरिकेड तोडऩे की शुरुआत की थी वहां पर जी.टी. रोड को जाम कर दिया जाएगा।  अगर 24 तारीख तक सभी मामलों का निपटारा कर दिया जाता है तो किसान अपना आंदोलन नहीं करेंगे।

किसानों की मुख्य मांगे

एम.एस.पी. की गारंटी का कानून बनाया जाए। 
पूरा कर्जा माफ व जी.एम सरसों की परमिशन न दी जाए
लखीमपुर केस में किसानों पर बने मुकदमे वापस लिए जाएं।
गेहूं और धान का भाव अगले वर्ष के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया जाए।
पूरे देश में गन्ने की पेमेंट का टाइम बाउंड की जाए।
पिछली गन्ना पेमैंट ब्याज सहित दी जाए। 
फसलों के बीमा क्लेम का टाइम बाउंड किया जाए।
मुस्तर्का मलकान जमीनों को किसानों के नाम किया जाए।

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