Gun culture in Punjab

Editorial:पंजाब में गन कल्चर पर रोक के लिए हो प्रभावी कार्रवाई

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Gun culture in Punjab

Effective action should be taken to stop gun culture in Punjab पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से पंजाब सरकार से राज्य में हथियारों और हिंसा को प्रोत्साहित कर रहे गानों पर कार्रवाई या फिर कार्रवाई की सिफारिश के संबंध में जो हलफनामा मांगा है, वह समय की मांग है। पंजाब में गन कल्चर बेहद हावी है और जिस प्रकार के गाने एवं वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें हथियारों, मादक पदार्थों एवं अपराध को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की ओर से पहले भी अनेक बार इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। हालांकि पंजाब की मान सरकार की ओर से राज्य में गन कल्चर के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है, वहीं मुख्यमंत्री ने गैंगस्टरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। हालांकि यह जरूरी है कि राज्य सरकार या फिर अदालत की ओर से आए निर्देश का सही तरीके से पालन हो। लेकिन बहुत बार ऐसा नहीं होता और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बार यही टिप्पणी की है कि पहले दिए गए निर्देशों का सही से पालन नहीं किया गया है।

बावजूद इसके पंजाब में गन कल्चर पर लगाम लगाने के लिए मान सरकार के कड़े कदम सराहनीय हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मान ने बंदूक रखने और उसके प्रदर्शन को लेकर पहले भी सख्त आदेश जारी किए थे, जोकि राज्य में अपराध की रोकथाम के लिए बेहद जरूरी कार्य है। अब पंजाब में बंदूक का ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। ऐसे गाने जो हथियार या फिर हिंसा को महिमामंडित करते हैं, उन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा अब तक हथियारों के जितने भी लाइसेंस जारी किए गए हैं उनकी तीन महीने के भीतर ही समीक्षा की जाएगी।

पंजाब में पिछले दिनों से अनेक ऐसी आपराधिक वारदातें हुई हैं, जिनसे राज्य में तमाम सवाल उठ गए हैं। गन कल्चर पर यह वार जरूरी था। सरकार का यह आदेश सही है कि किसी को हथियार का नया लाइसेंस तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि डीएम व्यक्तिगत रूप से इसकी सिफारिश ना करें। इसके अलावा शादी या अन्य कार्यक्रमों में फायरिंग करना अपराध माना जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि आप सरकार द्वारा सूबे में गन कल्चर पर कार्रवाई का ऐलान काफी पहले किया गया था, उस समय उपायुक्त और पुलिस कमिश्नरों की शक्तियां भी बढ़ाई गई थी। राजस्व जिलों में उपायुक्त और कमिश्नरेट जिलों में पुलिस कमिश्नर को पावरफुल किया जा रहा है। जिलों के ये उच्चाधिकारी धारा 144 का इस्तेमाल करते हुए गन कल्चर से जुड़े मामलों में तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर पुलिस का साइबर विंग नजर रखेगा। गौरतलब है कि पहले भी इस तरह के निर्देश जारी हुए हैं, लेकिन आदेश स्पष्ट न होने से कार्रवाई करने में दिक्कत होती थी। सरकार द्वारा जारी नए आदेश के तहत जिलों में पुलिस कमिश्नर और उपायुक्तों को धारा 144 के तहत सोशल मीडिया में गन के साथ फोटो डालने, गानों में इस तरह के कल्चर को प्रोत्साहित करने के मामलों में एफआईआर दर्ज करने की शक्तियां प्राप्त हैं। ऐसे मामलों में धारा 144 लागू करने के बाद आईपीसी 188 के तहत पुलिस अपराध करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगी।

वहीं, तीन माह के भीतर सभी लाइसेंसों की समीक्षा के दौरान सेक्शन-17 के तहत ऐसे व्यक्ति का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, जिस पर शांति भंग करने का मामला दर्ज हुआ हो। इसके अलावा समीक्षा के दौरान अगर व्यक्ति शस्त्र रखने में अक्षम साबित होता है तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। वैसे कल्चर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश से पंजाब में कई गायकों को झटका लगा है। गौर हो कि पिछले एक दशक से पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में गन कल्चर के जुड़े गानों का बोलबाला है। अधिकांश गायक गीतों में हथियारों की नुमाइश करते देखे जा सकते हैं। यहां तक कि गानों के बोल भी हथियारों से जुड़े होते हैं। ऐसे में उन गायक कलाकारों के लिए मान सरकार के आदेश किसी बड़े झटके से कम नहीं, जिन्होंने पहले ही इस तरह के गाने शूट कर रखे हैं।

पंजाब सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है और इसने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस राज्य में विकास की तमाम संभावनाएं हैं, और अब वक्त उन सभी संभावनाओं को विकसित करने का है। मान सरकार राज्य को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन यह आवश्यक है कि सरकार सख्ती से उन आदेशों का पालन कराए जिनके जरिये राज्य में पुख्ता व्यवस्था का निर्धारण होगा। 

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