Arvind Kejriwal Interim Bail- केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती; ED ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती; ED ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, कहा- ऐसा करना गलत हो जाएगा

ED Files Affidavit in Supreme Court On Kejriwal Interim Bail Update

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Arvind Kejriwal Interim Bail: सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के विरोध में ED ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। ईडी का कहना है कि, केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती। ऐसा होने पर एक गलत संदेश कायम होगा जो एक तरह से देश में समाज को दो भागों में बांटने का कारण बन सकता है. ईडी ने कहा कि, कानून के शासन का मतलब है कि कानून सभी नागरिकों और संस्थानों पर समान रूप से लागू हो। कानून के शासन के तहत सभी को समान रूप से न्याय मिले। कानून के नियम सभी के लिए उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार को अनिवार्य बनाते हों।

ईडी का कहना है कि, अगर अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जा रही है तो ये कहीं से उचित नहीं होगा। क्योंकि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और यहां तक कि ये कानूनी अधिकार भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट 2017 में चुनाव आयोग बनाम मुख्तार अंसारी के मामले में ये फैसला दे चुका है।

ईडी ने आगे कहा कि, अभी तक किसी भी राजनीतिक शख्स को चुनाव प्रचार के लिए ज़मानत नहीं मिली है। यहां तक कि उस शख्स को भी जमानत नहीं मिली है, जो ख़ुद चुनाव लड़ रहा हो। जबकि केजरीवाल तो ख़ुद भी चुनाव नहीं लड़ रहे। चुनाव प्रचार के पीछे केजरीवाल को जमानत देने की बात पर ईडी ने दलील दी कि, पिछले पांच साल में 123 चुनाव हो चुके है। अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को अंतरिम ज़मानत दी जाने लगी तो न तो किसी राजनेता को गिरफ्तार किया जा सकता है और ना ही उसे न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है। क्योंकि देश में पूरे साल कहीं न कहीं चुनाव की प्रक्रिया चलती रहती है।

इसलिए अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलती है तो इस आधार पर दूसरे मामलों में जेल में बंद राजनेता भी ऐसी ही राहत की मांग कर सकते हैं। मसलन केजरीवाल को अन्तरिम ज़मानत देना भेदभावपूर्ण होगा। इस प्रकार से तो एक किसान और एक कारोबारी के लिए अपना काम किसी राजनेता के चुनाव प्रचार करने से कम अहमियत नहीं है। फिर तो किसानों को अपनी फसलों के लिये और कंपनी डायरेक्टर को मीटिंग के लिये ज़मानत दी जा सकती है। और अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर राजनेता के लिए भी अलग से कैटेगरी नहीं बनाई जा सकती।

ईडी ने कहा कि, केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से एक ऐसा उदाहरण पेश होगा जिसके तहत बेईमान राजनेता गुनाह करके, चुनाव की आड़ में जांच से बचने की कोशिश करेंगे। ईडी ने कहा कि, एक राजनेता एक सामान्य नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता है और उसे किसी अन्य नागरिक की तरह ही अपराध करने पर उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और हिरासत में लिया जा सकता है।

ईडी का हलफनामा

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केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कब?