Earthquake in Ladakh| 8 घंटे में दूसरी बार भूकंप, हिल गई धरती; लद्दाख के पास केंद्र, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता

8 घंटे में दूसरी बार भूकंप, हिल गई धरती; लद्दाख के पास केंद्र, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता

Earthquake in Ladakh Latest Update News

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Earthquake in Ladakh: पिछले कुछ महीनों में भूकंप से कई बार भारत की धरती हिल चुकी है और यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। हालांकि, भूकंप से अब तक भारत में कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन दुनिया के अन्य हिस्से भूकंप से जानी-माली नुकसान उठा चुके हैं। वहीं एक बार फिर से भूकंप के झटके लगे हैं. भूकंप का केंद्र लेह-लद्दाख रहा। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.7 मापी गई है। भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते नुकसान की कोई खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, शनिवार शाम 4 बजकर 29 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।

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शनिवार सुबह भी आया था भूकंप

इससे पहले आज शनिवार सुबह ही लद्दाख के पास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। दूसरी बार भूकंप के झटके 8 घंटे के भीतर लगे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज शनिवार सुबह 8 बजकर 25 मिनट पहली बार भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र लद्दाख था और भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई थी। वहीं आज शनिवार सुबह ही बांग्लादेश भी तेज भूकंप से हिल गया। बांग्लादेश में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, बांग्लादेश से कोई नुकसान की खबर नहीं है।

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क्यों आता है भूकंप?

बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्‍टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।