ज़िंदगियों में रोशनी भरना: डॉ. बलबीर सिंह ने नेत्रदान संबंधी मुहिम के ज़रिए अंधापन दूर करने की की अगुवाई

ILLUMINATE LIVES
* स्वास्थ्य मंत्री द्वारा 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ
चंडीगढ़, 25 अगस्त: ILLUMINATE LIVES: नेत्रदान के महत्व पर जागरूकता फैलाने और प्रत्यारोपण हेतु कॉर्निया की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से, पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज 25 अगस्त से 8 सितंबर, 2025 तक मनाए जाने वाले 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ किया।
नागरिकों से नेत्रदान के लिए आगे आने की अपील करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में लगभग 1.1 मिलियन लोग कॉर्नियल अंधत्व से पीड़ित हैं। हर साल करीब 25,000 नए मामले सामने आते हैं, जिससे पहले से सीमित संसाधनों पर और दबाव पड़ता है। देश को हर वर्ष 1 लाख से अधिक कॉर्नियल प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, जबकि केवल 25,000 से 40,000 प्रत्यारोपण ही हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के नेत्रदान से कॉर्नियल अंधत्व से पीड़ित दो लोगों की दृष्टि बहाल की जा सकती है, जिससे देश को कॉर्नियल अंधत्व मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है। इस पहल का उद्देश्य पूरे राज्य में सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों के माध्यम से जनता को जागरूक करना है।
डॉ. बलबीर सिंह ने नेत्रदान की महत्ता और इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “नेत्रदान करना आधुनिक चिकित्सा का एक चमत्कार है, जहाँ एक निर्णय दो व्यक्तियों की दुनिया को रोशन कर सकता है।” उन्होंने कहा कि यह निःस्वार्थ कार्य दानदाता के जाने के बाद भी किसी को दुनिया देखने का अवसर प्रदान करता है। आँखों की रोशनी का उपहार देकर, दानदाता प्राप्तकर्ताओं को अपने प्रियजनों से दोबारा जुड़ने, सुखों का आनंद लेने और जीवन की सुंदरता का अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे पास कुशल सर्जन, तकनीक और अवसंरचना है, लेकिन हमारे पास दानदाताओं की कमी है। यह पखवाड़ा उस कमी को पूरा करने का हमारा मिशन है।” डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब में वर्तमान में 10 पंजीकृत नेत्र बैंक और 21 प्रत्यारोपण केंद्र हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष 985 सफल केराटोप्लास्टी की हैं।
नेत्रदान की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने परिवारिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। वचनबद्ध होने के बाद दानकर्ताओं को अपने परिवार को सूचित करना चाहिए, ताकि प्रक्रिया सुचारु हो सके। दानकर्ता की मृत्यु की स्थिति में परिवार को तुरंत नज़दीकी नेत्र बैंक से संपर्क करना चाहिए। यह आवश्यक है कि प्रत्यारोपण के लिए कॉर्निया मृत्यु के 6 घंटे के भीतर प्राप्त किया जाए। इन कदमों का पालन कर परिवार जरूरतमंदों को दृष्टि प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. हितिंदर कौर ने राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के लिए योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पंजाबभर में टीमें सूचना, शिक्षा और संचार अभियानों का संचालन करेंगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नेत्रदान से जुड़ी मिथकों, अंधविश्वासों और भ्रांतियों को दूर करना है। सही जानकारी उपलब्ध कराकर, यह अभियान लोगों को नेत्रदान का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे जरूरतमंदों को दृष्टि प्रदान करने के इस नेक कार्य में योगदान होगा। इस अभियान के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति उम्र, लिंग, रक्त समूह या धर्म की परवाह किए बिना नेत्रदान कर सकता है। यह प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेगा और दानदाता के परिवार के लिए पूर्णतः निःशुल्क है।
एन.पी.सी.बी.वी.आई. की ओर से डॉ. नीति सिंगला ने बताया कि पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को विभिन्न आई.ई.सी. गतिविधियाँ आयोजित करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि नेत्रदान का संकल्प नोटो वेबसाइट (https://notto.abdm.gov.in/) पर लिया जा सकता है और संकल्प लेने के बाद संकल्प प्रमाणपत्र डाउनलोड किया जा सकता है।