Delhi High Court on Kejriwal- केजरीवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; कहा- अवैध नहीं है गिरफ्तारी, ED के पास पर्याप्त कारण थे

केजरीवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; कहा- अवैध नहीं है गिरफ्तारी, ED के पास पर्याप्त कारण थे, CM के लिए यहां अलग कानून नहीं

Delhi High Court Says ED Arrest Arvind Kejriwal VALID Remand Also Not Illegal

Delhi High Court Says ED Arrest Arvind Kejriwal VALID Remand Also Not Illegal

Delhi High Court on Kejriwal: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शराब घोटाले में ईडी द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध मानी है। साथ ही हाईकोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड को भी अवैध नहीं ठहराया है। बता दें कि, केजरीवाल ने 23 मार्च को हाईकोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका लगाई थी। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट में 3 अप्रैल को सुनवाई पूरी हुई और तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हाईकोर्ट ने कहा- CM के लिए यहां अलग कानून नहीं

हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल की याचिका और दलीलों में सरकारी गवाहों के बयानों को अविश्वसनीय करार दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी गवाहों के संबंध में कानून 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह कोई एक साल पुराना कानून नहीं है जिससे लगे कि यह याचिकाकर्ता को झूठा फंसाने के लिए बनाया गया है. इसलिए यह कोर्ट आम नागरिकों के लिए कुछ और व मुख्यमंत्री को विशेष विशेषाधिकार देने के लिए कानूनों की विभिन्न श्रेणियां निर्धारित नहीं करेगा। कोर्ट ने टिप्पणी की कि आपराधिक न्यायशास्त्र के तहत जांच एजेंसी को किसी व्यक्ति की सुविधा के अनुसार जांच करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है। जांच एजेंसी अपने हिसाब से काम करने के लिए स्वतंत्र है।

हाईकोर्ट ने कहा- हम राजनीति से नहीं बंधे

हाईकोर्ट ने कहा कि, हम यहां मामले में चुनाव के समय या माहौल को नहीं देख रहे हैं। हम सिर्फ कानून के अनुसार अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कर रहे हैं। कोर्ट ने यह पाया है कि, ईडी के पास पर्याप्त सामग्री थी जिसके कारण जांच एजेंसी को केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा। केजरीवाल के जांच में शामिल न होने, उनके द्वारा की गई देरी का असर भी पड़ा।

यहां केजरीवाल और केंद्र सरकार का टकराव नहीं

हाईकोर्ट ने कहा कि, जज कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं। इसलिए यहां निर्णय कानूनी सिद्धांतों के आधार पर लिखे जाते हैं, न कि राजनीतिक संबद्धताओं के आधार पर। राजनीतिक विचारों को कोर्ट के समक्ष नहीं लाया जा सकता। इसलिए इस कोर्ट के समक्ष मामला केंद्र सरकार और केजरीवाल के बीच टकराव का नहीं है। यह केजरीवाल और ईडी के बीच का मामला है और हम संवैधानिक नैतिकता से चिंतित हैं न कि राजनीतिक नैतिकता से।

तिहाड़ जेल में बंद हैं केजरीवाल

मालूम रहे कि, ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला में सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने सीएम हाउस पहुंचकर छानबीन और लगभग दो घंटे तक केजरीवाल से पूछताक्ष की थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था। इसके बाद केजरीवाल की रिमांड दोबारा 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। वहीं 1 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया।​​​​​​ जिसके बाद से वह पिछले 9 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

ईडी ने केजरीवाल को बताया है सरगना

शराब घोटाले को लेकर ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली शराब नीति को तैयार करने और लागू करने में बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में बयान देते हुए हाल ही में कहा था कि, अरविंद केजरीवाल मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह सरगना हैं। ईडी का कहना था कि दिल्ली शराब नीति घोटाले से अर्जित किए गए पैसे गोवा चुनाव में भी इस्तेमाल किए गए। हवाला के जरिये लगभग 45 करोड़ रुपये गोवा चुनाव के लिए पहुंचाए गए। इसके अलावा शराब घोटाले के पैसे केजरीवाल और आम आदमी पार्टी द्वारा अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किए गए हैं।