साइबर सैल पुलिस ने ऑनलाइन जॉब फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को किया काबू

साइबर सैल पुलिस ने ऑनलाइन जॉब फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को किया काबू

Online Job Fraud Case

Online Job Fraud Case

इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम को फिर बड़ी कामयाबी।
साइबर सैल पुलिस ने ऑनलाइन जॉब फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को किया काबू।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Online Job Fraud Case: यूटी पुलिस का अहम थाना माने जाने वाले साइबर सैल पुलिस की प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम को फिर उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली।जब उनकी टीम ने काफी मस्कत करने के बाद ऑनलाइन जॉब फ्रॉड मामले में दो शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियो की पहचान पंजाब के जिला मोहाली के रहने वाले 40 वर्षीय सनी और 43 वर्षीय विजय कुमार के रूप में हुई है।

पकड़े गए आरोपियो के खिलाफ केस एफआईआर नंबर 41,धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 61(2) भारतीय न्याय संहिता थाना साइबर सैल सैक्टर 17 चंडीगढ़ में 19 अप्रैल 2025 को मामला दर्ज है। जानकारी के अनुसार थाना साइबर सैल पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते साइबर सैल के डीएसपी ए वेंकटेश की सुपरविजन में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने आरोपियों को टेक्निकल तकनीक के जरिए गिरफ्तार कर मामले को लिया।बता दे कि थाना साइबर सैल पुलिस जल्द ही एक और ठगी करने वालों के नेटवर्क का खुलासा करेगी।

केस समरी

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता सैक्टर 11 निवासी पीड़िता महिला ने पुलिस को बताया था कि ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब की तलाश करते समय ठगी की शिकायत की थी। उन्हें अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला।जिसमें वीडियो पर लाइक जैसे सरल कार्य करने की पेशकश की गई थी। इसके बाद आरोपी ने उन्हें एक टेलीग्राम समूह में भेज दिया।जहां उन्हें अतिरिक्त कार्य सौंपे गए। जिसमें उच्च रिटर्न के वादे के साथ पूर्व भुगतान शामिल था।  शुरुआत में, शिकायतकर्ता ने 1,000 का निवेश किया और 1,300 प्राप्त किए।जिससे उस पर भरोसा करने का झूठा भरोसा पैदा हुआ। हालांकि, बाद में उसे धीरे-धीरे बड़े भुगतान करने के लिए प्रेरित किया गया। कुल मिलाकर, उसके साथ 10,99,520 की धोखाधड़ी की गई।

गिरफ़्तारी और जांच:

खाता विश्लेषण और डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रखे गए हैं।और वित्तीय और साइबर फोरेंसिक उपकरणों के माध्यम से धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया जा रहा है।  पुलिस ने 30 मई 2025 को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।प्रत्यक्ष लाभार्थी के रूप में पहचान की गई।उसके खाते में 50,000 प्राप्त हुए।सनी ने एक अन्य आरोपी को लालच देकर कमीशन पर बैंक खाता खोलने की बात कबूल की।साथ ही विजय कुमार सनी को अन्य आरोपियों से मिलवाया।धोखाधड़ी वाली बैंकिंग व्यवस्था को सुगम बनाया।

पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अपनी भूमिकाएँ स्वीकार कीं और बताया कि अन्य आरोपी एक अन्य प्रमुख संदिग्ध है। उसे ढूँढने और पकड़ने के प्रयास जारी हैं।जाँच आगे बढ़ने पर आगे की गिरफ़्तारियाँ और बरामदगी की उम्मीद है।

जनता के लिए एडवाइजरी

नौकरी के लिए कभी भी भुगतान न करें- वास्तविक नियोक्ता पंजीकरण, प्रशिक्षण या कार्य असाइनमेंट के लिए पैसे नहीं माँगते हैं।

व्हाट्सएप/टेलीग्राम पर अज्ञात नौकरी के प्रस्तावों से बचें- यदि आपको अज्ञात नंबरों से नौकरी के संदेश मिलते हैं या संदिग्ध समूहों में शामिल होने के लिए कहा जाता है - तो यह एक संभावित खतरा है।  घोटाला हों सकता।

कंपनी विवरण वेरिफाई करें- किसी से जुड़ने से पहले हमेशा नियोक्ता की आधिकारिक वेबसाइट या लिंक्डइन के माध्यम से उसकी जांच करें।

व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें- धोखेबाज़ आपके आधार, पैन या बैंक खाते के विवरण का दुरुपयोग करके अपराध कर सकते हैं।

तुरंत रिपोर्ट करें- अगर धोखा हुआ है या संदेह है, तो 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर जाएँ