Criminal revision application: मोहन भागवत के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल रिवीजन अर्जी खारिज, देखें क्‍या था छह साल पुराना मामला

Criminal revision application: मोहन भागवत के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल रिवीजन अर्जी खारिज, देखें क्‍या था छह साल पुराना मामला

Criminal revision application

Criminal revision application

लखनऊ: Criminal revision application: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) प्रमुख मोहन भागवत तथा अन्य के खिलाफ भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका को लखनऊ की अपर जिला अदालत ने नामंजूर कर दिया है. अपर जिला न्यायाधीश विनय सिंह ने यह आदेश ब्रह्मेंद्र सिंह मौर्य नामक व्यक्ति की पुनरीक्षण याचिका पर दिया है.

मौर्य ने संघ प्रमुख भागवत तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ दाखिल शिकायत को रद्द करने वाली मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को इस पुनरीक्षण याचिका के जरिए चुनौती दी थी. हालांकि, अपर जिला अदालत ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया है.

याचिकाकर्ता मौर्य ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत तथा अन्य आरोपियों ने वर्ष 2016 में भगवान बुद्ध के अनुयायियों और सम्राट अशोक के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी और राजस्थान के एक हिंदी दैनिक अखबार ने इससे संबंधित खबर प्रकाशित की थी.

मौर्य का कहना था कि उन्होंने उस खबर की कतरन व्हाट्सएप पर देखी थी और उसे पढ़कर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है.